ग्रेटर नोएडा में ऑनलाइन लगेगी हाजिरी, BSA कार्यालय पहुंचे टेबलेट
Greater Noida: जिले के चारोंं ब्लाक में संचालित 511 परिषदीय स्कूलों के शिक्षक जल्द ऑनलाइन हाजिरी लगाते हुए दिखाई देंगे। दैनिक जागरण ने 23 नवंबर के अंक में बगैर टेबलेट, ऑनलाइन हाजिरी के सपने शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। खबर के प्रकाशित होने के बाद विभाग हरकत में आया और सप्लाई करने वाली कंपनी को जल्द से जल्द डिलीवरी करने का आदेश दिया।
सूरजपुर स्थित बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सोमवार को 872 टेबलेट पहुंच गए है। अब बीएसए कार्यालय से टेबलेट को ब्लाक संसाधन केंद्र पर भेजा जाएगा। जहां से स्कूलों में टेबलेट जाएंगे। नई शिक्षा नीति के तहत पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से कई कदम उठाए जा रहे है।
इसके साथ ही निजी स्कूलों की तर्ज पर परिषदीय स्कूलों को हाईटेक बनाने पर जोर है। ऑनलाइन हाजिरी के साथ ही 12 राजिस्टरों का बोझ भी शिक्षकों के ऊपर से कम किया जा रहा है। टैबलेट की सहायता से अब उपस्थिति पंजिका, प्रवेश पंजिका, कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका, एमडीएम पंजिका, स्टाक पंजिका, निरीक्षण पंजिका, आय-व्यय व चेक इश्यू पंजिका, बैठक पंजिका आदि का डिजिटाइजेशन भी होगा। प्राथमिक और कंपोजिट स्कूलों में दो-दो टेबलेट दिए जाएंगे।
वहीं, उच्च प्राथमिक स्कूलों में एक-एक टेबलेट प्रधानाचार्य को मिलेंगे। शिक्षक संघ की ओर से आनलाइन हाजिरी का विरोध किया जा रहा है। संघ का कहना हैं कि हर नियम शिक्षकों पर ही लागू कर दिया जाता है। पहले अधिकारियों की आनलाइन हाजिरी हो इसके बाद ही शिक्षक ऑनलाइन हाजिरी लगाएंगे। गांव में नेटवर्क की समस्या बड़ी है। आए दिन शिक्षकों का इससे शोषण होगा।
अभिभावकों के साथ संवाद कर शैक्षिक प्रगति बताएंगे शिक्षक
परिषदीय स्कूलों में लगातार बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। निजी स्कूलों की तरह स्मार्ट बोर्ड के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। इससे छात्रों की शैक्षिक प्रगति के ग्राफ में इजाफा देखा जा रहा है। छात्रों की प्रगति से अभिभावकों को अवगत कराने के लिए विभाग की ओर से नवाचार किया गया है।
अब छात्रों की प्रगति को शिक्षक, एआरपी व शिक्षक संकुल समय-समय पर छात्रों के घर जाकर अभिभावकों से संवाद करेंगे। स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए शासन की ओर से कई प्रयास किए जा रहे है। स्कूल से गायब रहने पर वाले छात्रों को जोड़ने के लिए उनके अभिभावकों से संवाद कर समाधान की कोशिश की जाएगी।
इसके अलावा महीने में एक बार अभिभावकों-शिक्षकों की संयुक्त बैठक और हर तीन महीने में शिक्षा चौपाल का आयोजन भी किया जाएगा। सरकारी योजनाओं, डीबीटी आदि के बारे में भी बताएंगे। कमजोर छात्रों का शैक्षिक स्तर सुधारने में अभिभावकों का भी सहयोग मिलेगा। स्कूलों में खेलकूद से लेकर पठन-पाठन से जुड़ी रुचिकर चीजों की व्यवस्था की गई है, जो काफी सहयोगी होगी। यह प्रक्रिया स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए कारगर साबित हो सकती है।
विभाग के अधिकारियों का मानना हैं कि इससे करीब 20 प्रतिशत तक छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही अब कस्तूरबा