एक दशक से चैंबरों की राह देख रहे युवा अधिवक्ताओं की समस्या जल्द ही होगी दूर, देखिए क्या कहा हाईकोर्ट ने
GREATER NOIDA: एक दशक से चैंबरों की राह देख रहे युवा अधिवक्ताओं की समस्या जल्द ही दूर हाे जाएगी। हाईकोर्ट ने 256 चैंबरों के निर्माण के लिए नक्शे को अनुमति दे दी है। नए चैंबर पुराने के ऊपर बनाए जाएंगे। इससे 500 से ज्यादा अधिवक्ताओं को बैठने की जगह मिलेगी।
करीब एक दशक पहले फेज-दो से जिला अदालत सूरजपुर स्थित परिसर में स्थानांतरित हुई थी। उस समय यहां पर चैंबर अलॉट किए गए। तब करीब 700 अधिवक्ताओं को चैंबर मिल गए थे। मगर हर साल सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ता परीक्षा पास करके अदालत में आ रहे हैं। ऐसे में कुछ साल में एक हजार से अधिक युवा अधिवक्ता बिना चेंबर के वकालत करने को मजबूर हैं।
चुनाव के बजाय अधिवक्ता कल्याण पर खर्च हो राशि
जिला एवं सत्र न्यायालय में हर साल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के लिए चुनाव कराया जाता है। बताया जाता है कि अध्यक्ष पद के प्रत्याशी के करीब 50 लाख रुपये तो सचिव के करीब 20 से 25 लाख रुपये खर्च होते हैं। अब अधिवक्ताओं की ओर से यह चर्चा होने लगी है कि यह राशि एकत्र करके अधिवक्ता कल्याण पर खर्च होनी चाहिए। चुनाव पर खर्च होने वाली राशि सभी प्रत्याशियों से लेकर एक कोष में डाली जाए और उससे युवा अधिवक्ताओं को बेरोजगारी भत्ते की तरह राशि देनी चाहिए।
क्या कहते हैं अधिवक्ता
अपने कार्यकाल में चैंबरों को बनवाने के लिए नक्शा बनवाकर मिट्टी का टेस्ट कराया था, लेकिन फाइल हाईकोर्ट में अनुमति के लिए रुकी हुई थी। अब युवा अधिवक्ताओं को चैंबर मिल सकेंगे। - सुशील भाटी, पूर्व अध्यक्ष बार एसोसिएशन
इस बार चुनाव के दौरान युवा अधिवक्ताओं को चैंबर दिलाने का वादा किया था और अब हाइकोर्ट से अनुमति मिल गई है। जल्द ही नक्शे के अनुसार अदालत में चैंबरों का काम शुरू कराया जाएगा। - कालूराम चौधरी, अध्यक्ष बार एसोसिएशन
काफी लंबे समय से चैंबरों के लिए प्रयास किया जा रहा था, लेकिन अब हाईकोर्ट ने अनुमति दे दी है। इससे काफी अधिवक्ताओं को लाभ मिलेगा और वह अपने चैंबर में बैठ सकेंगे। - नीरज तंवर,सचिव बार एसोसिएशन।
युवा अधिवक्ता के सामने चुनौती होती है कि वह स्वयं के पैरों पर खड़ा हो सके, लेकिन जब तक स्वयं का चैंबर नहीं होता है तो उसे पूर्ण रूप से अधिवक्ता होने का अहसास नहीं होता है। - अमित भाटी, युवा अधिवक्ता।
हर युवा अधिवक्ता एक समय के बाद अपना चैंबर चाहता है। यह लड़ाई युवा अधिवक्ता काफी समय से लड़ रहे थे और अब पूरी हो रही हे।- रेनू सिंह, युवा अधिवक्ता।