ऐसी भी क्या जल्दी थी कि युवक का लावारिस में पोस्टमॉर्टम करा दिया, नोएडा पुलिस सवालों के घेरे में

ऐसी भी क्या जल्दी थी कि युवक का लावारिस में पोस्टमॉर्टम करा दिया, नोएडा पुलिस सवालों के घेरे में

Greater Noida: उत्तर प्रदेश की नोएडा कमिश्नरेट पुलिस अपनी कार्यप्रणाली की वजह से एक बार फिर सवालों के घेरे में है। दरअसल, ग्रेटर नोएडा के थाना बिसरख क्षेत्र के तहत आने वाली एक हाउसिंग सोसाइटी के फ्लैट में रहने वाली एक महिला ने अपनी पति की गुमशुदगी के बारे में 7 अक्टूबर की सुबह को थाना पुलिस को सूचना दी।

परिजनों ने नोएडा कमिश्नरेट पुलिस पर गुमशुदगी वाले मामले में 24 घंटे के अंदर शिकायत की रिपोर्ट न दर्ज करने का हवाला देते हुए और समय सीमा के अंदर कोई कार्रवाई न करने की बात कहकर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि बिना परिजनों की अनुमति के पुलिस ने मृतक का पोस्टमॉर्टम करा दिया। पुलिस ने परिजनों की रजामंदी लेने की भी जरूरत नहीं समझी।

मूलरूप से फरीदाबाद के रहने वाले अमित कुमार सिंह ग्रेटर नोएडा वेस्ट की ऐस सिटी सोसाइटी में अपनी पत्नी और एक बच्ची के साथ रहते थे। वह बैंक से लोन दिलाने और रिकवरी एजेंट का काम करते थे। रविवार की रात अपहरण करने के बाद अमित की हत्या कर दी गई। युवक का शव सोमवार की सुबह थाना दादरी क्षेत्र में सड़क किनारे दादरी पुलिस को पड़ा मिला था। पुलिस ने शव की बिना शिनाख्त किए लावारिस समझ कर पोस्टमॉर्टम करा दिया। इसके बाद स्थानीय पुलिस की ओर से मृतक परिजन के घर मंगलवार रात पुलिसकर्मी को भेज कर सूचना दी गई। बाद में परिजन ने पुलिस पर ही लापरवाही से काम करने का आरोप लगाया है।

पीड़ित परिजन ने अब इस मामले में न्याय की मांग की है। पीड़ित परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया कि प्राथमिकी दर्ज करने के बावजूद पुलिस ने शव मिलने के बाद लावारिस में युवक का पोस्टमॉर्टम करा दिया। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराने से पहले एक बार भी शव की शिनाख्त करने की भी जरूरत नहीं समझी। परिजनों की मर्जी भी पूछना मुनासिब नहीं समझा।

पोस्टमॉर्टम कराने के बाद उनके घर पर देर रात आकर पुलिस ने इसकी जानकारी दी है। पीड़ित परिजनों का आरोप है कि अगर पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेती तो शायद अमित आज उनके बीच में होते। उसकी जान बच जाती। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। परिजनों ने बताया कि कार्रवाई भी तब हुई जब हमने अपने किसी जानकार पुलिसकर्मी से सम्पर्क कर अपनी सारी आपबीती बताई। तब जाकर उनके हस्तक्षेप के बाद नोएडा पुलिस ने कार्रवाई की।

गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह से जब परिजनों की अनुमति के बिना पुलिस की ओर से शव का शिनाख्त करने से पहले पोस्टमॉर्टम कराने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। वॉट्सऐप पर मैसेज भेज कर पुलिस का पक्ष जानने के लिए उनसे सम्पर्क किया गया तो उन्होंने नोएडा पुलिस की लापरवाही पर कुछ भी बोलना मुनासिब नहीं समझा। लक्ष्मी सिंह ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर चुप्पी साध ली। उनकी तरफ से खबर लिखे जाने तक अब तक कोई जवाब नहीं आया है। जब इस तरह से पुलिस कमिश्नर की ओर से गैर जिम्मेदाराना बर्ताव देखने को मिल रहा है तो अन्य पुलिस अधिकारियों से जिले की जनता क्या उम्मीद रख सकती है।

पुलिस की ओर से जानकारी मिलने के बाद अब इस मामले में मृतक की पत्नी ने थाना दादरी में दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। अमित कुमार की पत्नी मनीषा ने पुलिस को बताया कि रविवार की रात करीब सवा ग्यारह बजे उनके पति अमित के पास किसी का फोन आया। इसके बाद वह घर से निकले और यह कह कर गए थे कि 15 मिनट में वापस आ रहा हूं। इसके बाद वह घर नहीं लौटे और उनका फोन बंद हो गया। सोमवार की सुबह मनीषा ने पति के लापता होने की सूचना थाना बिसरख पुलिस को दी। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर अमित की तलाश करनी शुरू कर दी, लेकिन कोई पता नहीं चला।

इसी दौरान सोमवार की सुबह दादरी क्षेत्र में हायर कंपनी के समीप सड़क किनारे एक अज्ञात शव पड़ा मिला। पुलिस ने अमित की पत्नी को मोबाइल में शव का फोटो दिखाया था। पत्नी ने फोटो देखकर शव की पहचान की। इसके बाद अमित की पत्नी ने दादरी कोतवाली में रमेश और सचिन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। मनीषा ने पुलिस को बताया कि दोनों आरोपी उनके पति के साथ काम करते थे। रुपये के लेन-देन को लेकर दोनों ने मिलकर उनके पति की हत्या की है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का दावा है कि जल्द घटना का खुलासा किया जाएगा।