उद्यमियों व व्यापारियों को अर्थदंड और ब्याज में दी जाएगी छूट

Noida: राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एस जीएसटी) विभाग को एमनेस्टी स्कीम के तहत लगभग 118 करोड़ रुपये का बकाया मिलने की उम्मीद है। इस स्कीम के तहत अभी तक 718 व्यापारियों और उद्यमियों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराकर ब्याज और अर्थदंड में छूट के लिए आवेदन किया है। गौतमबुद्ध नगर जोनल अपर आयुक्त (जीएसटी) ने इस बात की पुष्टि की है और बताया कि एमनेस्टी स्कीम का उद्देश्य उन व्यापारियों और उद्यमियों को राहत देना है, जिन्होंने जीएसटी भुगतान में चूक की है। इस योजना के तहत उद्यमियों व व्यापारियों पर लगाए गए अर्थदंड और ब्याज में छूट दी जाएगी।
राज्य सरकार ने बकायों को निपटाने के लिए एमनेस्टी स्कीम जारी की है, जो 31 मार्च तक जारी रहेगी। इस दौरान उद्यमी व व्यापारी पोर्टल के माध्यम से छूट के लिए आवेदन कर सकते हैं। जोनल अपर आयुक्त (जीएसटी) चांदनी सिंह ने बताया कि एक जुलाई 2017 से 31 मार्च 2020 के दौरान वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम की धारा-73 के अंतर्गत पारित आदेश में सृजित की गई मांग के क्रम में अर्थदंड और ब्याज माफी योजना एमनेस्टी लागू की गई है। जीएसटी में पंजीकृत उद्यमी व व्यापारी पंजीकरण के बाद इसका लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए उन्हें पूर्व में दाखिल अपील वापस लेना होगा और एक शपथ पत्र भी विभाग में जमा कराना होगा। इसके लिए जीएसटी कॉमन पोर्टल पर एसपीएल 1 और फॉर्म जीएसटी एसपीएल 2 आॅनलाइन पोर्टल पर मौजूद है।
जोनल अपर आयुक्त (जीएसटी) चांदनी सिंह ने बताया कि इस योजना के तहत व्यापारियों को एक निर्धारित समय-सीमा के भीतर अपने बकाये का भुगतान करने पर अर्थदंड और ब्याज से छूट दी जानी है। यह कदम व्यापारियों को बकाये के भुगतान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि हो सके। नोएडा जोन में अभी तक 718 व्यापारियों और उद्यमियों ने इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए आवेदन किया है। उनका कहना है कि ये व्यापारी अब बकाया रकम का भुगतान बिना किसी अतिरिक्त दंड और ब्याज के कर सकेंगे। इससे राज्य सरकार को 118 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है।