सरकार और सरकारी तंत्र को “कुछ” भी नहीं मानते नोएडा के बिल्डर

सरकार और सरकारी तंत्र को “कुछ” भी नहीं मानते नोएडा के बिल्डर

Noida: नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में सक्रिय बिल्डर खूब मनमानी करते हैं। नोएडा के बिल्डरों की मनमानी के कारनामे आपने खूब पढ़े तथा सुने होंगे। नोएडा में सक्रिय अनेक बिल्डरों ने नोएडा ही नहीं बल्कि देश भर के लाखों फ्लैट बॉयर्स को ठगा है। यह तथ्य भी सामने आ रहा है कि नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा के बिल्डर सरकार तथा सरकारी तंत्र को भी “कुछ” नहीं मानते। नोएडा क्षेत्र के बिल्डर सरकारी तंत्र को खुलेआम ठेंगा दिखा रहे हैं।

आपको पता है कि बिल्डरों को नियंत्रित करने तथा रियल एस्टेट के काम को सुचारू बनाने के लिए सरकार भूसपंदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) का गठन कर रखा है। उत्तर प्रदेश में भी उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) स्थापित है। नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा के बिल्डर यूपी रेरा के निर्देश भी मानने को तैयार नहीं है। रविवार को प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के 1550 पंजीकृत बिल्डरों में से 1300 बिल्डरों ने यूपी रेरा का निर्देश नहीं माना है। इन 1300 बिल्डरों में अधिकतर बिल्डर नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में सक्रिय हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा समेत उत्तर प्रदेश के 1300 बिल्डरों ने उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) के साथ पत्राचार करने के लिए अब तक अपना प्रशासनिक और कानूनी प्रतिनिधि अधिकृत नहीं किया है, जबकि प्राधिकरण ने पांच माह पहले आदेश जारी किया था। अब तक केवल 250 बिल्डरों ने कानूनी प्रतिनिधि की जानकारी दी है। वहीं, यूपी रेरा ने बिल्डरों को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि तत्काल अधिकारी अधिकृत नहीं करने पर यूपी रेरा के साथ पत्राचार रोक दिया जाएगा।

यूपी रेरा में इस समय 1550 बिल्डर पंजीकृत है। इनके 3633 प्रोजेक्ट हैं। इन प्रोजेक्टों के खरीदार लगातार यूपी रेरा में शिकायत कर रहे हैं, लेकिन उनका समय से निस्तारण नहीं हो पा रहा है। इसका मुख्य कारण बिल्डरों की तरफ से जिम्मेदार अधिकारी की कमी होना है। इस पर यूपी रेरा ने जनवरी में एक आदेश जारी किया था। प्रदेश के सभी बिल्डरों को कानूनी और प्रशासनिक अधिकारी अधिकृत करने का आदेश दिया। इसकी जानकारी बिल्डरों को यूपी रेरा के पोर्टल पर देनी थी, लेकिन पांच माह बीतने के बाद भी केवल 250 बिल्डरों ने जानकारी दी है। इन 250 बिल्डर ने भी केवल कानूनी अधिकारी अधिकृत करने की जानकारी दी है, जबकि प्रशासनिक अधिकारी की जानकारी नहीं दी है। जिस पर यूपी रेरा ने सभी बिल्डरों को नोटिस जारी चेतावनी दी है। अफसरों ने बताया कि इन 250 बिल्डरों के कानूनी अधिकारी को ही प्रशासनिक अधिकारी माना जाएगा।