नोएडा के सरकारी स्कूलों में होगी AI और कोडिंग की पढ़ाई
Noida: उत्तर प्रदेश के नोएडा में सरकारी स्कूल के छात्र भी आधुनिक शिक्षा हासिल करेंगे। नई शिक्षा नीति-2020 के तहत तकनीकी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। गौतमबुद्ध नगर जिले के सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से लेकर 8 तक के छात्र डिजिटल साक्षरता, कोडिंग और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) की पढ़ाई करेंगे। बच्चों की विज्ञान की किताबों में एआई से जुड़े सिलेबस को शामिल किया जाएगा। इसके लिए दो अकैडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) ने राज्य स्तरीय प्रशिक्षण लिया है। इसके बाद मार्च में मास्टर ट्रेनर ने डायट पर सभी शिक्षकों को ट्रेनिंग दी है।
गौतमबुद्ध नगर में 511 सरकारी स्कूलों में करीब एक लाख बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। परिषदीय विद्यालयों के भौतिक कायाकल्प के साथ ही सरकारी स्कूलों में बच्चों को आधुनिक डिजिटल शिक्षा दिलाने का प्रयास किया जा रहा हैं। विभाग ने परिषदीय विद्यालयों और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं को कोडिंग सिखाने की योजना बनाई है। इसे नए सत्र से पूरे प्रदेश के स्कूलों में लागू किया है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल पंवार ने बताया कि कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों को राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद की ओर से किताबों में पूर्व में दिए गए कंप्यूटर के सिलेबस को विस्तृत कर उसमें कोडिंग और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को शामिल किया गया है। सरकारी स्कूल में सहायक अध्यापक शबनम अधाना और अर्चना पांडेय ने बताया कि कक्षा छह में कंप्यूटर, माइक्रोसॉफ्ट पेंट, माइक्रोसाफ्ट वर्ड, स्क्रैच, पाइथन और एआई का अध्याय शामिल किया गया है।
टीचर्स ने बताया कि कक्षा सात में कंप्यूटर एवं इंटरनेट, माइक्रोसॉफ्ट वर्ड का प्रयोग, माइक्रोसॉफ्ट एक्सल, तार्किक सोच, कोडिंग, पाइथन टोकन और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को जोड़ा गया है। कक्षा आठ में विज्ञान विषय में विद्यार्थी नेटवर्किंग, साइबर सुरक्षा, माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, माइक्रोसॉफ्ट एक्सल, कोडिंग, पाइथन में यूजर इनपुट के साथ-साथ डेटा और एआई के बारे में पढ़ाया जाएगा।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य राज सिंह यादव ने बताया कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने जनपद के मास्टर ट्रेनर्स को ट्रेनिंग दी थी। इसमें ट्रेनर धनराज, निधि, प्रताप, मनीष, उमेश राठी और रितु रत्न ने प्रशिक्षण लिया था। मार्च में डायट केंद्र पर स्कूलों में तैनात विज्ञान के करीब 200 से अधिक शिक्षकों को एआई, कोडिंग की जानकारी दी गई। हर शिक्षक को पांच-पांच दिन के लिए लैपटॉप दिया गया था, ताकि वे पूरी तरह से जानकारी ले सकें।