साढ़े तीन करोड़ की RRU के साथ 8 अरेस्ट, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद विदेशों में डिमांड, कबाड़ कारोबारी है सरगना

साढ़े तीन करोड़ की RRU के साथ 8 अरेस्ट, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद विदेशों में डिमांड, कबाड़ कारोबारी है सरगना

Noida: दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में मोबाइल टावर से आरआरयू (रेडियो रिसीवर यूनिट) चोरी करने वाले गैंग के 8 बदमाशों को स्वाट टीम और सूरजपुर पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया है। बदमाशों के पास से करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये कीमत की 35 आरआरयू बरामद की गई हैं। इसके अलावा उनके पास से एक कार, चोरी के उपकरण समेत अन्य सामान भी मिला है। आरआरयू की इंटरनैशनल मार्केट में काफी डिमांड है। यहां चोरी और सप्लाई करने वाले गैंग इसे डिब्बे के नाम से जानते हैं।

डीसीपी सेंट्रल शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि मोबाइल टावर से आरआरयू की चोरी की वारदात के बाद थाने के साथ स्वाट टीम को इसमें लगाया गया था। अब इस मामले में सलीम मलिक, अब्बास मलिक, सुहैल कुरैशी, शाहनवाज, शानू मलिक, शानू, इमरान और सलमान को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में अन्य कुछ बदमाशों के बारे में जानकारी मिली है। इनकी तलाश में टीम को लगाया गया है। साथ ही आरोपियों को पकड़ने वाली टीम को भी 25 हजार रुपये का इनाम दिया गया है।

जानकारी के अनुसार आरआरयू का सबसे बड़ा नेटवर्क दिल्ली से जुड़ा हुआ है। यहां मुस्तफाबाद से जावेद इसे ऑपरेट करता था। गाजियाबाद से इस पर 1 लाख रुपये का इनाम रखा गया था। दुबई से लौटने के बाद जावेद को दिल्ली से पकड़ा गया था। उसके गैंग पर करीब 2 साल से कार्रवाई चल रही है। इसके बाद स्क्रैप का काम करने वाले सलीम और अब्बास ने आरआरयू चोरी करने का अपना एक नेटवर्क खड़ा किया।

इसमें उन्होंने कुछ चोरों को हायर किया। इनसे रेकी कराने के बाद दिल्ली-एनसीआर और आसपास के राज्यों में ऐसे मोबाइल टावर जहां कोई गार्ड नहीं होता है, वहां चोरी की वारदात करने लगे। यह गैंग चोरी के बाद इन यूनिटों को मुस्तफाबाद और मुखर्जी नगर के सेंटर से आगे खपा रहे थे।

हाल में हुई बड़ी कार्रवाई के बाद सामने आया है कि आरआरयू यूनिट की सबसे ज्यादा डिमांड चीन से आती है। चीन में इन यूनिट की डिटेल को बदलकर आगे बेचा जाता है। रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद इसकी कीमत तेजी से बढ़ी है। इसका फायदा चोर उठा रहे हैं। जानकारी के अनुसार यह यूनिट चोरी के बाद दिल्ली जाती हैं। यहां से उन्हें विभिन्न पार्सल के माध्यम से चेन्नै, मुंबई और हैदराबाद पोर्ट तक भेजा जाता है। वहां से वह यूनिट चीन जाती हैं।

पुलिस जांच में यह सामने आया है कि आरआर यूनिट को विदेश भेजा जाता है। टावर से कॉल को कनेक्ट कराने वाली आरआर यूनिट को टावर का दिल कहा जाता है। इसकी मदद से कॉल कनेक्ट होती है। हाल में आरआरयू का ट्रेंड ऐसा हो गया है कि इंटरनेशनल मार्केट में ‘डिब्बे’ के नाम से जानी जाने वाली इस यूनिट को चोरी करने के लिए कई गैंग काम कर रहे हैं। आलम यह है कि एक टेलिकॉम कंपनी ने 2023 में 400 करोड़ रुपये से अधिक की आरआरयू चोरी होने के बाद डीजीपी तक को लेटर लिखा था।