पुलिस वाले का दर्द भी नहीं समझ सकी खाकी

पुलिस वाले का दर्द भी नहीं समझ सकी खाकी

घर से मात्र 20 किलोमीटर दूरी फिर भी लावारिश मे कर दिया अंतिम संस्कार ,गाजियाबाद पुलिस ने अपने स्टाफ को भी नहीं बख्शा 

मर्तक का बेटा भी यूपी पुलिस मे कार्यरत है 

Greater Noida : बंबावड़ गांव के रहने वाले कपिल नागर ने बताया है की करीब तीन महीने पहले लापता हुए उनके भाई सुरेंद्र नागर की गाजियाबाद के विजयनगर में लूटपाट का विरोध करने पर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने बताया की लूट के विरोध में हुई हत्या को छिपाने के लिए गाजियाबाद विजयनगर थाने की पुलिस ने मर्तक सुरेंद्र के शव का लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया। उन्होंने बताया कि वे विजयनगर थाने में करीब आठ बार गए थे लेकिन पुलिस ने किसी भी लावारिस शव मिलने की जानकारी नहीं दी। उन्होंने बताया की पुलिस के कहना है की उन्होंने उनके भाई का अंतिम संस्कार 3 अगस्त को किया था जबकि उसी दिन शाम को बादलपुर

पुलिस के साथ थाना विजयनगर मे गुमशुदा का पोस्टर लगाने गए थे उस दौरान लिया गया फोटो भी उनके पास है लेकिन उस दिन भी विजयनगर पुलिस ने किसी लावारिस शव के बारे मे नहीं बताया !

परिजनों ने आरोप लगाया है की करीब 2 महीनो तक पुलिस मोबाइल खुलने का इंतज़ार करती रही और करीब दो महीने के बाद मोबाइल चालू हुआ तो लोकेशन बिहार की थी फिर पुलिस बिहार जाने मे आनाकानी करने लगी जिसके बाद मर्तक के परिजनों ने ही दो सिपाही और एक दरोगा का आने जाने का टिकट करवाया जिसके बाद पुलिस ने बिहार के एक युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की और कड़ी जुड़ती चली गई। परिजनों का कहना है कि थाना विजयनगर के दरोगा कमलजीत सिंह की इसमें बड़ी लापरवाही है उन्होंने शव मिलने की जानकारी अपने ठाणे में भी अच्छे से नहीं दी जबकि पुलिस को किसी भी लावारिस शव की जानकारी अपने संबंधित डीसीआरबी ऑफिस मेंं देनी होती है परिजनों ने अधिकारियों से शिकायत करने और मानव अधिकार आयोग जाने की बात कही है

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सुरेंद्र के सिर में तीन बार किसी भारी वस्तु से हमला किया गया था जिसके कारण उनकी मौत हुई है। परिजनों ने आरोप लगाया कि उनके कपड़े कॉलर और जेब फटी हुई फोटो में दिखाई दे रही है और उससे साफ है कि पहले उनके साथ मारपीट की गई है उसके बाद रुपये और मोबाइल दोनों लूटे गए थे। बादलपुर पुलिस ने भी विजयनगर पुलिस पर आरोप लगाया है की उन्होंने हमारे साथ कोई सहयोग नहीं किया उन्होंने गुमशुदा की पूरी कार्रवाई करते हुए जानकारी मांगी थी लेकिन उनको विजयनगर थाना पुलिस ने कोई सहयोग नहीं किया और इस कारण मृतक का शव समय से परिजन को नहीं मिल सका। हालांकि अब हादसे और हत्या दोनों एंगल से जांच की जा रही है और कुछ लोगों को इस मामले में हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

मर्तक के बेटे विपिन जो की खुद यूपी पुलिस मे सिपाही है उन्होंने बताया है की उन्होंने ही अपने सूत्रों से मोबाइल ऑन होने की जानकारी पुलिस को दी थी जिसके बाद ही पुलिस हरकत मे आई उन्होंने बताया की 30 अगस्त को ही सुरेंद्र का शव विजयनगर कोतवाली क्षेत्र में मिला था।