रिक्शा चालक और किसान के बेटे जाएंगे NASA
Noida: मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। ये लाइनें ग्रेटर नोएडा के छोटे से गांव छौलस में रहने वाले उत्कर्ष और नोएडा के सेक्टर 12 के ओम पर सटीक बैठती हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के दोनों ही छात्रों के साइंस मॉडल वैज्ञानिकों को इतना पसंद आया कि उनका चयन नासा के ह्यूमन एक्सप्लोरेशन रोवर चैलेंज में हुआ है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के इन दोनों छात्रों का चयन होने के से नोएडा और ग्रेटर नोएला के लोगों में खुशी का माहौल है।
ग्रेटर नोएडा के कलौंदा के वत्स राज स्वतंत्र भारत इंटर कॉलेज से 10वीं के छात्र उत्कर्ष मलिक ने इलेक्ट्रिक वीकल में चार्जिंग के दौरान आग लगने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए प्रॉजेक्ट बनाया था। उन्होंने बिना तार के चार्ज होने वाले ई-वीकल का मॉडल प्रदर्शित किया था। इसी मॉडल के आधार पर उनका चयन हुआ। अब वे 18 से 20 अप्रैल तक होने वाली नासा की प्रतियोगिता में एनसीआर के अन्य 16 छात्रों के साथ भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
नोएडा के सेक्टर-12 में रहने वाले ओम भाऊराव देवरस सरस्वती विद्या मंदिर में 11वीं के छात्र हैं। ओम ने बताया कि स्कूल के शिक्षक अक्षय कुशवाहा की देखरेख में उन्होंने निजी संस्थान में आयोजित साइंस एग्जिबीशन में हिस्सा लिया था। जिसमें उन्होंने मार्स एक्सप्लोरेशन रोवल मॉडल प्रदर्शित किया था। उन्होंने बताया कि उनका मॉडल मंगल ग्रह में तापमान, आद्रता और नमी को बताने में सक्षम है। वह किसी भी सरफेस में चल सकता है। चाहे ही वह सतह ऊबड़ खाबड़ ही क्यों न हो। ओम की मां घरेलू सहायिका और पिता ई-रिक्शा चलाते हैं। सात महीने पहले सड़क हादसे में पैर टूटने के कारण पिता अभी घर पर ही हैं।
प्रतियोगिता में उत्कर्ष के प्रॉजेक्ट को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने निरीक्षण के दौरान 10 से 15 मिनट स्टॉल पर रुककर गहनता से देखा था। बिना चार्ज किए ई-वीकल की चार्जिंग के उनके प्रॉजेक्ट की उन्होंने काफी तारीफ भी की थी। वहीं डीआईओएस डॉ. धर्मवीर सिंह ने बताया कि उत्कर्ष हाईस्कूल की परीक्षा दे रहा है। हम उसे आगे भी हर तरह की सुविधा मुहैया कराएंगे।
आपको बता दें कि नोएडा के ओम भाऊराव और ग्रेटर नोएडा के उत्कर्ष दोनों ही छात्र बेहद साधारण पृष्ठभूमि से है। नोएडा के सेक्टर-12 एच ब्लॉक में रहने वाले ओम भाऊराव की मां सुनीता देवी घरेलू सहायिका हैं। उनके पिता अरविंद कुमार रिक्शा चालक हैं। करीब सात माह पहले सड़क हादसे में पैर टूटने के कारण अभी घर पर ही हैं। उनकी मां ही पूरा घर चला रही हैं। ओम ने स्कूल के शिक्षक अक्षय कुशवाहा की देखरेख में मार्श एक्सप्लोरेशन रोवर का मॉडल तैयार किया था।
वहीं उत्कर्ष के पिता उपेंद्र सिंह को आठ वर्ष पहले ब्रेन हेमरेज हो गया था। तब से वह पूरी तरह बिस्तर पर हैं। इसके उनका परिवार आजीविका के लिए पूरी तरह खेती पर निर्भर हो गया है। उनके 80 वर्षीय दादा सुरेंद्र सिंह खेती करते हैं। इसमें उनकी मां और वह हाथ बंटाते हैं। वह दो जुड़वा भाई-बहन हैं। उनकी बहन निकिता भी उनके साथ ही पड़ोसी गांव कलौंदा के वीआरएसबी इंटर कॉलेज में कक्षा 10 में पढ़ती है।