अब नोएडा, ग्रेनो में सिटी बसों की भरमार होगी, आरएफपी जारी

Greater Noida: नोएडा, ग्रेनो, यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन सेवा के लिए 500 इलेक्ट्रिक बसें उतारने की तैयारी है। बतौर सिटी बस सेवा इन बसों का संचालन करने के लिए शहरी परिवहन निदेशालय ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी है। इसके लिए लखनऊ में हुई प्री-बिड मीटिंग में 17 कंपनियां आई हैं। इनमें देश की बड़ी बस संचालन कंपनी, बस निर्मता-कंपनी, फाइनेंस कंपनी शामिल थी। कंपनियों की तरफ से बस सेवा संचालन को लेकर जानकारियां ली गईं। अब कंपनियों के पास आवेदन के लिए 15 मई तक का समय है।
तीनों प्राधिकरण में इस सार्वजनिक परिवहन सेवा को ग्रास कॉस्ट कांट्रैक्ट (जीसीसी) मॉडल पर संचालित किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया, इसमें पूरी परियोजना पर आने वाली लागत का वहन एजेंसी को करना होगा। 500 बसें खरीदकर उनका संचालन करने के लिए जरूरी संसाधन व अन्य खर्च जोड़कर पूरी परियोजना करीब 675 करोड़ रुपये लागत की अनुमानित है।
टेंडर में जो एजेंसी सबसे कम दर पर बसों के संचालन के लिए तैयार होगी उसे संचालन का जिम्मा दिया जाएगा। निदेशालय की तरफ से दो तरह की इलेक्ट्रिक बसों की मांग तीनों प्राधिकरण क्षेत्र के लिए की गई है। पहली 9 मीटर की होंगी दूसरी 12 मीटर की। 9 मीटर लंबी बस की क्षमता 28 व एक दिव्यांग यात्री व एक चालक की होगी। वहीं, 12 मीटर लंबी बस में यात्री क्षमता चालक व दिव्यांग यात्री को छोड़कर 36 यात्रियों की होगी।
बस सेवा का संचालन शहरी परिवहन निदेशालय की देखरेख में होगा। निदेशालय एजेंसी चयन के बाद रूट और उन पर बस की जरूरत को लेकर अध्ययन करेगा। अभी तक बने प्रारूप में नोएडा में 13 रूटों पर 257, ग्रेटर नोएडा में 9 रूटों पर 196, यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में दो रूटों पर 52 ई-बसें चलना प्रस्तावित हैं। मौजूदा समय में 2020 से नोएडा में कोई सार्वजनिक परिवहन सेवा नहीं है।
सिटी बस सेवा संचालन का आर्थिक भार तीनों प्राधिकरण पर पड़ेगा। सबसे ज्यादा भार नोएडा प्राधिकरण पर आएगा। एजेंसी को 72,000 किमी प्रति वर्ष बस संचालन देने का करार तीनों प्राधिकरण से होगा। दूसरे शहरों में पहले हुए टेंडर के मुताबिक छोटी बसों की दरें 60 से 65 रुपये प्रति किमी और बड़ी बसों की दरें 70 से 75 रुपये प्रति किमी के बीच भुगतान करना होगा। करार के तहत यात्रियों से वसूले जाने वाले किराए से यह दरें 40 से 45 रुपये प्रति किमी पर आ जाएंगी। यह अंतर धनराशि वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) की होगी जिसका भुगतान तीनों प्राधिकरण बस संख्या के अनुपात में करेंगे।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और यमुना सिटी तक की राह अब आसान होगी। यूपी सरकार की हरी झंडी के बाद यमुना सिटी के तीन नए रूट पर मई से बस संचालन की उम्मीद है। इन रूट पर संचालन से नोएडा, ग्रेटर नोएडा, और यमुना सिटी और नोएडा एयरपोर्ट की कनेक्टविटी मजबूत होगी। दरअसल, 42 किमी लंबे इस बस रूट का लाभ विशेष तौर पर क्षेत्र के स्थानीय लोगों के साथ एयरपोर्ट आने वाले यात्री को मिलेगा। उन्हें ग्रेटर नोएडा पहुंचने में आसानी होगी। हालांकि, एयरपोर्ट से परी चौक की कनेक्टिविटी के लिए वर्ष 2023 से बस सेवा चल रही है। मगर, उसमें स्थानीय लोगों को लाभ कम मिल रहा है। नोएडा एयरपोर्ट से परी चौक के नए रूट को भी मंजूरी मिली है। इसके अलावा नए रूट में सेक्टर-37 बॉटेनिकल गार्डन से नोएडा के सेक्टर 20, 21 होते हुए कुलेसरा और भंगेल होते हुए सूरजपुर पारी चौक बस आएगी। वहीं एक रूट यीडा के क्षेत्रीय कार्यालय से दनकौर गोलचक्कर और सेक्टर 17 होते हुए भंगेल तक 51 किमी लंबा है। इन रूटों पर बस संचालन का लाभ रबूपुरा, नोएडा के सेक्टर 17, 20, 21 और सेक्टर 26 के निवासियों के साथ जीबीयू, गलगोटिया के छात्रों, जगत फार्म और सूरजपुर, कुलेसरा, भंगेल के रहने वाले लोगों को मिलेगा।