ग्रेटर नोएडा वेस्ट निवासियों को 10 वर्षों से मेट्रो का इंतजार

ग्रेटर नोएडा वेस्ट निवासियों को 10 वर्षों से मेट्रो का इंतजार

Greater Noida: उत्तर प्रदेश के हाईटेक सिटी नोएडा (Noida News) में रहने वाले लोगों के मुकाबले ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों को काफी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। ग्रेनो वेस्ट में मेट्रो लाइन नहीं बनने की वजह से यहां के निवासियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रेनो वेस्ट में बनी ऊंची-ऊंची इमारतों में हजारों की संख्या में रहने वाले लोग खुलकर अपनी तकलीफ बता रहे हैं।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की अधिकतर आबादी सेक्टर-1, 2, 3, 4, टेकजोन-4, सेक्टर-16, 16बी, 16सी, सेक्टर-10, 12, ईकोटेक-6 और नॉलेज पार्क की हाईराइज सोसायटियों में रहती है। यहां की 100 से ज्यादा हाईराइज सोसायटियों में रोज बढ़ती आबादी लास्टमाइल कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण ऑटो और ई-रिक्शा में समय और पैसे की बर्बादी से परेशान है। मेट्रो का इंतजार लगातार बढ़ रहा है। यहां रहने वाले निवासी नौकरी, व्यापार और काम आदि के लिए दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा समेत एनसीआर के शहरों में आते-जाते रहते हैं। लेकिन यहां के निवासियों को सुबह घर से निकलते ही ट्रांसपोर्ट की चिंता सताने लगती है। जैसे तैसे कर ये अपने गंतव्य तक पहुंच भी जाते है तो वापसी में इन्हें फिर ट्रांसपोर्ट की चिंता सताने लगती है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि वापसी में ब्लू लाइन से सेक्टर-52 स्थित मेट्रो स्टेशन और एक्वा लाइन से सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन तक ये आसानी से पहुंच तो जाते हैं, लेकिन वहां से घर तक का सफर इनके लिए आसान नहीं रहता।

स्टेशन से बाहर निकलते ही ऑटो वालों का शोर...चार मूर्ति एक सवारी, एक मूर्ति एक सवारी और दूसरी ओर ठूंस-ठूंस कर लोगों से भरे ऑटो। धक्के खाते हुए सफर करना मानों ग्रेनो वेस्ट में रहने वाले लोगों के लिए जैसे मजबूरी बन गई हो। ग्रेनो वेस्ट मेट्रो 10 वर्षों से चर्चा का विषय बना हुआ है। लेकिन मेट्रो का निर्माण कब और कैसे शुरू होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा। नोएडा एक्सटेंशन मेट्रो के एक्सपेंशन को लेकर वर्तमान में क्या स्थिति है, इस पर एनएमआरसी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. लोकेश एम से एनबीटी ऑनलाइन की टीम ने जानकारी मांगनी चाही तो खबर लिखे जाने तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। वहीं एनबीटी की टीम ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले कुछ लोगों से इस बारे में बातचीत की तो जानिए उनका क्या कहना है।

सुपरटेक इको विलेज-2 निवासी मिहिर गौतम का कहना है कि एक्वा लाइन मेट्रो का ग्रेटर नोएडा वेस्ट रूट पीएमओ से वापस आने के बाद किस स्तर पर लंबित है, ये कोई बताने को तैयार नहीं है। एनएमआरसी के खिलाफ जंतर मंतर पर प्रदर्शन के बाद बारह दिन में नया डीपीआर बनाने की बात की गई थी। एक अरसा बीत गया लेकिन उसका कुछ अता पता नहीं है। हमें रोज भारी ट्रैफिक जाम से गुजरना होता है। लेकिन अधिकारी इस महत्वपूर्ण परियोजना को लेकर गंभीर नहीं दिखते।

नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया कि अक्सर दिल्ली और गुरुग्राम जाना पड़ता है। कार से जाने में एक तरफ से ही तीन घंटे से ज्यादा लगते हैं गुरुग्राम जाने में। मेट्रो से कम समय लगता है। लेकिन घर से मेट्रो तक का सफर भयावह है। पहले कैब या ऑटो मिलती नहीं समय पर। ऑफिस टाइम में अक्सर कोई भी तैयार नहीं होता जाने के लिए, या फिर ज्यादा पैसे मांगता है। मानसिक और शारीरिक थकान के साथ आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। मेट्रो एक्सटेंशन से उम्मीद जगी थी, आशा है अधिकारी हमारे सपनों को मरने नहीं देंगे।

अजनारा होम्स निवासी दिनकर पांडेय का कहना है कि देश और दुनिया में ग्रेटर नोएडा वेस्ट इकलौता ऐसा नियोजित शहर है, जहां एक दशक बाद भी सार्वजनिक परिवहन नहीं है। बस और मेट्रो की फाइलें सालों से घूम रही हैं। लगता है जनप्रतिनिधि या अधिकारी इस विषय पर गंभीर नहीं हैं, जबकि स्थिति भयावह है। वीकेंड या ऑफिस के समय घर से निकलना दूभर है। देश में शायद इकलौता ऐसा उदाहरण है जहां चार बार निविदा निकलने के बाद भी प्लानिंग पर ही सवाल उठा दिया गया है। वह भी तब जब राज्य सरकार और पीआईबी भी इसे स्वीकृत कर चुकी है।

पंचशील ग्रीन्स-2 निवासी दीपांकर कुमार ने बताया कि किसी भी कार्य से नोएडा या दिल्ली जाने में काफी वक्त बर्बाद होता है। शेयरिंग ऑटो भरने का इंतजार करती हैं। उसके बाद ट्रैफिक में काफी समय गुजारना पड़ता है। जब तक इस क्षेत्र में मेट्रो नहीं आती और नियमित बस को विभिन्न सेक्टरों में नहीं जोड़ा जाता तब तक न तो ट्रैफिक कम होगा और न ही ऑटो वालों की मनमानी पर लगाम लगेगी।