पहले पूछा कौन टेंशन में है, हां कहा तो 100 लोगों को नौकरी से निकाला

पहले पूछा कौन टेंशन में है, हां कहा तो 100 लोगों को नौकरी से निकाला

Noida: दिल्ली सटे नोएडा सेक्टर-63 की होम सैलून सर्विस देने वाली 'यस मैडम' कंपनी से 100 कर्मचारियों को निकालने की खबर दिनभर छाई रही। कंपनी पर आरोप लगा कि उसने 100 कर्मचारियों को केवल इसलिए नौकरी से निकाल दिया, क्योंकि उन्होंने ऑफिस में टेंशन में होने की बात कही।

खबरों में ये भी दावा किया जा रहा है कि यस मैडम ने हाल ही में कर्मचारियों के बीच तनाव को लेकर सर्वे भी किया था। इसमें कर्मचारियों से मानसिक स्थिति के बारे में पूछा गया, जिन कर्मचारियों ने टेंशन में होने की कही, उन्हें निकाल दिया गया। इसको लेकर कंपनी का कथित ईमेल का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया जा रहा है। हालांकि, कंपनी ने इसका खंडन जारी किया है। कंपनी की प्रोडक्ट हेड युक्ति आर्या ने 100 लोगों को नौकरी से निकालने की बात को नकारा है। उन्होंने कहा कि मैसेज का गलत अर्थ निकाला जा रहा है। 100 लोगों को नौकरी से नहीं निकाला गया है। इसको लेकर वह अपनी लीगल टीम से बात कर रही है।

दरअसल, यस मैडम के एचआर मैनेजमेंट के ईमेल का एक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें लिखा है, 'प्रिय टीम, हाल ही में हमने काम पर तनाव के बारे में आपकी भावनाओं को समझने के लिए सर्वेक्षण किया। उनमें से कई लोगों ने अपनी चिंताएं शेयर कीं, जिन्हें हम दिल से महत्व देते हैं और उनका सम्मान करते हैं। एक हेल्दी और सपोर्टिव वर्क एन्वायरनमेंट को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध कंपनी के रूप में हमने फीडबैक पर काफी विचार किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी काम पर तनावग्रस्त न रहे, इसलिए हमने उन कर्मचारियों को कंपनी से अलग करने का कठिन निर्णय लिया है। यह निर्णय तुरंत प्रभावी है, और प्रभावित कर्मचारियों को अधिक जानकारी अलग से दी जाएगी। आपके योगदान के लिए धन्यवाद।'

लिंक्डइन पर इस पोस्ट को यस मैडम की एक कर्मचारी ने शेयर किया है। कैप्शन में उन्होंने लिखा, 'यस मैडम में क्या हो रहा है? पहले आप एक रैंडम सर्वे करते हैं और फिर हमें अचानक निकाल देते हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि हम टेंशन में हैं? और सिर्फ मुझे ही नहीं, 100 अन्य लोगों को भी नौकरी से निकाल दिया गया है। उधर, इस फैसले की आलोचना हो रही है, जिसमें कहा जा रहा है कि तनावग्रस्त कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने के बजाय उन्हें नौकरी से निकालने के फैसला गलत है।