नोएडा में केमिकल का आयात-निर्यात करने वाली कंपनी से एक करोड़ रुपये की ठगी, नीदरलैंड-पुर्तगाल तक जुड़ा कनेक्शन

नोएडा में केमिकल का आयात-निर्यात करने वाली कंपनी से एक करोड़ रुपये की ठगी, नीदरलैंड-पुर्तगाल तक जुड़ा कनेक्शन

Noida: उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर-57 स्थित एक केमिकल का आयात-निर्यात करने वाली कंपनी को साइबर अपराधियों ने करीब एक करोड़ रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है। नीदरलैंड की कंपनी का कर्मचारी बनकर साइबर ठगों ने ई-मेल और फोन कॉल के जरिये बात कर घटना को अंजाम दिया। जालसाजों ने आयात होने वाले कुल माल का 30 प्रतिशत भुगतान करा लिया। घटना को अंजाम देने के बाद ठगों ने संपर्क तोड़ दिया। ठगी की जानकारी होने पर कंपनी कर्मी ने पुलिस से शिकायत की। पीड़ित की शिकायत पर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस को दी शिकायत में आशीष ने बताया कि वह नोएडा के सेक्टर-57 के बी ब्लॉक स्थित न्यू ऐज टैक्सी रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी में काम करते है। वह इस कंपनी में सेल्स विभाग में एवीपी के पद पर कार्यरत हैं, उनकी कंपनी केमिकल का आयात और निर्यात करती है। उन्होंने सितंबर में नीदरलैंड की एसएबीआईसी (सैबिक) नामक कंपनी से 500 मीट्रिक टन केमिकल मंगवाने का निर्णय लिया। इसके बाद उन्होंने ई-मेल के जरिये केमिकल खरीदने के लिए एक फार्म भरा। फार्म भरने के दो दिन बाद ही ई-मेल आया।

सैबिक का ई-मेल और दो दिन बाद आए ई-मेल में मामूली अंतर था। मोलभाव होने के बाद कंपनी कर्मी ने बताया कि ई-मेल और दो दिन बाद आए ई-मेल में मामूली अंतर था, जिसे ध्यान से देखने पर ही पता चल सकता है। ई-मेल करने वाले ने एक अन्य फॉर्म ऑनलाइन भरवाया। मोलभाव होने के बाद कंपनी कर्मी ने बताया कि उन्हें केमिकल तब भेजा जाएगा, जब वह कुल रकम तीन करोड़ 31 लाख 62 हजार 63 रुपये का 30 प्रतिशत पहले भुगतान करेंगे।

शेष 70 प्रतिशत रकम का भुगतान माल पहुंचने पर करना होगा। सौदा तय होने के बाद उनकी कंपनी ने दो बार में 30 प्रतिशत की रकम भेज दिये। दो बैंक खातों में 99 लाख 48 हजार 619 रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद साइबर आरोपी ने रकम मिलने के बाद संपर्क तोड़ दिया।

शिकायतकर्ता ने बताया कि जालसाजों ने उन्हें भुगतान के लिए पुर्तगाल के बैंक खाते दिए। जब उन्होंने कहा कि कंपनी का ऑफिस तो नीदरलैंड में है और वह पुर्तगाल के बैंक खाता नंबर क्यों भेज रहे हैं। इस पर जालसाज ने कहा कि कंपनी का वेयर हाउस पुर्तगाल में है। भुगतान वहीं के बैंक खाते में करना होगा। विश्वास करके उन्होंने भुगतान कर दिया।

शिकायतकर्ता ने बताया कि जब उन्हें शक हुआ तो उन्होंने जर्मनी में रहने वाले दोस्त से संपर्क किया। उससे नीदरलैंड स्थित कंपनी के ऑफिस जाने के लिए कहा। यह जानकारी जब उन्होंने जालसाज को दी तो उसने दोस्त को नीदरलैंड भेजने और मिलने से इनकार कर दिया। ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने ऑनलाइन नीदरलैंड स्थित कंपनी के ऑफिस का नंबर खोज कर बात की तो मामले का पर्दाफाश हो गया

पीड़ित ने बताया कि केमिकल का सौदा 3,55,000 यूरो में हुआ। इसका 30 प्रतिशत एक लाख छह हजार 500 यूरो का भुगतान दो बार में किया। एक बार में 54 हजार और दूसरी बार में 52,500 यूरो भेजे। पीड़ित का दावा है कि इस संबंध में उन्होंने नीदरलैंड पुलिस, यूरोप के इंटरपोल ब्यूरो के साइबर सेल, डायरेक्टर जनरल ऑफ फौरेन ट्रेड, नीदरलैंड स्थित भारतीय एंबेसी, मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स में भी शिकायत दर्ज कराई है।