बीरबल की खिचड़ी बना चिल्ला एलीवेटिड
Noida: कभी-कभी लालफीताशाही तथा विभागीय उदासीनता के कारण महत्वाकांक्षी योजना भी ‘नौ दिन चले अढ़ाई कोस’ की तर्ज पर रेंगती नजर आती है। ऐसा ही हाल इन दिनों चिल्ला एलीवेटिड प्रोजेक्ट का है। आलम यह है कि वर्ष-2008 में नियोजित यह प्रोजेक्ट आज 15 वर्ष भी फाइलों से धरातल पर साकार नहीं हो सका। बताया जाता है कि अभी इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में करीब 3 वर्ष का समय और लगेगा। अभी तक महज 13 फीसदी ही निर्माण कार्य हो पाया है।
वर्ष-2008 में इस योजना को पारित किया गया था। 11 वर्ष बाद उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष-2019 में इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास किया था। 13 फीसदी काम होने के बाद प्रोजेक्ट का काम बंद हो गया। दोबारा निर्माण करने के लिए ब्रिज कॉर्पोरेशन ने आरएफपी निकाली। इसमें 2 कंपनियां आगे आई लेकिन वे मानकों पर खरी नहीं उतरी। अब दोबारा लोकसभा चुनाव के बाद आरएफपी निकली जानी है। इसे पूरा होने में करीब 3 वर्ष का समय लगने की उम्मीद जताई जा रही है। काम पूरा होने की नयी डेडलाइन मार्च 2025 तय हुई बताई जाती है।
ब्रिज कारपोरेशन की ओर से जारी की गई आरएफपी में 6 कंपनियां आई थी। 4 कंपनियां पहले ही डिसक्वालीफाई हो गई। वहीं दो कंपनियां सफल रही। लेकिन दोनों कंपनियों ने टेंडर में शामिल खर्च 680 करोड़ से अधिक धनराशि की अपनी वित्तीय बिड दी। इसमें पहली कंपनी दिनेश चंद्र अग्रवाल इंफ्राकॉन ने 21.77 फीसद यानी 828 करोड़ और एलएंडटी ने 34.89 फीसद यानी 917.25 करोड़ की। इन दोनों कंपनियों से नेगोसिएशन किया जा रहा है। जिस पर अब तक सहमति नहीं बन पाई है।
एलिवेटड योजना को 36 महीने में पूरा करना है। प्राधिकरण के सीईओ डा. लोकेश एम की माने तो ब्रिज कारपोरेशन दोबारा से आरएफपी जारी करने का मन बना रहा है। यानी चुनाव बाद ही किसी कंपनी का चयन होने की उम्मीद है। इसके बाद ही कार्य को अवार्ड किया जा सकता है। जाहिर है कि प्रस्तावित डेड लाइन को और आगे बढ़ाया जाएगा। बताया जाता है कि काम पूरा होने की नई डेडलाइन मार्च-2025 निर्धारित हुई है। मयूर फ्लाईओवर के करीब चिल्ला रेगुलेटर से महामाया फ्लाईओवर तक 5.96 किमी लंबे चिल्ला एलिवेटेड रोड का निर्माण होना है। छह लेन के एलिवेटेड रोड का काम तीन साल में पूरा करना होगा। इसकी निर्माण लागत 680 करोड़ रुपये होगी। परियोजना में यूपी शासन और नोएडा प्राधिकरण को 50-50 प्रतिशत धनराशि वहन करनी होगी। परियोजना में प्राधिकरण करीब 74 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है और इसका 13 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। एलिवेटेड रोड से चढऩे और उतरने के लिए पांच रैंप बनेंगे। यह रैंप सेक्टर-15, 16 और 18 को जोड़ेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, सेक्टर-15 से चढऩे के लिए एक रैंप एलिवेटेड रोड पर बनाया जाएगा। सेक्टर-16 में दोनों ओर उतरने के लिए एक-एक रैंप बनेगा। वहीं, सेक्टर-16 में चढऩे के लिए एक रैंप बनेगा। इसके अलावा सेक्टर-18 में उतरने के लिए एक रैंप बनेगा। चढऩे और उतरने वाले रैंप तीन लेन के होंगे।