ऑनलाइन फ्रॉड होने के बाद नोएडा पुलिस ने पीड़ित को वापस कराए 1 करोड़ 55 लाख रुपये

ऑनलाइन फ्रॉड होने के बाद नोएडा पुलिस ने पीड़ित को वापस कराए 1 करोड़ 55 लाख रुपये

Noida: दिल्ली से सटे नोएडा में लगातार साइबर ठगी के मामले में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इन मामलों में पुलिस कई बार तत्परता दिखाती है और पीड़ित को रकम वापस करवा चुकी है। इसी कड़ी में नोएडा में ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होने के बाद 1 करोड़ 55 लाख रुपये गंवाने वाले एक व्यवसायी की नोएडा पुलिस ने मदद की। साइबर सेल की बदौलत दो महीने से भी कम समय में पीड़ित का रकम वापस दिलवाने में मदद की है।

पुलिस ने सबसे पहले उस खाते का पता लगाया, जिस बैंक में धोखाधड़ी वाला खाता रजिस्टर्ड था। इसके बाद संबंधित वित्तीय मध्यस्थों को शामिल किया गया। आखिरकार साइबर पुलिस ने पीड़ित से ऑनलाइन लूटी गई रकम वापस हासिल की और उसे व्यवसायी को ट्रांसफर कर दिया। पुलिस के अनुसार, ब्रिटेन के एक विक्रेता की साइबर अपराधियों ने जाली ईमेल आईडी बनाकर उनके साथ धोखाधड़ी की 

जालसाजों ने व्यवसायी को धोखा देकर 145,308.53 ब्रिटिश पाउंड जोकि भारतीय मुद्रा में लगभग 1.55 करोड़ रुपये एक बैंक खाते में ट्रांसफर करा लिए। साइबर अपराधियों ने व्यवसायी और विक्रेता के बीच ईमेल संचार को बाधित कर दिया। जालसाजों ने एक नकली ईमेल आईडी बनाई जो हूबहू असली जैसे ही लग रही थी। इसके बाद व्यवसायी को सामग्री भेजने का आश्वासन दिया। इसके बदले उसे भुगतान करने को कहा।

साइबर क्राइम पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि 6 दिसंबर2024 को व्यवसायी ने किसी भी गड़बड़ी के शक के बिना जालसाजों के बताए अनुसार, उक्त बैंक खाते में रकम जमा कर दी। हालांकि, असल विक्रेता से बाद में उन्हें एक ईमेल मिला जिसमें कहा गया था कि उन्हें कोई भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है। इस संदेश को पढ़ने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हुई है। इसके बाद व्यवसायी ने तुरंत नोएडा साइबर क्राइम पुलिस से सम्पर्क कर मदद मांगी।

पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अज्ञात साइबर अपराधियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी। पुलिस ने सबसे पहले उस खाते का पता लगाया जिस बैंक में धोखाधड़ी वाला खाता रजिस्टर्ड था। इसके बाद संबंधित वित्तीय मध्यस्थों को शामिल किया गया। आखिरकार साइबर पुलिस ने पीड़ित से ऑनलाइन लूटी गई रकम वापस हासिल की और उसे व्यवसायी को ट्रांसफर कर दिया।

अगर आपके साथ साइबर फ्रॉड हो गया है और समय रहते आपने इसकी शिकायत पुलिस और साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कर दी है तो ठगी गई रकम वापस मिल सकती है। नोएडा साइबर पुलिस ने आम लोगों को साइबर अपराधियों की तरफ से ठगी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव जारी किए हैं। कमिश्नरेट पुलिस के मुताबिक, फिशिंग एक आम साइबर अपराध है। इसमें धोखेबाज नकली ईमेल, मैसेज या वेबसाइट का उपयोग करके उपयोगकर्ताओं की संवेदनशील जानकारी (जैसे पासवर्ड, बैंक डिटेल्स आदि) चुराने की कोशिश करते हैं। इसे रोकने के लिए नोएडा साइबर क्राइम पुलिस ने लोगों से निम्नलिखित सावधानियां बरतने का निवेदन किया।

1. सेंडर की पुष्टि करें - किसी अनजान या संदेहास्पद ईमेल पते से आई मेल पर भरोसा न करें।

2. ग्रामर और स्पेलिंग जांचें - फिशिंग ईमेल में अक्सर गलतियां होती हैं।

3. अचानक आने वाले अनुरोधों से सावधान रहें - अगर कोई ईमेल तुरंत पासवर्ड अपडेट, भुगतान या गोपनीय जानकारी मांग रहा है, तो सावधान रहें।

4. संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें - किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से पहले, उस पर माउस घुमाएं और जांच लें कि वह असली वेबसाइट की ओर इशारा कर रहा है या नहीं।

5. अटैचमेंट न खोलें - अगर स्रोत संदिग्ध है, तो अटैचमेंट को खोलने से बचें, क्योंकि उसमें मैलवेयर वायरस हो सकता है। नोएडा साइबर क्राइम पुलिस ने भी लोगों से अपील की है कि साइबर सुरक्षा जागरूकता ही इस तरह की धोखाधड़ी से सबसे बेहतर बचाव है।

6. हमेशा सतर्क रहें, किसी भी ई-मेल पर जल्दबाजी में कार्रवाई न करें और सुरक्षा उपाय अपनाएं। घटना घटित होने पर टोल फ्री नम्बर 1930 पर संपर्क करें, अथवा cybercrime.gov.in पर जाकर शिकायत दर्ज करा सकते है।