नो पावर कट जोन में रोजाना 5 से 6 घंटे गुल हो रही बिजली, सड़कों पर उतर रहे लोग

नो पावर कट जोन में रोजाना 5 से 6 घंटे गुल हो रही बिजली, सड़कों पर उतर रहे लोग

Greater Noida: एक तो गर्मी का सितम उस पर बेतहाशा बिजली कटौती। ऐसे में लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। शहर हो या फिर देहात अघोषित कटौती ने लोगों का पसीना निकाल कर रख दिया है। तेज गर्मी की वजह से शहर झुलस रहा है, तो वहीं झुलसा देने वाली गर्मी के बीच बढ़ती बिजली की डिमांड से विद्युत तंत्र हांफने लगा है। तेज गर्मी के चलते गांव और शहरों में कई-कई घंटे बिजली की कटौती की जा रही है। प्रचंड गर्मी के बीच बिजली कटौती से आमजन परेशान है।

लोगों का कहना है कि प्रदेश में नोएडा को नो पावर कट जोन का दर्जा मिला हुआ है, लेकिन इसके बाद भी यहां पर रोजाना कई-कई घंटे की बिजली कटौती हो रही है। विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट करना चाहिए कि इस कटौती का कारण क्या है और देर रात कटौती करने का मतलब क्या है। क्या यह पब्लिक को परेशान करने की नीयत से काटी जा रही है। नोएडा को केवल कागजों में नो पावर कट जोन दिखाने का क्या फायदा है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की चार से अधिक सोसायटियों में कई घंटे बिजली कटौती से निवासियों का धैर्य टूट गया। जिसके बाद बीती देर रात घरों से बाहर निकल कर आए लोगों ने महिलाओं के साथ बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के रक्षा अड्डेला सोसायटी निवासी राहुल यादव ने बताया कि हमारे सोसायटी में बिजली न होने की वजह से हो रही परेशानी की जिम्मेदार पीवीवीएनएल (PVVNL) का बिजली का वितरण करने वाले सबस्टेशन हैं, जो प्रयाप्त इंफ्रास्ट्रक्चर के अभाव में सोसायटी को बिजली की आपूर्ति नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण वह आसपास के सबस्टेशन के ऊपर निर्भर रहते हैं। यूपीपीसीएल के अधिकारी का उदासीन रवैया भी काफी हद तक जिम्मेदार है। कहने को हम लोग नो लाइट कट जोन में आते हैं, लेकिन सिर्फ कागजी ही है। 20 और 21 मई को लगभग 5 से 6 घण्टे की सप्लाई बाधित रही और ट्रिपिंग 20 से 25 बार से ज्यादा थी। जब एओए और कुछ रेजिडेंट्स ने बिजली घर जाकर विरोध दर्ज किया तो अधिकारी के मिलीभगत की जानकारी सामने आई और दवाब में कल लाइट की स्थिति सामान्य रही।

ग्रेनो वेस्ट के वैलेंशिया होम्स निवासी राहुल गर्ग ने बताया कि पिछले 3-4 वर्षों से एनपीसीएल 24×7 निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने में विफल रहा है। एनपीसीएल पिछले कई वर्षों से केवल झूठे एवं खोखले दावे करता आ रहा है।एनपीसीएल ने अपने मौजूदा बिजली इंफ्रा के बुनियादी ढांचे में सुधार करने में न ही कोई रुचि और न ही समय रहते डेवलपर्स की ओर से लगाए गये बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर पर कोई जांच करके उचित कार्रवाई करते हैं। उदाहरण के तौर पर सुपरटेक इकोविलेज-1 में 22 ट्रांसफार्मर की जगह केवल 6 ट्रांसफार्मर ही लगे हुए हैं। जिसके चलते गर्मी में आसपास की अन्य सोसायटी की बिजली भी रोज रात में बार-बार ट्रिप होती है।

ग्रेनो वेस्ट निवासी कुलभूषण तंवर का कहना है कि गौर सिटी-2 में व्हाइट ऑर्किड, रक्षा एडेला और आर्किटी सोसायटियों को फीडर नंबर-8 जो वास्तव में एक ग्रामीण फीडर है पर रखा गया है। इस फीडर की बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता बेहद खराब है। क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की मांग में उछाल आता है तो यूपीपीसीएल प्रबंधन फीडर 8 की आपूर्ति बंद कर देता है और अन्य फीडरों पर पुनर्निर्देशित करता है। अपेक्षित समाधान शहरी फीडर है। जिसका वादा बहुत पहले किया गया था और हमें कभी नहीं दिया गया। व्हाइट ऑर्किड में हमसे मल्टीपॉइंट मीटर कनेक्शन के लिए लगभग 22 हजार चार्ज किया गया था, लेकिन हमें जो मिल रहा है वह शहरी शुल्क पर ग्रामीण मानक की सबसे खराब बिजली गुणवत्ता है।

नोएडा के सेक्टर-72 स्थित सर्फाबाद गांव के रहने वाले सोनू यादव का कहना है कि नो ट्रिपिंग जोन में बीते पंद्रह दिनों से लगातार बिजली कटौती हो रही है। रात 2 बजे तक बिजली कटती रहती है। हर घंटे में कट लग रहे हैं। सम्बन्धित विभाग कोई समाधान नहीं कर रहा है।

नोएडा के सेक्टर-22 निवासी सर्वेश्वर सिंह ने बताया कि रोजाना बिजली गुल रहती है। ज्यादातर बिजली की कटौती रात के समय ही होती है। इस समय बिजली जाने से जल आपूर्ति की समस्या अधिक रहती है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बिजली कटौती की वजह से बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं और ज्यादा तर बीमार लोगों को अधिक तकलीफ होती है।

आबादी बढ़ रही, पर क्षमता वही पुरानी

ग्रेनो वेस्ट के सुपरटेक इकोविलेज-1 निवासी रंजना सूरी भारद्वाज का कहना है कि हर गर्मियों में ग्रेनो वेस्ट के निवासियों को बिजली कटौती के कारण परेशानी उठानी पड़ती है। इसे संभालना मुश्किल हो जाता है। रोशनी के बिना स्थिति दयनीय हो जाती है। छोटे बच्चे पूरी रात सो नहीं पाते हैं। इन सबके लिए सिर्फ बिल्डर ही नहीं बल्कि एनपीसीएल भी जिम्मेदार है। इन्फ्रा की जांच के लिए सोसायटी के अंदर सर्वे क्यों नहीं किया जाता। हर बार फ्यूज उड़ जाता है। जैसे-जैसे समाज में आबादी बढ़ रही है, लेकिन क्षमता के अनुसार लोड उतना ही है।

बिजली कटौती से गाड़ियों में रात गुरारनी पड़ रही

ग्रेनो वेस्ट के सुपरटेक इकोविलेज-1 निवासी सुभाषिनी ने बताया कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, बिजली कटौती की समस्या भी बढ़ती जा रही है। इस चिलचिलाती गर्मी में रहना बहुत मुश्किल हो गया है। दिनभर काम करने के बाद लोग चैन की नींद लेने की सोच कर घर आते हैं, लेकिन बिजली कटौती के कारण उन्हें बिजली के इंतजार में कारों और सड़कों पर समय बिताने के लिए मजबूर होना पड़ता है। हम सरकार को रखरखाव और कर का इतना भुगतान कर रहे हैं और फिर भी लगभग हर दिन बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है, यह एक दयनीय स्थिति है। उन्हें बड़ों और बच्चों के बारे में सोचना चाहिए। मेरी बेटी की परीक्षाएं चल रही हैं और रोजाना बिजली कटौती के कारण उसके लिए ध्यान केंद्रित करना बहुत मुश्किल हो गया है।