दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा पर चल रहा है जीएसटी चोरी का बड़ा खेल
दिल्ली उत्तर प्रदेश की सीमा पर कई बड़े ट्रांसपोर्टर जीएसटी चोरी के खेल में शामिल हैं
दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा पर चल रहा है जीएसटी चोरी का बड़ा खेल
Ghaziabad: दिल्ली उत्तर प्रदेश की सीमा पर कई बड़े ट्रांसपोर्टर जीएसटी चोरी के खेल में शामिल हैं। हर माह लाखों-करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाने वाले टॉप-10 कर माफिया ट्रांसपोर्टरों की कुंडली तैयार कर ली गई है। सितंबर में कार्रवाई कर इनसे करीब 96 लाख रुपये का अघोषित माल पकड़ा गया है। यह माल पश्चिमी यूपी के विभिन्न जिलों में ले जाया जा रहा था। राज्य कर विभाग ने जीएसटी चोरी पर अंकुश लगाने के लिए कर चोरी में लिप्त टॉप-10 ट्रांसपोर्टरों की सूची बनाई है। इसमें ट्रांसपोर्टरों के नाम, कार्य के संभावित स्थल, वाहनों की संख्या, माल ढुलाई के तरीके और इनके नेटवर्क में शामिल लोगों के नाम हैं। विभिन्न भागों पर जीएसटी चोरी के वाहनों की धरपकड़ के लिए सचल दल की 10 टीम तैनात हैं। विभाग के अपर आयुक्त ने बताया कि इन माफियाओं का नेटवर्क पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक फैला है। अधिकारियों ने बताया कि इन ट्रांसपोर्टरों ने उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर मुख्य मार्ग से अलग कई बड़े गोदाम बना रखे हैं।
ट्रांसपोर्टरों द्वारा दिल्ली के विभिन्न बाजारों से व्यापारियों का कर चोरी का सामान परिवहन करने का ठेका ले लिया जाता है। ट्रांसपोर्टरों द्वारा हल्के भारी वाहनों से कर चोरी के माल को मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, मुरादाबाद तक पहुंचाया जाता है। इन सामानों में परचून, किराना, जूते-चप्पल, रेडीमेड गारमेंट्स, प्लास्टिक के समान आदि प्रमुख हैं।
सितंबर में विशेष अभियान चलाया गया था और अधिकारी ने बताया कि 1 से 25 सितंबर तक उत्तर प्रदेश और दिल्ली की सीमा पर विशेष चेकिंग अभियान चलाया गया और खासकर रात में दिल्ली से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में लाए जा रहे सामान की जांच की गई। इसमें चिह्नित माफियाओं के 26 ट्रक पकड़े गए सामान के संबंध में चालकों द्वारा कोई परिवहन कागजात नहीं प्रस्तुत किए गए और ना ही खरीद बिल आदि का जिक्र था। विभाग ने 95.20 लाख रुपए अर्थदंड जमा कराया सचल दल की टीम ने 25 दिन विशेष अभियान चलाकर माफियाओं के 26 वाहनों से करीब 96 लाख रुपये का अघोषित माल पकड़ा गया है। जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में चोरी कर के लेजाया जा रहा था। ओपी तिवारी, अपर आयुक्त, विशेष अनुसंधान शाखा जीएसटी l