शोपीस बनकर रह गई है करोड़ों की लागत से बनी टंकी
Greater Noida: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के सेक्टरों में पानी की सप्लाई सुचारू रूप से न होने से सेक्टरवासी परेशान हैं। आए दिन सेक्टरों में सप्लाई का प्रेशर कम और पाइप फटने से पानी की बर्बादी होती रहती है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पानी आपूर्ति को बेहतर करने के लिए सेक्टर सिग्मा-2 में पानी की टंकी और ओमीक्रॉन-1ए में हजारों लीटर पानी की क्षमता वाले अंडरग्राउंड रिजरवायर (यूजीआर) का करोड़ों रुपये की लागत से निर्माण कराया है। टंकी और यूजीआर को बने हुए कई साल बीत चुके हैं, लेकिन ये आज तक शुरू नहीं हो पाए हैं। अब सिर्फ शोपीस बने हुए हैं। ग्रेनो प्राधिकरण के अधिकारी और जल विभाग इस समस्या से अनजान बने हुए हैं।
सेक्टर सिग्मा-2 में प्राधिकरण ने 2019 में 25 हजार लीटर पानी की टंकी का काम शुरू हुआ था। फेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए के महासचिव दीपक भाटी ने बताया कि यह टंकी 2022 में बनकर तैयार हो गई थी। अब इसे बने हुए 2 साल बीत चुके हैं, लेकिन आज तक शुरू नहीं हो सकी हैं। आसपास के सेक्टरों में रोजाना पानी के कम प्रेशर की समस्या होती है,लेकिन अधिकारी अनजान बने हुए हैं।
सेक्टर ओमीक्रॉन-1 ए के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष सुभाष भाटी ने बताया कि ग्रेनो प्राधिकरण ने गंगाजल सप्लाई की व्यवस्था करने के लिए परिसर में करोड़ों की लागत से यूजीआर प्लॉट बनवाया है। लाखों रुपये की लागत से बने यूजीआर प्लांट के संचालन का शुभ मुहूर्त सेक्टर के बसने के बाद भी नहीं हो सका है। इस प्लांट की पानी की क्षमता 16 लाख लीटर है, लेकिन प्राधिकरण के जिम्मेदार इसका संचालन करना भूल गए हैं। वहीं अधिकारी शहर में गंगाजल सप्लाई शुरू करने के दावे कर रहे हैं। यूजीआर की सुरक्षा के लिए गार्ड तैनात है।
ग्रेनो के विभिन्न सेक्टरों में पानी सप्लाई की पाइपलाइन बदहाल पड़ी है। साथ ही पंप हाउस में रखरखाव बेहतर तरीके से न होने से आए दिन दिक्कत रहती है। सेक्टरों में पानी की पाइप पुरानी होने से पंप हाउस से तेज प्रेशर में पानी आने से लीकेज की समस्या हो जाती है। इस वजह से घरों में पानी की सप्लाई बाधित होने के बाद ही हजारों लीटर पानी सड़क व नालियों में बर्बाद होता है।