फर्जी शुगर बेबी बनकर शुगर डैडी पति को सिखाया बड़ा सबक

Noida: शुगर डैडी बनकर लड़कियों को फंसाना नोएडा के एक शुगर डैडी (Sugar Daddy) को बहुत भारी पड़ा। आशिक-मिजाज शुगर डैडी की पत्नी ने नोएडा के एक क्लब में कुछ ऐसा किया कि शुगर डैडी के सिर से उसका शुगर डैडी (Sugar Daddy) वाला भूत हमेशा-हमेशा के लिए उतर गया। नोएडा शहर में घटी यह घटना खूब चर्चा का विषय बन गई है। नोएडा की एक पत्नी ने अपने शुगर डैडी पति के साथ जो किया वैसा होने की उम्मीद नोएडा के इस शुगर डैडी ने कभी नहीं की थी।
यह मामला नोएडा के सेक्टर-51 से जुड़ा हुआ है। नोएडा के सेक्टर-51 में रहने वाले सुरेश कुमार (काल्पनिक नाम) शुगर डैडी बने हुए थे। शुगर डैडी ऐप (Sugar Daddy App) के जरिए सुरेश कुमार अपने से कम उम्र की लड़कियों को फंसाकर उनके साथ डेटिंग करते थे। सुरेश कुमार की पत्नी सुमन देवी (काल्पनिक नाम) को उस पर शक था फिर सुमन देवी ने एक तरकीब निकाली। सुमन ने डेटिंग ऐप पर अपनी फेक ID बनाकर शुगर डैडी बने अपने पति से दोस्ती कर ली। दोस्ती आगे बढ़ते ही शुगर डैडी बने सुरेश ने अपनी नई शुगर बेबी को मिलने के लिए नोएडा के गॉर्डन गलेरिया मॉल में बुलाया।
पूर्व निर्धारि कार्यक्रम के तहत शुगर डैडी तथा शुगर बेबी नोएडा के गार्डन गलेरिया में स्थित रूबरू क्लब में मिले। शुगर बेबी अपने मुंह को स्कार्फ से ढ़ककर वहां पहुंची। जब वें सुरेश तथा सुमन आमने-सामने बैठे तो अचानक सुमन ने अपने मुंह से स्कार्फ हटा दिया। जब तक सुरेश कुछ बोलता सुमन ने उसकी जोरदार पिटाई शुरू कर दी। अपने शुगर डैडी पति को सुमन ने पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। फिर उसने क्लब में मौजूद लोगों को अपने पति की पूरी करतूत सुनाई। इसी बीच शुगर डैडी बने सुरेश ने सबके सामने अपनी पत्नी के पैर पकड़कर माफी मांगी तथा जीवन में फिर कभी शुगर डैडी ना बनने की कसम खा ली। इस प्रकार फर्जी शुगर बेबी बनकर एक पत्नी ने अपने पति के सिर पर चढ़ा हुआ शुगर डैडी वाला भूत पूरी तरह से उतार दिया।
आप सोच रहे होंगे कि यह शुगर डैडी क्या होता है? आपको शुगर डैडी के विषय में विस्तार से बता देते हैं। आपको बता दें कि शुगर डैडी डेटिंग का एक नया नाम है। भारत में तो डेटिंग शब्द भी नया ही है। इसलिए बताते चलें कि अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए स्त्री तथा पुरूष कुछ समय के लिए आपस में मिलते हैं। इस मिलने-जुलने को डेटिंग कहा जाता है। डेटिंग के अनेक तरीके ईजाद हुए है। इन्हीं तरीकों में से डेटिंग के एक तरीके का नाम है शुगर डैडी। “शुगर डैडी” एक ऐसा बुजुर्ग होता है जिसके पास खूब धन होता है। इसी धन के बलबूते पर बुजुर्ग अपने से बहुत कम उम्र की लडक़ी के साथ घूमता, फिरता तथा डेटिंग करता है। ऐसे बुजुर्ग को लड़कियां शुगर डैडी नाम से बुलाती हैं। जो लड़कियां इस प्रकार की डेटिंग करती हैं उन लड़कियों को शुगर बेबी कहा जाता है।
डेटिंग का यह नया रूप खूब फैल रहा है। जहां एक अमीर, लेकिन उम्रदराज शख़्स रिलेशन रखता है अपने से छोटी लडक़ी से। शुगर डैडी दिल खोल कर पैसे खर्च कर सकता है और शुगर बेबी को ज़रूरत है पैसों की। यूरोप, यूएस और अफ्रीका में ऐसी लड़कियों की तादाद बढ़ती जा रही है, जो डेटिंग के लिए लडकों के साथ नहीं, बल्कि बूढ़ों के साथ जाना पसंद करती हैं। अब यह प्रचलन भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है। शुगर डैडी का यह प्रचलन भारत के छोटे-बड़े सभी शहरों तक पहुंच गया है।
रिलेशनशिप एक्सपर्ट तनवी तनेजा बताती हैं कि शुगर डैडी एक नई तरह की डेटिंग है। इसमें बुजुर्ग व्यक्ति तथा जवान लडक़ी दोनों एक दूसरे की ज़रूरत को पूरा करने के लिए साथ जुड़ते हैं। शुगर डेटिंग में एक-दूसरे को समझने में भी समय खऱाब नहीं होता, क्योंकि इसमें एक व्यक्ति दूसरे से जदा मेच्योर होता है। इसलिए यह रिश्ता खूब अच्छा चलता है।
साइकोलॉजिकल डॉ. अरूण तनेजा बताते हैं कि पश्चिम ही नहीं, अपने देश भारत में भी इस तरह के रिलेशनशिप काफी बनते हैं। अंतर बस इतना है कि यहां पर इस रिलेशनशिप को लोग किसी नाम से नहीं पुकारते थे। अब धीरे-धीरे यहां भी इसे शुगर डैडी बोला जाने लगा है।
इस रिश्ते की ख़ासियत है कि यह शॉर्ट टर्म होता है। इसे दोनों तरफ से लिया जाता है एक बिजनेस अथवा धंधे की तरह। अगर शुगर बेबी को कोई दूसरा अमीर आदमी मिलता है और पहले वाले शुगर डैडी के पास समय नहीं है, तो वह शिफ्ट हो जाती है। यह रिश्ता चलता है घंटों के हिसाब से। इसमें तय कर लिया जाता है कि शुगर डैडी को कितने घंटे का साथ चाहिए और किस समय। इससे शुगर बेबी एक ही दिन में कई-कई लोगों के साथ रिलेशनशिप मेंटेन कर पाती है। इस रिलेशनशिप की अवधि इस बात पर भी निर्भर करती है कि शुगर डैडी कितनी जिम्मेदारी संभाल कर चल रहा है शुगर बेबी की।
युवा लड़कियां मानती हैं कि उनके साथियों में करीब 24 फ़ीसदी साथियों के शुगर डैडी हैं। एशियन ट्रेंड को देखें, तो शुगर डैडी और शुगर बेबी आपस में सोशल नेटवर्किंग साइट्स और सोशल मीडिया के ज़रिए कनेक्ट होते हैं। दुनियाभर में पॉपुलर ‘शुगर डैडी फॉर मी’ डेटिंग वेबसाइट पर इस समय करीब 5 करोड़ यूजर हैं।
रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ. पल्लवी गर्ग बताती हैं कि इस तरह के रिलेशनशिप में शुगर डैडी इसलिए आपसे जुड़ता है, क्योंकि वह अपनी पर्सनल लाइफ से खुश नहीं होता। ऐसे में वह अधिकतर समय अपनी दिक्कतें शेयर करता रहता है। वहीं, शुगर बेबी का काम है उन समस्याओं को सुनना और शुगर डैडी को रिलैक्स करना। इससे फर्क नहीं पड़ता कि लडक़ी ख़ुद किस तरह की मानसिक परेशानी से गुजर रही है। ऐसे रिश्ते में भावनात्मक सहारा नहीं मिल पाता। एकतरफा होता है यह रिश्ता। पैसों से जुड़ा होने की वजह से ज्यादातर केस में शुगर डैडी मल्टीपल रिलेशनशिप में होते हैं। ऐसे में मल्टीपल पार्टनर के साथ सेक्स करने से कई तरह की सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज होने की आशंका बढ़ जाती है।
भारत में शुगर डैडी तथ शुगर बेबी का चलन नया नया है। समाजशास्त्री बताते हैं कि यह चलन भारत में तेजी से बढ़ रहा है। शुगर डैडी व शुगर बेबी के बढ़ते हुए चलन से भारत में समाज के सभी तबके चिंतित हैं। लोगों का कहना है कि शुगर डैडी तथा शुगर बेबी वाला चलन भारतीय सभ्यता के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। भारत में रिश्ते-नातों की पवित्रता का विशेष महत्व रहा है। ऐसे में शुगर डैडी जैसा प्रचलन भारतीय समाज की चिंता का बड़ा कारण बन गया है। कुछ समाजसेवी संगठनों ने शुगर डैडी तथा शुगर बेबी वाले प्रचलन को तुरंत बंद करने की मांग की है।
फर्जी शुगर बेबी बनकर अपने शुगर डैडी पति के ऊपर से शुगर डैडी का भूत उतारने वाली यह घटना बहुत महत्वपूर्ण है। जानकारों का कहना है कि इसी प्रकार दो-चार शुगर डैडी और पिटाई खा लेंगे तो शुगर डैडी वाला गंदा धंधा भारत में फैलने से रोका जा सकता है।