एक महीने बाद भी सुपरटेक प्रोजेक्ट एनबीसीसी को नहीं सौंपा

Greater Noida: सुपरटेक प्रोजेक्ट की 16 परियोजनाओं के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (एनबीसीसी) को मिल गई है, लेकिन एक महीने बाद भी सुपरटेक की ओर से एनबीसीसी को प्रोजेक्ट का हैंडओवर नहीं हुआ है। ऐसे में एनबीसीसी की ओर से परियोजनाओं के निर्माण की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जा सका है। और जब रुकी हुई परियोजनाओं का काम शुरू नहीं होगा तो वह उसके उचित मालिकानों को कैसे दिया जाएगा। सुपरटेक के ऊपर दवाब बनाने के लिए सरकार और कोर्ट को पहल करनी चाहिए।
सूत्रों के अनुसार प्रोजेक्ट हैंडओवर का औपचारिक पत्र अबतक सुपरटेक के लेटर हेड पर साइन करके आईआरपी की ओर से नहीं जारी किया गया है। सुपरटेक प्रोजेक्ट की 16 परियोजनाओं के करीब 50,000 फ्लैट खरीदार पिछले 14 साल से अपने घर पाने का इंतजार कर रहे हैं। जब कि 12 दिसंबर को आया था एनसीएलएटी कोर्ट का फैसला आ चुका है। लेकिन जब प्रोजेक्ट हैंडओवर करने का औपचारिक पत्र ही नहीं जारी किया गया है तो आगे काम कैसे बढ़ सकेगा। और जो खरीदार 14 सालों से अपने घर का सपना देख रहे हैं वह कब पूरा होगा।
एक महीने पहले 12 दिसंबर को इस संबंध में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) की ओर एनबीसीसी को निर्माण कार्य के आदेश जारी किए गए थे। ग्रेटर नोएडा की ईकोविलेज-2 सोसाइटी की फ्लैट खरीदार पारोमिता बनर्जी ने बताया, पिछले एक महीने में आईआरपी को ईमेल से लगातर संपर्क में हैं, लेकिन किसी तरह का लाभ नहीं मिल रहा है। वहीं, एनबीसीसी से जानकारी मिली है कि प्रोजेक्ट का अबतक हैंडओवर नहीं हो पाया है।
एनबीसीसी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अपेक्स कमेटी की मीटिंग में यह निर्देश जारी हो चुके हैं कि प्रोजेक्ट का साइट हैंडओवर एनबीसीसी को दिया जा रहा है। इसके साथ ही सुपरटेक की ओर से मौखिक रूप हैंडओवर लेकर काम शुरू करने को कहा जा रहा है। लेकिन प्रोजेक्ट हैंडओवर का जबतक औपचारिक पत्र नहीं आता है तब तक हैंडओवर आॅफिशियल नहीं माना जा सकता है। एनबीसीसी की ओर से यह कहा गया है कि तीन साल में सभी परियोजनाओं का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। तीन चरण में परियोजनाओं का निर्माण कार्य होगा। इसमें पहले चरण में इको विलेज 2 का निर्माण कार्य किया जाएगा।