चुनावी चक्रव्यूह का केंद्र बने सिकंदराबाद और खुर्जा, योगी-अखिलेश और मायावती की ताबड़तोड़ रैलियां

चुनावी चक्रव्यूह का केंद्र बने सिकंदराबाद और खुर्जा, योगी-अखिलेश और मायावती की ताबड़तोड़ रैलियां

Delhi NCR: गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर पांच विधानसभा क्षेत्र नोएडा, दादरी, जेवर, खुर्जा और सिकंदराबाद हैं। इस समय लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार चरम पर पहुंच रहा है लेकिन इसकी सबसे ज्यादा तपिश खुर्जा और सिकंदराबाद एरिया में महसूस हो रही है। सभी प्रमुख दलों के नेता और कार्यकर्ता इन दोनों विधानसभा क्षेत्र में डेरा डाले पड़े हैं। सिकंदराबाद विधानसभा क्षेत्र के झाझर में आज सीएम योगी आदित्यनाथ की जनसभा है। सीएम बीजेपी प्रत्याशी डॉ. महेश शर्मा के लिए वोट की अपील करेंगे। इस जनसभा के लिए बीजेपी ने पूरा जोर लगा दिया है। इस सभा के बाद सिकंदराबाद क्षेत्र का राजनीतिक तापमान कम नहीं होने वाला है।

अगले दिन यहां सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने प्रत्याशी डॉ महेंद्र नागर के लिए वोट की अपील करेंगे। दो दिन बाद 22 अप्रैल को बीएसपी प्रमुख मायावती भी अपने प्रत्याशी राजेंद्र सिंह सोलंकी के लिए यहां सभा करने आ रही हैं। इस तरह से पूरे लोकसभा क्षेत्र में राजनीतिक दलों के मुकाबले का केंद्र बिंदु सिकंदराबाद विधानसभा क्षेत्र बन गया है। इससे पहले यह सरगर्मी खुर्जा विधानसभा क्षेत्र में थी।

पांच विधानसभा क्षेत्र वाली लोकसभा सीट में दो विधानसभा सीट के केंद्र बिंदु बन जाने पर हर राजनीतिक दल का अलग नजरिया है। अगर बीएसपी की बात करें तो उनके प्रत्याशी राजेंद्र सिंह सोलंकी सिकंदराबाद के पूर्व विधायक हैं। इनके समर्थक बता रहे हैं कि राजेंद्र सोलंकी यहां से अपना वोटबैंक संभालते हुए बाकी विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के कोर वोटर्स को भी कवर कर रहे हैं। इसी तरह खुर्जा से बीएसपी की उम्मीदें कम नहीं हैं, वहां पर पार्टी के नैशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद की जनसभा हो चुकी है।

सपा के प्रत्याशी डॉ. महेंद्र नागर ग्रेनो में लंबे समय तक कांग्रेस में सक्रिय रहे हैं। कांग्रेस इस बार सपा के साथ गठबंधन में है। गठबंधन का मानना है कि सिकंदराबाद में कांग्रेस का वोटबैंक अच्छा है। सपा 2022 के विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र के चुनाव परिणाम को भी देख रही है। यहां से भले ही सपा का प्रत्याशी हारा था फिर भी उन्हें 96 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। उस समय कांग्रेस ने भी प्रत्याशी उतारा था। अगर बीजेपी की बात करें तो वह भी इन दोनों दलों के प्रत्याशियों का मूवमेंट और अपनी मजबूती देख रही है।

बीजेपी नोएडा, दादरी विधानसभा क्षेत्र को बिल्कुल सेफ मान रही है, इसलिए मेहनत की दरकार सिकंदराबाद और खुर्जा में समझी जा रही है। सिकंदराबाद विधानसभा क्षेत्र में ही पीएम मोदी की रैली हुई थी। खुर्जा में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की जनसभा हो चुकी है। यह बात अलग है कि राजनीतिक दलों के ये प्रत्याशी अपनी सक्रियता समान भाव से सभी विधानसभा क्षेत्रों में होने का दावा कर रहे हैं।

सिकंदराबाद और खुर्जा में ज्यादा सक्रियता पर सपा और बसपा का कहना है कि बीजेपी को इन विधानसभा क्षेत्र में घेर लिया है। वहीं बीजेपी का कहना है कि सपा हो या बसपा इनके पास कार्यकर्ता ही नहीं हैं जो दूसरे विधानसभा क्षेत्र में पहुंचें।

सिकंदराबाद विधानसभा क्षेत्र में फिलहाल 3 लाख 97 हजार 500 मतदाता हैं। 2019 के चुनाव में यहां पर 2 लाख 51 हजार वोट पड़े थे। बीजेपी को 1 लाख 27 हजार 138 वोट मिले थे। बीएसपी और सपा के गठबंधन प्रत्याशी को 1 लाख 16 हजार 560 वोट मिले थे। कांग्रेस को 3106 वोट मिले थे। 2014 में जब सपा और बीएसपी के प्रत्याशी अलग-अलग चुनाव लड़े थे तब 79 हजार 6535 वोट सपा और 42 हजार 588 वोट बीएसपी प्रत्याशी को मिले थे।

बीजेपी प्रत्याशी के वोट 1 लाख 7 हजार 43 थे। 2009 के चुनाव में सपा इस विधानसभा सीट पर सबसे आगे रही थी। इसी तरह लोकसभा चुनाव में खुर्जा क्षेत्र में हुए मतदान की बात करें तो 2019, 2014 और 2009 के चुनाव में बीजेपी यहां सबसे आगे रही थी। वहीं बीएसपी और सपा गठबंधन को 2019 में 95 हजार 830 वोट मिले थे। 2014 में सपा को 52 हजार 446 तो बीएसपी को 47 हजार 945 वोट मिले थे।