CM योगी के डीप फेक मामले में एक आरोपी नोएडा से गिरफ्तार

Noida: नोएडा पुलिस के हाथों एक बड़ी कामयाबी लगी है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का डीप फेक वीडियो एक्स पर वायरल किया गया था। जिसपर लगातार पुलिस की ओर से कार्रवाई की जा रही थी। इसी कड़ी में नोएडा के सेक्टर-36 स्थित साइबर क्राइम थाने में एसटीएफ की ओर से रेहड़ी-पटरी संचालक वेलफेयर एसोसिएशन के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष श्याम किशोर गुप्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। दरअसल एसटीएफ नोएडा के उपनिरीक्षक दीपक कुमार ने नोएडा साइबर क्राइम थाने को दी शिकायत में एक माई को सुबह 9.34 बजे एक्स पर श्याम गुप्ता द्वारा एक्स आईडी से एक डीप फेक वीडियो अपलोड की गई है। जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आए गए मैदान में।
सोशल मीडिया पर वायरल किए गए उस वीडियो में सीएम योगी बोल रहें हैं कि पुलवामा के बलिदान वीर जवानों की पत्नियों का मंगलसूत्र कहां गया। नहीं चाहिए भाजपा। भाजपा हटाओ, देश बचाओ। क्या यह वीडियो सही है। अगर सही है तो जनता अंधभक्त है। वीडियो को यूपी भाजपा, पीएमओ, सीएम यूपी आदि को टैग किया गया है। इस पोस्ट पर एक री-पोस्ट, पांच लाइक के साथ 354 व्यू आ चुके हैं। जो लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस बारे में जानकारी देते हुए एडीजी कानून-व्यवस्था एवं एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि नोएडा एसटीएफ ने इस तरह का वीडियो वायरल होने की सूचना मिलने पर नोएडा के साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके आधार पर नोएडा के बरौला निवासी श्याम गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने अपने एक्स हैंडल से एआई जनरेटड डीप फेक वीडियो पोस्ट किया, जो तेजी से वायरल होने लगा। इसकी सूचना पर नोएडा पुलिस तत्काल हरकत में आई और उसे दबोच लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह नोएडा के रेहड़ी पटरी संचालक वेलफेयर एसोसिएशन का प्रदेश अध्यक्ष है। वह सीएम योगी को पसंद नहीं करता है। उन्हें बदनाम करने के लिए उसने पुराने वीडियो को एआई से एडिट कराकर वायरल किया था। जिस एक्स हैंडल से यह वायरल किया गया, वह उसका ही है।
मिली जानकारी के अनुसार नोएडा साइबर क्राइम थाने की ओर से आइपीसी की धारा-468 (इलेक्ट्रॉनिक रिकार्ड का उपयोग धोखाधड़ी के प्रयोजन के लिए), आइपीसी की धारा-505 (2) (वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या द्वेष पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान), सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम की धारा-66 (इंटरनेट मीडिया पर आपत्तिजनक, उत्तेजक या भावनाएं भड़काने वाली सामग्री डालने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। फिलहाल आरोपी से पूछताछ की जा रही है।