अब ट्रेनों की तरह रोडवेज बसों की लोकेशन जान सकेंगे यात्री
नोएडा: परिवहन निगम यात्रियों की सुविधा के लिए नेशनल ट्रेन इन्क्वायरी सिस्टम (एनटीईएस) की तर्ज पर मोबाइल ऐप बनाएगा। इसके जरिये यात्री बसों की लोकेशन जान सकेंगे। बसों में वीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाई जा रही है। मुख्यालय स्तर पर कमांड सेंटरों के जरिये बसों की ट्रैकिंग होगी। बसों में पैनिक बटन भी लगाए जा रहे हैं ताकि यात्रियों को आपातकालीन मदद मुहैया कराई जा सकेगी। परिवहन निगम यह काम निर्भया योजना के तहत कराएगा। इसके लिए जापान की कंपनी ने काम शुरू कर दिया है।
निर्भया योजना के तहत बस अड्डों का भी आधुनिकीकरण किया जाएगा। नोएडा-ग्रेनो के बस अड्डों पर रोजाना नोएडा, ग्रेनो सहित प्रदेशभर के 80 से ज्यादा डिपो के साथ उत्तराखंड, राजस्थान और हरियाणा राज्यों की भी बसें आती हैं। यहां एलईडी डिस्प्ले पैनल और अनाउंसमेंट सिस्टम लगाया जाएगा। यात्रियों को आने-जाने वाली बसों की जानकारी डिस्प्ले स्क्रीन पर भी मिल सकेगी।
जिन बसों के स्क्रैप होने में एक वर्ष का समय बाकी है, उन्हें फिलहाल आधुनिकीकरण में शामिल नहीं किया गया है। बसों के आने-जाने के समय के साथ यह भी पता चल सकेगा कि वे कहां हैं और कितनी देरी से चल रही हैं। इसके लिए बसों की सूची तैयार कर जून में मुख्यालय भेजी जाएगी। परिवहन निगम के जीएस टेक्निकल ने बताया कि यहां भी रेलवे की तर्ज पर इन्क्वायरी सिस्टम तैयार हो रहा है। इसके लिए काम शुरू हो गया है। उम्मीद है कि कुछ महीनों में यात्रियों को रोडवेज बसों की सही जानकारी मोबाइल ऐप पर मिलने लगेगी।
रोडवेज बसों में सीट बुकिंग सेवा लगभग फेल है। सामान्य और राजधानी श्रेणी की बसों में सीट बुकिंग लगभग शून्य है। एसी श्रेणी की बसों में सीट बुकिंग होती है, लेकिन ऐन मौके पर बसें निरस्त कर दी जाती हैं। कई बार बसें रास्ते में खराब हो जाती हैं। ऐसे में ऑनलाइन सीट बुक कराने वाले यात्रियों को रिफंड मिलने में कई महीने लग जाते हैं।