दिल्ली-नोएडा में प्रदूषण मे नही आई कोई कमी नई पाबंदियां डीजल जनरेटर और बसें बैन

दिल्ली-नोएडा में प्रदूषण मे नही आई कोई कमी नई पाबंदियां डीजल जनरेटर और बसें बैन

Delhi NCR: साल के आखिरी दिन प्रदूषण ने लोगों को परेशान किया। दिल्ली का AQI 382 रहा। वहीं नए साल पर भी प्रदूषण लोगों को परेशान करेगा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 1 से 3 जनवरी तक प्रदूषण बेहद खराब स्थिति में रहेगा। नए साल के जश्न में आतिशबाजी प्रदूषण को काफी अधिक बढ़ा सकती है। इसके बाद भी अगले छह दिनों तक प्रदूषण बेहद खराब स्थिति में ही रह सकता है। 31 दिसंबर को दिन के समय हवाएं चार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं। रात के समय यह हवाएं और कमजोर हो गईं। वहीं एक जनवरी की सुबह हवाएं काफी कमजोर रहेंगी। दिन के समय इनकी गति चार किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास रहेगी। दो जनवरी को भी हवाएं कमजोर रहेंगी। तीन जनवरी को हवाओं की गति चार से छह किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास रह सकती हैं।

2023 प्रदूषण के लिहाज से पिछले दो सालों से थोड़ा साफ रहा। हालांकि अगस्त से दिसंबर तक के अंतिम पांच महीने पिछले साल से अधिक प्रदूषित रहे। जनवरी और फरवरी भी पिछले साल की तुलना में अधिक प्रदूषित रहे। कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) के अनुसार 2021 से सीएक्यूएम ने प्रदूषण को कम करने के लिए काफी काम किया है। पूरे साल हुए इस काम की वजह से इस बार भी प्रदूषण में कमी दर्ज की गई है। 2023 में चार महीने मार्च, अप्रैल, जून और जुलाई में प्रदूषण सबसे कम रहा। औसत सालाना एक्यूआई के मामले में भी 2018 से लेकर अब तक दूसरा सबसे साफ साल रहा है। इसमें कोविड में गुजरा साल 2020 भी शामिल है। इस साल भारतीय मानकों के अनुसार राजधानी के लोगों ने 206 दिन साफ हवा में सांस ली। इस दौरान एक्यूआई शून्य से 200 के बीच रहा। वहीं 144 दिन खराब से बेहद खराब रहे।

आज से डीजल जेनरेटरों पर मिली छूट खत्म हो गई है। अब डीजल जेनरेटर का इस्तेमाल करने पर कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) ने लोगों की मांग पर 31 दिसंबर तक डीजल जेनरेटर को ग्रैप के दौरान इमरजेंसी इस्तेमाल की छूट दी थी। वहीं जानकारी के अनुसार सोसायटीज अब भी इसके लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है कि दिल्ली में पावर कट काफी कम होते हैं। जबकि डीजल जेनरेटर को डुअल फ्यूल में बदलवाने की प्रक्रिया काफी महंगी है। इतना खर्च करने के लिए सोसायटीज के पास फंड नहीं है। इसलिए इसके बारे में सीएक्यूएम को दोबारा विचार करना चाहिए। सीएक्यूएम के सामने कई सोसायटियों, इंडस्ट्रियों ने अपनी दलीलें रखी हैं। फिलहाल सीएक्यूएम ने तारीख नहीं बढ़ाई है। 31 दिसंबर तक यह छूट मान्य थी।

सीएक्यूएम के निर्देश पर 1 जनवरी 2024 से डीजल जेनरेटर पहले से तय किए नियमों के अनुरूप ही चलेंगे। नए साल में 19 केवी से कम पोर्टेबल डीजल जेनरेटर ग्रैप के दौरान नहीं चल सकेंगे। 19केवी से 125केवी क्षमता के जेनरेटर तभी चल सकेंगे जब वह डुअल फ्यूल पर आधारित हों। जिन जगहों पर गैस या पीएनजी की सप्लाई नहीं है वहां इन्हें आपात स्थिति के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। 125 से 800 केवी के जेनरेटर तभी चल सकेंगे जब वह डुअल फ्यूल या सर्टिफाइड रेट्रो फिटेड होंगे। वहीं 800केवी के बड़े जेनरेटर तभी चल सकेंगे जब उनमें एमिशन कंट्रोल मैकेनिज्म होगा। अभी दिल्ली के अलावा एनसीआर में काफी जगहों पर डीजल जेनरेटर प्रदूषण की बड़ी वजह है।

इन आदेशों का असर दिल्ली समेत पूरे एनसीआर की इंडस्ट्रीज, कमर्शल और रेजिडेंशल एरिया पर पड़ेगा। जहां पर पावर बैकअप के लिए अब भी डीजल जेनरेटरों का इस्तेमाल हो रहा है। जेनरेटरों की रेट्रोफिटिंग के दौरान उनमें प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए एमिशन कंट्रोल डिवाइस लगाया जाता है। साथ ही डुअल फ्यूल मोड किट लगाई जाती है। इससे जेनरेटर को दो फ्यूलों पर चलाया जा सकता है। मसलन डीजल के साथ नैचुरल गैस से। जानकारी के अनुसार नोएडा के कई कारोबारी आईजीएल से मिले हैं। पता चला कि डुअल कनैक्शन के लिए 90 से 120 दिन का समय लग रहा है। वेटिंग लिस्ट काफी अधिक है।

आज से दिल्ली आने वाली कई शहरों की डीजल बसों पर पाबंदियां लग गई हैं। प्रदूषण के लिहाज से चरणबद्ध तरीके से विभिन्न शहरों से दिल्ली आने वाली डीजल बसों को कम किया जा रहा है। इसका दूसरा चरण एक जनवरी से लागू हो रहा है। ऐसे में साल के पहले दिन ट्रांसपोर्ट की समस्या लोगों को आ सकती है। कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) के अनुसार एक जनवरी 2024 से राजस्थान के नॉन एनसीआर इलाकों से दिल्ली आने वाली सभी बसें अब क्लीन फ्यूल से चलेंगी। डीजल से आने वाली बसों को दिल्ली में एंट्री नहीं मिलेंगी। एक जनवरी 2024 तक यूपी के आठ एनसीआर जिलों से चलने वाली 874 में से 250 बसों को क्लीन फ्यूल में बदल दिया जाएगा। डीजल बसों को दिल्ली से हटाने का काम एक नवंबर 2023 से ही शुरू हो गया है। सीएक्यूएम ने इसके लिए समय-समय पर राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं। प्लानिंग के तहत एक जुलाई 2024 तक दिल्ली व एनसीआर में सिर्फ क्लीन फ्यूल की बसें चलेंगी। क्लीन फ्यूल से चलने वाली बसें इलेक्ट्रिक, सीएनजी या बीएस-6 डीजल से चलने वाली बसें होंगी। इसके लिए परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस को अपनी टीमें बॉर्डर पर लगानी हैं। डीजल बसें अभी तक दिल्ली के आईएसबीटी तक आती हैं।