10 दिनों में ग्रेटर नोएडा में चौथे छात्र ने खुदकुशी कर दी जान!

10 दिनों में ग्रेटर नोएडा में चौथे छात्र ने खुदकुशी कर दी जान!

Greater Noida। ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में पिछले 10 दिनों में चौथे छात्र ने खुदकुशी कर ली। अल्फा-2 सेक्टर में बीसीए के छात्र राजमणि (22) का शव शुक्रवार रात कमरे में फंदे पर लटका मिला। छात्र यूपीएससी की तैयारी कर रही बड़ी बहन के साथ रहकर पढ़ाई करता था। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मूलरूप से देवघर झारखंड निवासी राजमणि बीटा-2 थाना क्षेत्र के अल्फा-2 में बड़ी बहन के साथ रहता था। शुुक्रवार को उसकी बहन कोचिंग के लिए गई थी। देर शाम को वह लौटी तो भाई का शव फंदे पर लटका देखा। युवती ने घटना की सूचना पुलिस और परिजनों को दी। पुलिस ने कहा कि छात्र की परीक्षा की तारीख पास आने वाली थी। पुलिस परीक्षा के तनाव की वजह से खुदकुशी की आशंका जता रही है।

बताया गया है कि छात्र राजमणि और उसकी बहन जून 2022 से सेक्टर में रहते थे। पुलिस छात्र के खुदकुशी का कारण पता करने के लिए उसके मोबाइल व लैपटॉप की जांच करेगी। मामले में परिजनों की ओर से तहरीर नहीं दी गई है। एडीसीपी अशोक कुमार का कहना है कि प्राथमिक जांच में छात्र के खुदकुशी कर जान देने की बात सामने आई है। मामले की जांच की जा रही है।

पिछले 10 दिन में छात्रों के खुदकुशी के मामले-

- 22 नवंबर 2023 को बादलपुर के महावड़ गांव में मोबाइल छीनने पर इंटरमीडिएट की छात्रा ने फंदा लगाकर की खुदकुशी।

- 22 नवंबर नॉलेज पार्क में बीटेक छात्र शिवम ने पिता की डांट से क्षुब्ध होकर आत्महत्या की।
-26 नवंबर को ग्रेनो में 17 साल की छात्रा ने मानसिक तनाव के चलते फंदा लगाकर आत्महत्या की।
-1 दिसंबर बीसीए के छात्र ने फंदा लगाकर की खुदकुशी।

पढ़ाई-कॅरिअर और अपनों से दूरी बढ़ा रहीं आत्महत्याएं
मनोचिकित्सक डॉ़ निखिल नायर कहते हैं कि घर में समय-समय पर मानसिक स्वास्थ्य पर जरूर चर्चा होनी चाहिए। कई मामलों में यह पाया गया है कि माता-पिता बच्चों से बात नहीं करते, ऐसे में बच्चा अकेला महसूस करने लगता है। कॅरिअर और पढ़ाई को लेकर छात्र तनाव में आ जाते हैं। इससे मन में नकारात्मक भाव पैदा होते हैं। वहीं इस मामले में छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग भी होनी चाहिए।

ग्रेटर नोएडा जनपद में 250 से अधिक शिक्षण संस्थान हैं, लेकिन इनमें छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग के लिए बनाई गई कमेटियां सक्रिय नहीं है। शिवनादर यूनिवर्सिटी में हुई छात्रा की हत्या और छात्र के आत्महत्या करने की घटना के बाद भी पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों व शिक्षण संस्थानों ने कोई ध्यान नहीं दिया। यही वजह है लगातार छात्र-छात्राएं इस तरह का कदम उठा ले रहे हैं। शिक्षण संस्थानों में यह कमेटियां सक्रिय हों जाएं तो आए दिन होने वाली घटनाओं को कम किया जा सकता है।