अब जेवर इंटरनैशनल एयरपोर्ट से अप्रैल 2025 में शुरू होगी पहली उड़ान

अब जेवर इंटरनैशनल एयरपोर्ट से अप्रैल 2025 में शुरू होगी पहली उड़ान

Greater Noida: जेवर में निर्माणाधीन एयरपोर्ट के कमर्शल संचालन की डेडलाइन अब सात महीने आगे बढ़ा दी गई है। अब यहां से अप्रैल 2025 में विमानों की उड़ान शुरू हो पाएगी। फिलहाल इस साल 29 सितंबर की डेडलाइन रखी गई थी। निर्माण में देरी के चलते अब इसकी डेडलाइन को 7 महीने आगे बढ़ा दिया गया है। बताया जा रहा है कि सिविल कंस्ट्रक्शन का काम तो अपनी डेडलाइन के हिसाब से ठीक चल रहा है। संचालन के लिए यात्रियों की सुविधाएं समय पर पूरी नहीं हो पाएंगी, जिसके चलते इसी डेडलाइन को आगे बढ़ा दिया है।

बता दें कि तीन साल पहले जब ज्यूरिख कंपनी के साथ जेवर में देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर कंसेशनल एग्रीमेंट साइन हुआ था तो 29 सितंबर 2024 इसके कमर्शल संचालन की डेडलाइन तय की गई थी। वहीं इस प्रॉजेक्ट पर प्रदेश और केंद्र सरकार की सीधी नजर है। खुद प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी लगातार इसकी समीक्षा कर रहे हैं। हर एक स्तर से दावा किया जाता रहा है कि यह देश का पहला एेसा एयरपोर्ट भी साबित होगा जो अपनी पहली डेडलाइन पर ही शुरू हो जाएगा। फिलहाल यह दावा फेल हो गया है और सोमवार को यमुना इंटरनैशनल एयरपोर्ट प्रा. लि. ने अधिकारिक तौर पर यह घोषणा कर दी है कि अब इस एयरपोर्ट का कमर्शल संचालन अप्रैल 2025 में शुरू हो पाएगा।

  

एनबीटी ने 22 जून को छपी खबर में यह संभावना जताई थी कि एयरपोर्ट का संचालन डेडलाइन पर शुरू होना संभव नहीं है। जितनी तरह के काम अभी संचालन से पहले किए जाने बाकी हैं उनके हिसाब से कम से कम 3 महीने की डेडलाइन बढ़ना निश्चित है। इससे ज्यादा का वक्त भी लग सकता है। वहीं सोमवार को हुई अधिकारिक घोषणा में सीधे 7 महीने की डेडलाइन बढ़ा दी गई है।

एयरपोर्ट शुरू करने की समय सीमा बढ़ाने के साथ ही नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) ने भी एयरपोर्ट का निर्माण कर रही कंपनी यमुना इंटरनैशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (यापल) के खिलाफ सख्ती दिखाई है। नायल ने निर्माण कार्य डेडलाइन पर पूरा ना होने के चलते 29 सितंबर के बाद हर एक दिन दस लाख रुपये का जुर्माना लगाने के लिए शासन को पत्र भेज दिया है। हालांकि संभावना यह है कि शुरू के तीन महीने का जुर्माना लगने से निर्माणकर्ता कंपनी को राहत मिल सकती है क्योंकि अनुबंध के अनुसार कंपनी को समय सीमा तक कार्य पूरा न करने पर तीन माह (90 दिन) का ग्रेस पीरियड मिलने का बायलॉज अनुबंध में है। वहीं नायल ने पहले ही दिन से 10 लाख रुपये प्रतिदिन का जुर्माना लगाने का लेटर शासन के संज्ञान के लिए भेज दिया है।

नायल के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट का निर्माण कर रही कंपनी की लापरवाही और कमर्शल तरीके से पैसा अर्जित करने की मंशा भी एयरपोर्ट का संचालन पहली डेडलाइन पर न होने का कारण बना है। संज्ञान में आया है कि विकासकर्ता कंपनी कमर्शल बिल्डिंग के निर्माण पर जोर दे रही है। कंपनी ने कार्गों हब व एक होटल का निर्माण शुरू कर दिया है, जबकि इनके निर्माण से पहले कंपनी को नायल से नक्शा पास कराना चाहिए था जो नहीं कराया। बिना नक्शा पास कराए ही इन दोनों बड़े प्रॉजेक्टों का निर्माण किया जा रहा है।

कंपनी 80 एकड़ में कार्गो हब बना रही है। यहां मालवाहक वाहनों का आवागमन शुरू होगा। मल्टीमॉडल कार्गो हब में कार्गो टर्मिनल के अलावा वेयर हाउस, लॉजिस्टिक जोन और कार व ट्रक पार्किंग आदि की भी सुविधा होगी। यात्रियों के लिए होटल का निर्माण कराया जा रहा है। सोमवार को एयरपोर्ट के निर्माण में देरी होने की सूचना मिलने के बाद नायल ने विकासकर्ता कंपनी को बिना नक्शा पास कराए शुरू हुए होटल और कार्गो के निर्माण को रोकने के लिए नोटिस जारी किया है।