ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और किसानों की बीच हुई झड़प, अवैध कब्जे पर कार्रवाई करने गई थी टीम

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और किसानों की बीच हुई झड़प, अवैध कब्जे पर कार्रवाई करने गई थी टीम

Greater Noida: यूपी के ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की टीम और किसानों के बीच झड़प का मामला सामने आया है। यहां ग्रेनो वेस्ट स्थित इटेहड़ा गांव में प्राधिकरण की टीम और किसान के बीच झड़प हो गई। इस दौरान एक किसान के सिर पर चोट लग गई। सिर से खून बहते हुए किसान का वीडियो भी सामने आया है। अवैध अतिक्रमण से कब्जा हटाने प्राधिकरण की टीम पहुंची थी, तभी दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई और एक किसान का सिर फूट गया। इसमें प्राधिकरण के कर्मचारियों को भी चोट आई है।

कोतवाली बिसरख क्षेत्र में बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की टीम पुलिस बल के साथ अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए गई थी। किसानों ने प्राधिकरण की जमीन पर अवैध कब्जा कर अतिक्रमण कर रखा था। प्राधिकरण की ओर से कई बार कब्जाधारी को नोटिस भी दिया जा चुका है। बावजूद इसके किसानों ने अतिक्रमण नहीं हटाया। इसी कड़ी में जब आज प्राधिकरण अपनी टीम और दस्ते के साथ जमीन पर कब्जा लेने पहुंचे तो उनकी और किसान के बीच झड़प हो गयी। झड़प के दौरान मौके पर और लोग पहुंच गए। अधिकारी ने बताया कि उन्होंने प्राधिकरण की टीम पर पुलिस की मौजूदगी में पत्थरबाजी करनी शुरू कर दी।

प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि अतिक्रमण हटाने गई प्राधिकरण की टीम पर पत्थरों से हमला बोल दिया। प्राधिकरण की इटेहड़ा गांव में खसरा नंबर-435 पर किसानों की ओर से अवैध कब्जा कर रखा था, जिसे आज हटाने के लिए टीम गई थी। इसी दौरान उनकी ओर से हमला किया गया। किसान ने मुआवजा उठी पुरानी आबादी जमीन पर अवैध कब्जा करके 6 दुकानें बना दी थी। आदर्श आचार संहिता के दौरान अवैध कब्जा करके दुकानें बनाई गई थी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की टीम बिसरख थाना पुलिस को अतिक्रमण हटाने के लिए साथ लेकर पहुंची थी। प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि पत्थरबाजी में एक किसान को चोट लगी है, बट से मारने की बात गलत है। इस हमले में प्राधिकरण के कर्मचारियों को भी चोट आई है।

किसान को मारपीट कर गंभीर रुप से घायल कर देने के मामले की रिपोर्ट न दर्ज करने पर समाजवादी पार्टी ने बिसरख थाने का घेराव किया। इस मौके पर समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी ने कहा कि ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारी सरेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं। प्राधिकरण के अधिकारी अपने साथ बड़ी संख्या में बाउंसर और निजी सुरक्षाकर्मी रखते हैं, जो किसानों के साथ बदतमीजी और मारपीट करते हैं।

उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में भी अभी मामला न्यायालय में विचाराधीन है। किसान ने यही बात जब अधिकारियों को बताई तो उसकी पिटाई कर दी और जब पुलिस में इसकी तहरीर दी गई। पुलिस किसान की तहरीर को लेने को तैयार नहीं है। प्राधिकरण की गुंडागर्दी और पुलिस कार्यशैली दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट प्रवक्ता ने बताया बुधवार को कुछ किसान अपनी शिकायत लेकर थाना बिसरख पर आए थे। इनकी ओर से प्रार्थना पत्र दिया गया है। इस प्रार्थना पत्र की जांच एसीपी-2 सेंट्रल नोएडा की ओर से की जाएगी। सभी किसान अपने गंतव्य को जा चुके है। धरने पर बैठने की बात असत्य है। मौके पर शांति व्यवस्था कायम है।