नोएडा में बाढ़ की चपेट में आते हैं 50 गांव
Noida: उत्तर प्रदेश के हाईटेक शहर नोएडा (गौतमबुद्धनगर) में बरसात के मौसम में 50 गांव बाढ़ की चपेट में आते हैं। बाढ़ की चपेट में आने के कारण यहां बड़ी संख्या में ग्रामीण प्रभावित होते हैं और लाखों रूपये का नुकसान होता है। बाढ़ से होने वाले नुकसान से बचने के लिए नोएडा (गौतमबुद्धनगर) जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है।
बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में बाढ़ समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए जनपद की भौगोलिक स्थिति के आधार पर बाढ़ के बारे में विभागीय समीक्षा कर संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यमुना नदी की बाढ़ से जनपद के 50 ग्राम प्रभावित होते हैं, जिनमें जेवर तहसील के 25 ग्राम तथा दादरी तहसील के 25 ग्राम हैं। हिंडन नदी से तहसील दादरी के 23 ग्राम प्रभावित होते हैं। यमुना नदी का जल स्तर काफी ऊंचा होने पर बैक वाटरिंग के कारण हिंडन नदी में जल का फैलाव एवं बहाव बड़े क्षेत्र में हो जाता है।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने सिंचाई विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, कृषि विभाग, स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग, विद्युत विभाग, फायर विभाग, जल निगम, आपूर्ति विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों के द्वारा की गई तैयारियों की समीक्षा करते हुए बताया कि कार्य नीति एवं योजना बनाकर बाढ़ जैसी परिस्थितियों को पैदा होने से रोका जा सकता हैं। बाढ़ नियंत्रित के लिए पूर्व अनुमान एवं चेतावनी देना, तटबंधों का निरीक्षण एवं मरम्मत का कार्य, बाढ़ चौकिया का निर्माण, नदियों में गिरने वाले नालों में बाढ़ के पानी के विपरीत बहाव, नालियों की खुदाई, अधिक बाढ़ वाले पानी का निपटान, बचाव एवं राहत तथा पुनर्वास कार्य व बाढ़ से घिरे लोगों को यथाशीघ्र निकालने की, उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाकर राहत सामग्री उपलब्ध कराने की व्यवस्था आदि संबंधित विभागों के द्वारा कार्य योजना बनाकर की जाए।
एडीएम ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि डूब क्षेत्र में संचालित सरकारी एवं गैर सरकारी गौशालाओं की मैपिंग करते हुए अपनी तैयारियां पूर्ण करें। साथ ही यह सुनिश्चित करें की सभी गौशालाओं में भूसे की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध रहे एवं बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुए समय से ही अस्थाई गौशाला के लिए स्थान भी चिन्हित कर लिया जाये। जिला कृषि अधिकारी को निर्देश दिए कि वह भी फसलों को बाढ़ से बचाने के लिए पहले से ही अपने कार्य योजना तैयार कर लें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुए रैपिड रिस्पांस टीम, मेडिकल टीम सभी बाढ़ चौकिया पर तैनात रहे एवं एंबुलेंस व दवाईयों की पर्याप्त मात्रा बनी रहे। लोक निर्माण विभाग के अधिकारीगण भी बाढ़ संभावित क्षेत्रों में भ्रमण कर सडक़ों को दुरुस्त करने की कार्रवाई सुनिश्चित करें।
जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिए कि राहत किट एवं फूड पैकेट को लेकर पहले से ही टेंडर जारी कर दिया जाए और मैपिंग कर सुनिश्चित कर लिया जाए कि जो गैस गोदाम डूब क्षेत्र में है, बाढ़ के दौरान वहां से गैस सप्लाई में कोई भी परेशानी ना आए।
बैठक में अपर पुलिस उपायुक्त ग्रेटर नोएडा अशोक कुमार, उप जिलाधिकारी जेवर अभय सिंह, प्रभारी अधिकारी आपदा अनुज नेहरा, डिप्टी कलेक्टर चारुल यादव, जिला पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ विपिन अग्रवाल, जिला पूर्ति अधिकारी चमन शर्मा, जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार, अधिशासी अभियंता गौतमबुद्ध नगर/ गाजियाबाद/ खुर्जा, जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी एवं संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।