कैंसर से लड़ रही टीचर को स्कूल से निकाला , मृत्यु के बाद भी स्कूल ने नहीं दिया बकाया पैसा

कैंसर से लड़ रही टीचर को स्कूल से निकाला , मृत्यु के बाद भी स्कूल ने नहीं दिया बकाया पैसा

आठ साल की नौकरी का इनाम , कैंसर से लड़ रही टीचर को स्कूल से निकाला 

प्रधानमंत्री कार्यालय ने तो संज्ञान लिया लेकिन डीआईएएसओ कार्यालय ने नहीं

मौत के बाद भी नहीं मिल रहा इंसाफ

Greater Noida :स्वर्ण नगरी स्थित जी डी गोयनका स्कूल ने आठ साल की नौकरी के बदले मे कैंसर से पीड़ित एक पीजीटी शिक्षका जो की स्कूल मे अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान और वाणिज्य विभागाध्यक्ष रही उन्हें केवल इसलिए स्कूल से निकाल दिया क्योंकि वो कैंसर से पीड़ित थी यह आरोप लगाया है एरा जसरा के पति रिटायर्ड कर्नल संजय सहाय ने स्कूल प्रसाशन पर उन्होंने कहा की एक शिक्षिका आत्मा लगा देती है बच्चे का भविष्य सवारने मे लेकिन लेकिन मेरी पत्नी के जीवन मे एक अप्रत्याशित मोड़ आया जब मई 2022 में उन्हें एंडोमेट्रियल कैंसर का पता चला।

अपनी बीमारी के कारण चुनौतियों का सामना करने के बावजूद , एरा ने बहादुरी से स्कूल में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना जारी रखा। हालाँकि, हमें निराशा हुई, स्कूल प्रशासन ने जब उनसे इस्तीफा माँगा जोकि एरा और उन सभी के लिए भावनात्मक रूप से विनाशकारी था जो उसकी दयालुता और समर्पण से प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने बताया कि स्कूल की तरफ से कोविड महामारी के दौरान शिक्षकों के वेतन में कटौती न करने का झूठा दावा किया गया था ।उन्होंने स्कूल पर गंभीर आरोप लगाया है कि स्कूल ने उनकी ग्रेच्युटी, एरियर और सिक्योरिटी मनी जोकि लगभग पांच लाख रुपये है उसे भी रोक लिया है जो स्कूल का गलत फैसला है ।उन्होंने इस प्रकरण को प्रधानमंत्री के शिकायत पोर्टल पर डाला और प्रधानमंत्री कार्यालय ने जिला विद्यालय निरीक्षक गौतम बुद्ध नगर को इस मामले को देखने का निर्देश दिया।

21 मार्च 2023 को एक सुनवाई निर्धारित की गई और डीआईओएस द्वारा कार्रवाई करने के आश्वासन दिया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई l कर्नल संजय सहाय ने बताया है की अगस्त 2021 में 19 वर्षीय बेटे की कैंसर से मौत हो चुकि है l और दुखद बात यह है कि सितंबर 2023 में एरा जसरा की भी कैंसर से मृत्यु हो गई है l