रैपिड रेल के अंदर की पहली बार आईं तस्वीरें , देखिये कैसी होगी सुविधाए
DELHI: शुक्रवार 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) के प्राथमिक खंड का उद्घाटन करेंगे। बाद में आम लोग इस ट्रेन में सफर कर सकते हैं। लोगों को विमान की तरह बैठने की व्यवस्था मिलेगी। ये सीटें आगे-पीछे (रिक्लाइनिंग) होने वाली हैं और आरामदायक भी हैं। बड़ी खिड़कियों वाले आधुनिक कोचों में डिजिटल स्क्रीन होंगे जो यात्रियों को ट्रेन की वर्तमान गति और रूट बताएंगे।
हर रेक में छह कोच होंगे: एक प्रीमियम, पांच स्टैंडर्ड और छह सामान्य। प्रीमियम कोचों को अधिक भुगतान देना होगा। स्टैंडर्ड कोचों में से एक महिलाओं को आरक्षित किया जाएगा। 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी महिलाएं होंगी और स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो दिल्ली और मेरठ के बीच रहते हैं। स्टेशनों पर भी प्रीमियम टिकट वालों के लिए वेटिंग लाउंज होगा। शनिवार को यात्रियों के लिए पहली ट्रेन चलेगी, जो 15 मिनट की शुरुआत में चलेगी। ट्रेनें प्रत्येक स्टेशन पर ३० सेकंड के लिए रुकेंगी।
आरआरटीएस भारत का पहला रेलवे नेटवर्क होगा जिसकी अधिकतम गति 160 km/h होगी, इसलिए यह सामान्य रेलवे और मेट्रो नेटवर्क से अलग होगा। रूट पर चौबीस स्टेशन होंगे और औसत गति 100 किमी/घंटा होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉरिडोर के साहिबाबाद से 17 किलोमीटर दूर दुहाई डिपो खंड का उद्घाटन करेंगे। जिसमें पांच स्टेशन हैं: दुहाई, दुहाई, गाजियाबाद, गुलधर और साहिबाबाद डिपो। इस दूरी को तय करने में १५-१७ मिनट लगेंगे।
30,274 करोड़ रुपये की परियोजना का गलियारा दिल्ली के सराय काले खां स्टेशन से मेरठ के मोदीपुरम तक 82 किलोमीटर लंबा होगा। मेल एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली और मेरठ के बीच डेढ़ घंटे लगते हैं, जबकि लोकल ट्रेन से दो घंटे लगते हैं, लेकिन आरआरटीएस में केवल 55 से 60 मिनट लगेंगे। पूरा खंड जून 2025 में पूरा होना चाहिए। 8 मार्च 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने परियोजना का उद्घाटन किया था।
रैपिडएक्स देश की सबसे तेज ट्रेन होगी। इनमें आरामदायक कुर्सी (कुशन सीटिंग), खड़े होने के लिए चौड़ा स्थान, सामान रखने के लिए रैक, लैपटॉप, मोबाइल चार्जिंग पोर्ट और सीसीटीवी कैमरे शामिल हैं। ऑटो कंट्रोल लाइट सिस्टम, हीटिंग वेंटिलेशन और वातानुकूलित सुविधाएं होंगी। हर ट्रेन पर मैप होगा। इससे यात्रियों को फायदा होगा।