महज 20 रुपए में सफर कर पाएंगे नमो भारत ट्रेन में...
Namo Bharat Train: दिल्ली-एनसीआर के लोगों ने पिछले कई सालों से एक रैपिड रेल का इंतजार किया था, जो अब काम करने को तैयार है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों उद्घाटन होने के बाद शनिवार से आम लोग इसमें चल सकेंगे। पहली यात्रा से पहले इसे नया नाम भी दिया गया है। अब देश की पहली मिनी बुलेट ट्रेन का नाम 'नमो भारत' होगा। अभी दिल्ली से मेरठ के बीच ट्रेन 17 किलोमीटर ही चलेगी। साहिबाबाद से दुहाई के बीच पांच स्टेशन होंगे। आइए, हम आपको इससे जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी बताते हैं।
नमो भारत रैपिड रेल की अधिकतम स्पीड 180 km/h हो सकती है। अभी, इसे 160 km/h तक दौड़ाया जा सकता है। 100 km/h की औसत गति ट्रेन होगी। नमो भारत आज देश में सबसे तेज चलने वाली ट्रेन है। वंदे भारत की स्पीड अभी 130 km/h है। किंतु वंदे भारत भी 180 km/h तक दौड़ने के लिए बनाया गया है।
अभी ट्रेन पांच स्टेशन जाएगी। इनमें शामिल हैं साहिबादा, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन। दिल्ली से मेरठ तक २५ स्टेशन होंगे, ४ भूमिगत होंगे। सभी स्टेशनों में शामिल हैं-सराय काले खां, न्यू अशोक नगर, आनंद विहार, जंगपुरा, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो, मुरादनगर, मोदीनगर साउथ, मोदीनगर नार्थ, मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दीनगर, ब्रह्रमपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौराला मेट्रो
देश की सबसे तेज और आधुनिक ट्रेन में भी किराया बहुत कम है। ट्रेन में स्टैंडर्ड और प्रीमियम कोच हैं। दोनों क्लासों का किराया अलग है। स्टैंडर्ड कोच का किराया 20 रुपये से 50 रुपये तक हो सकता है। शाहिबाबाद से गुलधर जाने के लिए गाजियाबाद से 20 रुपए खर्च होंगे, जबकि साहिबाबाद से दुहाई डिपो जाने के लिए 50 रुपए खर्च होंगे। वहीं, प्रीमियम क्लास में कम से कम 40 रुपए किराया है और अधिकतम 100 रुपए है।
नमो भारत ट्रेन से सफर बहुत सुखद और आरामदायक होगा। इसमें कई सुविधाएं हैं जो आपको विमान में सफर का अनुभव देंगे। ट्रेन में Wi-Fi होगा। ट्रेन में बहुत आरामदायक सीटें हैं। बिजनेस क्लास कोच में खाद्य वितरण मशीनें भी हैं। मैप के अलावा, यात्रियों को मेट्रो की तरह ऑडियो-वीडियो सूचना दी जाएगी। बाहर का नाजारा देखने के लिए दोहरी ग्लेज्ड, टेम्पर्ड प्रूफ बड़ी शीशे की खिड़कियां हैं। महिलाओं के लिए, मेट्रो की तरह, एक कोच अलग है। स्टेशन से ट्रेन तक दिव्यांगों की सुविधाओं का भी पूरा ख्याल रखा गया है।
2025 तक दिल्ली से मेरठ तक ट्रेन चलाने की उम्मीद है। यह पूरा होने पर दोनों शहरों के बीच सिर्फ 55 मिनट में यात्रा की जा सकेगी। अभी मेरठ तक सड़क से पहुंचने में कठिनाई होती है और बार-बार जाम का सामना करना पड़ता है। दिल्ली से मेरठ के बीच आम ट्रेन में दो से तीन घंटे लगते हैं।
एनसीआरटीसी अधिकारी ने कहा कि पूरा कॉरिडोर शुरू होने के बाद हर दिन आठ लाख लोग सफर करेंगे। ऐसे में प्रति वर्ष लगभग ढाई लाख टन कम कार्बन उत्सर्जन होगा।