"दिल्ली में स्पीड कैमरों के उपयोग से यातायात सुरक्षितता में सुधार"

"दिल्ली में स्पीड कैमरों के उपयोग से यातायात सुरक्षितता में सुधार"

Delhi: पिछले कुछ सालों में दिल्ली की सड़कों पर होने वाली बड़ी दुर्घटनाओं में कमी दर्ज की गई है. ट्रैफिक पुलिस की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि राजधानी दिल्ली की प्रमुख सड़कों पर स्पीड कैम लगाने से घातक दुर्घटनाओं की संख्या में अच्छी खासी कमी आई है. दुर्घटनाएं रोकने को लेकर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की तरफ से चलाए जा रहे तकनीकीपूर्ण उपायों और जागरुकता अभियानों को बड़ी कामयाबी मिली है.

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की रिपोर्ट में बताया गया है कि स्पीड कैमरों के लगाए जाने से लेकर कई तकनीकी सुधारों के चलते दुर्घटनाओं की दर में कमी दर्ज की गई है. ट्रैफिक पुलिस की सक्रिय निगरानी से सड़कों पर वाहनों का परिचालन पहले से सुरक्षित हो गया है. लोग भी खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

इन डिवाइसों से घटी दुर्घटनाएं

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रैफिक पुलिस की तरफ से दिल्ली की जिन सड़कों के प्रमुख चौहारों पर रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी), ओवर स्पीड वॉयलेशन डिटेक्शन (ओएसवीडी) कैमरे, वॉयलेशन ऑन कैमरा ऐप (वीओसीए) और रडार गन या इंटरसेप्टर से निगरानी की गई, वहां दुर्घटनाएं और उसके बाद होने वाली मौतों में कमी दर्ज की गई है.

19 से 60 फीसदी एक्सीडेंट में कमी आई

रिपोर्ट में बताया गया है कि पहले चरण में जहां जहां 25 ओएसवीडी कैमरे इंस्टॉल किये गये थे, वहां घातक दुर्घटनाओं में गिरावट देखी गई. रिपोर्ट में कहा गया है यहां घातक दुर्घटनाओं में करीब 19 फीसदी की कमी आई है. देव प्रकाश शास्त्री रोड पर दुर्घटनाओं में 60 फीसदी कमी दर्ज की गई है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि दूसरे चरण में 100 ओएसवीडी कैमरे लगाये जाने के बाद दुर्घटनाओं में और कमी देखी गई. 1 सितंबर, 2019 और 29 फरवरी, 2020 के बीच आउटर रिंग रोड पर सबसे अधिक 61 घातक दुर्घटनाएं दर्ज की गई थी जबकि ओएसवीडी लगाने के बाद 1 फरवरी, 2020 से 31 अगस्त के बीच 34 फीसदी की कमी आई.

एनसीआर में तोड़े जाते हैं ट्रैफिक नियम

स्पेशल सीपी (ट्रैफिक जोन-2) एसएस यादव का कहना है कि ट्रैफिक कैमरे, सेंसर और जीपीएस से ट्रैफिक पैटर्न का विश्लेषण करने, भीड़भाड़ को लेकर आगाह करने, ट्रैफिक फ्लो को नियंत्रित करने या फिर ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों को दंडित करने में मदद मिलती है. एक्शन लिये जाने के बाद लोगों की चेतना जागृत होती है.

हालांकि उनका कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में की सड़कों पर क्षमता से ज्यादा वाहनों का उपयोग किया जा रहा है. यहां ऐसे नियंत्रण की और जरूरत है. वैसे दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आनंद विहार आईएसबीटी जैसी जगहों पर पर भी कई उपाय किये गये हैं.