नया नोएडा के लिए लैंड यूज चेंज पॉलिसी का प्रस्ताव बोर्ड में शामिल करेगा प्राधिकरण
Noida:दादरी नोएडा गाजियाबाद विशेष निवेश क्षेत्र (डीएनजीआइआर) के रूप में विकसित होने वाला ‘नया नोएडा’ का मास्टर प्लान 2041 नोएडा प्राधिकरण की 210 वीं बोर्ड बैठक में अनुमोदित हो चुका है।
लोगों की 19 आपत्तियों का निस्तारण किया जा चुका है। अब आपत्तियों में जिसमें तमाम जगहों पर स्कूल, अस्पताल समेत अन्य व्यवसायिक गतिविधियां आ रही है, उन्हें लैंड यूज चेंज की पॉलिसी के बिना निस्तारित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि प्राधिकरण के मास्टर प्लान में यह जगह औद्योगिक गतिविधियों के लिए चिह्नित है।
ऐसे में नोएडा प्राधिकरण जनवरी के प्रथम सप्ताह में होने वाली 213 वीं बोर्ड बैठक में ‘नया नोएडा’ के लिए लैंड यूज चेंज पॉलिसी का प्रस्ताव लेकर आ रहा है, जिसको अनुमोदित कर शासन के पास मंजूरी के लिए भेजेगा।
इसके साथ प्राधिकरण ‘नया नोएडा’ को विकसित करन के लिए किस प्रकार की जमीन अधिग्रहण नीति का सहारा लिया जाए। इसके आदेश को भी प्राप्त करेगा। वर्तमान में नोएडा में आपसी सहमति के जरिये किसानों से जमीन खरीदी जाती है।
60 से 70 प्रतिशत किसानों की रजामंदी होनी चाहिए अनिवार्यता
इसमें जिस गांव की जमीन का अधिग्रहण किया जाता है, उस गांव के 60 से 70 प्रतिशत किसानों की रजामंदी अनिवार्यता होनी चाहिए। हालांकि इससे पहले अजेंसी क्लाज के तहतधारा-4 और धारा-6 जारी कर जमीन का अधिग्रहण कर लिया जाता था, लेकिन ‘नया नोएडा’ के मास्टर प्लान को तैयार करते वक्त गुजरात मॉडल के तहत लैंड पूलिंग नीति है। इसे अब तक लागू नहीं किया गया है।
‘नया नोएडा’ के मास्टर प्लान 2041 बनाने और अनुमति के दौरान अधिग्रहण के लिए इसी नीति पर विचार किया जा रहा था। बता दें कि पिछले दिनों नोएडा प्राधिकरण में वित्तीय बजट बैठक में 1000 करोड़ रुपये ‘नया नोएडा’ में भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए आरक्षित किया गया हैं।
यह राशि फरवरी में उत्तर प्रदेश ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के दौरान साइन किए गए एमओयू के लिए भूमि आवश्यकताओं को पूरा करेगी।
आठ 8 हजार हेक्टेयर जमीन औद्योगिक निवेश को आरक्षित
21 हजार हेक्टेयर (203 वर्ग किमी) जमीन पर विकसित होने वाले शहर को चार चरण में तैयार करने का निर्णय लिया गया है। प्रथम चरण में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 8,500 करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत है, जिसके लिए 3,000 हेक्टेयर जमीन और प्राधिकरण ने वित्तीय बजट में ‘नया नोएडा’ के लिए 1000 करोड़ रुपये आरक्षित किया है।
प्रथम चरण में अनुमानित 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना जताई जा रही है। करीब एक लाख लोगों का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार का अवसर प्राप्त होगा।
इस नए शहर की कुलआबादी छह लाख मानी जा रही है, इसमें 3.5 लाख की आबादी माइग्रेट होने की संभावना है।लैंड पूल के जरिये किसानों की जमीन अधिग्रहीत की जाएगी, जिसमें 8 हजार हेक्टेयर जमीन औद्योगिक निवेश के लिए आरक्षित की गई है।
पश्चिम उत्तर प्रदेश में निवेश का हब बनेगा
पश्चिम उत्तर प्रदेश का यह विशेष निवेश क्षेत्र शिकागो इंडस्ट्रियल हब की तरह अपनी पहचान बनाएंगा, क्योंकि यह क्षेत्र मुख्यत : सड़क, रेलवे हवाई मार्ग से जुड़ा है, जिससे यहां निवेशकों को बेहतर विकल्प मिलेंगे।
बुलंदशहर व गौतमबुद्धनगर के 80 गांव की जमीन पर तैयार होने वाले डीएनजीआइआर की सामरिक क्षमता है क्योंकि बुलंदशहर की ओर जाने वाले जीटी रोड व हावड़ा की ओर जाने वाली रेलवे लाइन के मध्य स्थित है। वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर दादरी से मुम्बई तक है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर लुधियाना से कोलकाता तक वाया खुर्जा प्रस्तावित है।
खुर्जा से एक एसपीयूआर दादरी तक निर्मित की जाएगी। ईस्टर्न व वेस्टर्न कारीडोर का कामन प्वाइंट होगा। वहीं गौतमबुद्धनगर में हवाई सेवा और कार्गो के लिए जेवर में निर्मित नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से इस क्षेत्र को बड़ा बल मिलने वाला है।
मास्टर प्लान 2041 में भू उपयोगवर्ग जगह
औद्योगिक- 40 प्रतिशत
आवासीय- 13 प्रतिशत
ग्रीन एरिया व रिक्रेशनल-18 प्रतिशत
मास्टर प्लान के अनुसार ‘नया नोएडा’ का लैंड यूज ब्रेकअप
लैंड यूज- हेक्टेयर
औद्योगिक- 8811
आवासीय- 2477
वाणिज्यिक- 905.97
रिक्रेशनल- 420.60
वाटर बाडी-150.65
पीएसपी संस्थागत-1682.15
फैसिलिटी / यूटिलिटी- 198.85
ग्रीन पार्क / ओपन एरिया- 3173.94
ट्रैफिक और ट्रांसपोटेशन- 3282.59