दूसरे समुदाय के युवक से प्रेम करने पर ले ली बहन की जान
Ghaziabad:रुड़की के जलालपुर की रहने वाली युवती शिब्बा ( 18) की हत्या कर शव को मुरादनगर में गंगनहर में फेंक दिया गया। इसका आरोप उसके सगे भाई सूफियान और मुजफ्फरनगर के पुरबालियान निवासी ताऊ के बेटे (तहेरे भाई) मेहताब पर है। पुलिस पूछताछ में दोनों ने बताया है कि बहन दूसरे समुदाय के युवक से प्यार करती थी। उनके मना करने पर भी वह उससे बात करती रही, इसलिए गमछे से गला घोंटकर हत्या कर दी। उन्हें इसका पछतावा नहीं है।
पुलिस ने केस दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। शव की तलाश के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन दल ( एनडीआरएफ) की टीम लगाई गई है। टीम ने दस किलोमीटर तक तलाश की, लेकिन रविवार की रात तक शव नहीं मिल पाया। आनर किलिंग की इस वारदात की जानकारी रविवार की देर शाम ही पुलिस को लगी।
डीसीपी ग्रामीण जोन विवेक चंद यादव ने बताया कि शनिवार की शाम करीब चार बजे गंगनहर पटरी पर पुलिस के गश्ती दल को दो युवक पैदल चलते नजर आए। वे पुलिस को देखकर तेज चलने लगे तो उन पर शक हुआ। उनसे रुकने के लिए कहा गया तो भागने लगे। इस पर उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उन्होंने बहन की हत्या कर शव गंगनहर में फेंकने की बात बताई। उनकी निशानदेही पर शिब्बा के कपड़े, सैंडल, आधार कार्ड बरामद हो गए हैं। जिस गमछे से गला घोंटा, वह भी मिल गया है। शिब्बा कुछ कपड़े साथ लेकर आई थी।
पुलिस पूछताछ में मेहताब ने बताया कि उसने सूफियान के साथ मिलकर हत्या की पूरी साजिश पहले से तैयार कर ली थी। इसी के तहत सारे काम किए। शिब्बा को यह कहकर लाए कि घूमने के लिए जा रहे हैं, तुम्हारा मूड भी कुछ ठीक हो जाएगा। वह काफी तनाव में थी। शनिवार दोपहर को दिल्ली से तीनों आटो से मुरादनगर रेलवे स्टेशन तक आए। इसके बाद गंगनहर तक पैदल ही पहुंचे। करीब साढ़े तीन बजे रास्ते में रेलवे पुल के पास उसने उसके हाथ पकड़ लिए। सूफियान ने अपने गमछे से उसका गला घोंट दिया। उसकी मौत हो जाने के बाद शव को उठाकर गंगनहर में फेंक दिया और पैदल ही चल दिए। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वहां पुलिस मिल जाएगी और वे पकड़े जाएंगे। उन्होंने सोचा था कि वे हत्या करके चले जाएंगे। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। जलालपुर में सब यही जानते हैं कि शिब्बा तहेरे भाई के यहां रह रही है।
पुलिस का कहना है कि शिब्बा की हत्या के आरोपी सूफियान और मेहताब ने अपना जुर्म कुबूल किया है। उन्होंने बताया कि जलालपुर में पड़ोस से युवक से शिब्बा की दोस्ती हो गई थी, जो प्यार में बदल गई। उन्हें इसका पता तब चला जब बात बहुत आगे बढ़ गई और शिब्बा दिन में कई बार उस युवक से फोन पर बात करने लगी। दोनों में काफी मिलना-जुलना हो गया। इस पर शिब्बा को धमकाया कि उससे संबंध तोड़ दे और उसे भूल जाए, वरना अंजाम अच्छा नहीं होगा। वह नहीं मानी तो ढाई महीने पहले उसे दिल्ली के शाहदरा में तहेरे भाई सूफियान के घर भेज दिया। वहां भी उसने युवक से फोन पर बात करना नहीं छोड़ा तो उसकी पिटाई की। इस पर भी वह नहीं मानी और कहने लगी कि उस युवक से ही शादी करेगी। इसके बाद उसकी हत्या की साजिश रची। उसे धोखे से साथ लाए और हत्या कर दी।