रिफंड के बहाने रिटायर्ड जॉइंट डायरेक्‍टर से ठगे 14.89 लाख

रिफंड के बहाने रिटायर्ड जॉइंट डायरेक्‍टर से ठगे 14.89 लाख

Noida: हेल्थ विभाग के रिटायर्ड जॉइंट डायरेक्टर को एक सामान के लिए ऑनलाइन रिफंड रिक्वेस्ट की शिकायत में जरा सी लापरवाही करना महंगा पड़ा। ठगों ने वहां से डिटेल लेकर पीड़ित को 14 लाख 89 हजार रुपये की चपत लगा दी। मामले में ठगों ने पीड़ित को करीब 45 मिनट तक विडियो कॉल पर ही जोड़े रखा और इस दौरान उनके अकाउंट से रुपये निकाले गए।

मामले में पीड़ित ने सेक्टर-39 थाने में शिकायत की थी। जिसे साइबर थाने में ट्रांसफर किया गया है। साइबर थाना पुलिस के अनुसार, इस मामले में सभी जिन अकाउंट में रुपये गए, उसके संबंध में बैंक को मेल किया जा रहा है। जिससे रुपये को फ्रीज करवाया जा सके।

पीड़ित शिवचरण शर्मा यूपी के ही हेल्थ डिपार्टमेंट में जॉइंट डायरेक्टर पद से रिटायर हुए थे। उन्होंने बताया कि नवंबर में उन्होंने 1200 रुपये में एक डायबिटीज चेक करने की मशीन ऑनलाइन खरीदी थी। मशीन में शुरुआत में ही दिक्कत आने लगी। इसके बाद उन्होंने इसकी ऑनलाइन शिकायत की थी।

वहां सुनवाई न होने पर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी शिकायत पोस्ट की थी। इस पोस्ट में उन्होंने प्रॉडक्ट डिटेल और अपना मोबाइल नंबर डाला था। इसके बाद उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को कंपनी का एग्जिक्यूटिव बताकर उनके रुपये रिफंड करने की बात कही। इस दौरान वह दो दिन तक उनसे बात करता रहा।

पीड़ित के अनुसार, पहले दिन आरोपी ने सिर्फ उनसे कॉल पर बात की। इसके बाद उसने दूसरे दिन 1200 रुपये ऑनलाइन ही उनके अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए कहा। ठगों ने पहले रिटायर्ड अधिकारी को एक ऐप इंस्टॉल करवाया। इसके बाद उसने उन्हें विडियो कॉल पर लिया।

ठग ने उन्हें बताया कि वह विडियो कॉल पर रिफंड को प्रोसेस कर देगा। ऐप के इंस्टॉल होने के बाद उसने पीड़ित ने उनका मोबाइल नंबर और कुछ बेसिक डिटेल उसमें डालने के लिए कहा। इस दौरान वह 45 मिनट तक उनके साथ विडियो कॉल पर बात करता रहा। इस दौरान कुछ अजीब लगने पर उन्होंने कॉल को डिस्कनेक्ट कर अकाउंट को चेक किया तो 6 में 14 लाख 89 हजार रुपये निकल गए थे।

अधिकारी के अनुसार विडियो कॉल पर शुरुआत में वह सामान्य बातें कर रहा था। उनका नंबर और अन्य डिटेल ऐप पर डलवाने के बाद आरोपी ने उनसे कुछ मैसेज डिलीट करवाए। उसके द्वारा ऐसा कई बार करवाने पर उन्हें शक हुआ था। इस मामले में ठगी के बाद उन्होंने परिवार के लोगों को जानकारी दी और मामले में पुलिस से शिकायत की गई।