बेहतर शिक्षा लिए कीनोलर्न और कीनोफोनिक्स जैसे गतिविधि आधारित शिक्षण कॉन्सेप्ट इस्तेमाल किए जाएंगे- सोनिया रेलिया

बेहतर शिक्षा लिए कीनोलर्न और कीनोफोनिक्स जैसे गतिविधि आधारित शिक्षण कॉन्सेप्ट इस्तेमाल किए जाएंगे- सोनिया रेलिया

शिक्षण का समग्रतापूर्ण परिवेश बनाने के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा प्रारंभिक कक्षाओं के शिक्षकों की क्षमता का निर्माण

• इस कार्यशाला का लक्ष्य है बच्चों के लिए संपूर्ण शिक्षा का वातावरण रचना, जिसके लिए कीनोलर्न और कीनोफोनिक्स जैसे गतिविधि आधारित शिक्षण कॉन्सेप्ट इस्तेमाल किए जाएंगे 

Greater Noida l प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के विभाग ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया (ओयूपी) ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट में शिक्षकों के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) पर एक इंटरैक्टिव शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। यह क्षमता निर्माण कार्यक्रम प्राइमरी और फाउंडेशनल स्टेज पर शिक्षण में अभिनव तकनीकों पर केन्द्रित था; इस कार्यक्रम में 150 से अधिक प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों ने भाग लिया। फाउंडेशनल स्टेज यानी मूलभूत चरण में एनसीएफ पर फोकस करते हुए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बच्चों के लिए प्रायोगिक ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला गया। 

 एनसीएफ और एनईपी 2020 से जुड़ी गतिविधि आधारित श्रृंखला ‘माय लर्निंग ट्रेन’ को प्रस्तुत किया गया

अध्यापन संबंधी दृष्टिकोण के साथ शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में तथा पाठ्यक्रम विकसित करने में ओ यू पी अग्रणी रही है, और 111 वर्षों से भारत में इसकी उपस्थिति रही है। ओ यू पी ने स्कूल शिक्षकों और अभिभावकों को सहयोग दिया है ताकि समग्रता पूर्ण शिक्षण, अर्थपूर्ण सामग्री और शिक्षण संस्थानों को गतिविधि-आधारित श्रृंखला ’माय लर्निंग ट्रेन’ के साथ बुनियादी कक्षाओं में ले जाया जा सके। यह श्रृंखला एनईपी 2020 और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2022 के मुताबिक है और इसका लक्ष्य है शिक्षकों को सशक्त करना है कि वे हर कक्षा को एक जीवंत शिक्षण केन्द्र में परिवर्तित कर सकें। लेखिका सोनिया रेलिया द्वारा डिजाइन की गई श्रृंखला ‘माय लर्निंग ट्रेन’ में अनेक गतिविधियां, रिसोर्स बुक, कहानियां, कविताएं, लोक साधन, संगीत, कला, खेल तथा और भी बहुत कुछ शामिल हैं। इसे इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि  विभिन्न क्षेत्रों और शिक्षण शैलियों में बच्चों के कौशल में वृद्धि हो सके।

कार्यशाला का संचालन सोनिया रेलिया द्वारा किया गया। कार्यशाला का उद्देशय  था कि शिक्षकों की जरूरतों को पूरा किया जाए ताकि वे नन्हे विद्यार्थियों के लिए दिलचस्प गतिविधियों का उपयोग कर पाएं और इसमें मजेदार गतिविधियां भी शामिल होती हैं जिनसे बच्चों के संज्ञानात्मक एवं साइकोमोटर विकास को बढ़ावा मिले। सोनिया रेलिया कीनोलर्न और कीनोफोनिक्स जैसी पद्धतियां भी प्रस्तुत करती हैं जिनके लिए आसानी से उपलब्ध चीजों जैसे पोस्टर, फ्लैशकार्ड, बोर्ड गेम व स्टोरी रीडिंग कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है।

एनसीएफ शिक्षा में आमूल-चूल परिवर्तन का परिचायक है, यह खेल एवं गतिविधि-आधारित शिक्षण की वकालत करता है जो भारतीय मूल्यों से जुड़ी हो। एनसीएफ-एफएस 3 से 8 वर्ष के बच्चों के लिए निर्बाध विकास को सतत बनाए रखने के लिए है, इसके तहत बालपन की प्रारंभिक अवस्था में देखभाल व शिक्षा तथा कक्षा 1 एवं कक्षा 2 को शामिल किया गया है। एनसीएफ-एफएस इस परिवर्तनकारी बदलाव हेतु शिक्षकों को उत्प्रेरक के तौर पर स्थापित करता है।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने शिक्षकों को सरल किंतु प्रभावी तकनीकों से परिचित कराया, मूल कॉन्सेप्ट के विकास को सुगम करने की उनकी काबिलियत तथा प्राथमिक विद्यार्थियों के समस्या हल करने के कौशल को समृद्ध किया।

ग्रेटर नोएडा के 150 से अधिक शिक्षकों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। ओयूपी के क्षमता निर्माण कार्यक्रम में शिक्षकों ने बहुत दिलचस्पी ली जो प्रगतिशील एवं समग्र शिक्षण दृष्टिकोण  के अमल तथा एनसीएफ को कक्षाओं में लाने में शिक्षकों का मददगार है।