विश्व स्तर का होगा नोएडा का नया गोल्फ कोर्स
Noida: नोएडा शहर के सेक्टर-15ए में बनने वाला गोल्फ कोर्स विश्व स्तर का होगा। इसी कारण नोएडा के इस गोल्फ कोर्स का नाम इंटरनेशनल गोल्फ कोर्स रखा गया है। गोल्फ कोर्स के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का प्रयास है कि नोएडा का विश्व स्तरीय गोल्फ कोर्स वर्ष-2024 में ही 31 दिसंबर तक पूरी तरह से तैयार हो जाए।
नोएडा शहर में रहने वालों के साथ ही साथ ग्रेटर नोएडा के नागरिकों के लिए यह अच्छी खबर है। खबर यह है कि नोएडा के नागरिकों को जल्दी ही नोएडा शहर में दूसरा गोल्फ कोर्स मिल जाएगा। नोएडा का पहला गोल्फ कोर्स नोएडा शहर के सेक्टर-43 में स्थापित है। अब नोएडा शहर के ही सेक्टर-151 में नया गोल्फ कोर्स स्थापित किया जा रहा है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का दावा है कि नोएडा के सेक्टर-151 में बनने वाला गोल्फ कोर्स दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा। नोएडा शहर के सेक्टर-151 में बनने वाला नया गोल्फ कोर्स अंतर्राष्ट्रीय स्तर का गोल्फ कोर्स बनेगा। नोएडा के नए गोल्फ कोर्स का नाम इंटरनेशनल गोल्फ कोर्स रखा गया है। नोएडा के सेक्टर-151 में बनने वाला गोल्फ कोर्स 440434 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। नोएडा के इंटरनेशनल गोल्फ कोर्स में उच्च स्तरीय की सभी सुविधाएं मौजूद रहेंगी जो एक अंतर्राष्ट्रीय गोल्फ कोर्स में होती हैं। नोएडा के नए गोल्फ कोर्स में बैंक्वट हॉल, क्लब हाउस, रेस्टोरेंट, बार, स्वीमिंग पूल जैसी सभी अत्याधुनिक सुख-सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
नोएडा शहर के सेक्टर-151ए में निर्माणाधीन इंटरनेशनल गोल्फ कोर्स का काम पूरा करने की डेडलाइन दो बार फेल हो चुकी है। अब नोएडा प्राधिकरण की ओर से दिसंबर तक काम पूरा कराने का दावा किया जा रहा है। यहां सिविल का करीब 72 प्रतिशत काम पूरा हुआ है। परियोजना की लागत करीब 100 करोड़ है, इसमें व सिविल का काम 69 करोड़ का है। दरअसल इस परियोजना का काम ऐ सदस्यता से आने वाले पैसे से कराने की योजना बनाई गई थी, लेकिन यह योजना बुरी तरह से फ्लॉप हो गई। सदस्यता से करीब 48 करोड़ रुपये ही आ पाए।
इसके अलावा सदस्यता का काम भी बंद हो गया। ऐसे में परियोजना का काम बीते कुछ माह पहले तक बंद हो गया था। इसके बाद नोएडा प्राधिकरण ने फंडिंग पैटर्न में बदलाव का फैसला किया और परियोजना के लिए खुद ही पैसे देने का फैसला किया। लेकिन इसी बीच चुनाव आचार संहिता लग गई। ऐसे में प्राधिकरण फंडिंग पैटर्न का आदेश जारी नहीं कर सका। हालांकि सीईओ ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए इस परियोजना के लिए कुछ फंड रिलीज कराया और अब काम चल रहा है, लेकिन काम की प्रगति काफी धीमी है। इसका काम पहले सितंबर 2023 तक पूरा कराना था, लेकिन तय तिथि तक काम पूरा नहीं हो पाया। इसके बाद इसकी डेडलाइन मार्च 2024 तक बढ़ाई गई लेकिन यह डेडलाइन भी फेल हो गई। अब बताया जा रहा है कि इसकी नई डेडलाइन दिसंबर 2024 तक तय की गई है