नोएडा के डीएस ग्रुप ने बनाया रिकार्ड, इन प्रोडेक्ट का टर्नओवर 1 हजार करोड़ पर पहुंचा
Noida: उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित डीएस ग्रुप ने वर्ष-2023-24 में वार्षिक कारोबार में रिकार्ड बना दिया है। डीएस ग्रुप की कंफेक्शनरी शाखा ने 1 हजार करोड़ रूपये का कारोबार किया है और कंपनी का अगले पांच सालों में इस लक्ष्य को 5 हजार करोड़ रूपये तक लाना है।
आपको बता दें डीएस ग्रुप के मुख्यालय नोएडा के सेक्टर-67 में स्थित है। नोएडा की इस कंपनी डीएस ग्रुप की आज नोएडा ही नहीं देश भर के घर-घर में पहुंच है। डीएस ग्रुप के मशहूर कंफेक्शनरी प्रोडेक्ट कैंडी ब्रांड, पल्स टॉफी, माउथ फ्रेशनर, पास-पास, कैच मसाले, जूसी जैली, चिगल्स व अन्य प्रोडेक्ट सबको बेहद पसंद हैं। डीएस ग्रुप के कंफेक्शनरी डिवीजन ने वित्त वर्ष-2023-24 में इन प्रोडेक्ट की बिक्री के रिकार्ड तोड़े हैं। डीएस ग्रुप (धर्मपाल सत्यपाल फूड्स लिमिटेड) ने वित्त वर्ष 2023-24 में वार्षिक बिक्री कारोबार में 1,000 करोड़ रुपए को पार करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। डीएस ग्रुप के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, “हम वित्तीय वर्ष 2023-24 में डीएस ग्रुप की कन्फेक्शनरी शाखा की 1000 करोड़ रुपए की बिक्री टर्नओवर की घोषणा करते हुए बेहद रोमांचित हैं। यह उपलब्धि हमारे स्वदेशीकरण को बढ़ाने, हमारे उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करने और देश में सबसे बड़े डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में से एक होने पर डीएस ग्रुप की कन्फेक्शनरी रणनीतिक ध्यान का परिणाम है। आगे देखते हुए, हम चॉकलेट सेगमेंट में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के साथ-साथ भारतीय पारंपरिक कन्फेक्शनरी श्रेणी में अपने नेतृत्व की स्थिति को नए उत्पादों के साथ रणनीतिक रूप से विस्तार करने का लक्ष्य रखते हैं।”
आज देश में सबसे बड़े डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में से एक के साथ, डीएस ग्रुप के कन्फेक्शनरी उत्पाद प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 26 लाख से अधिक रिटेल आउटलेट्स में उपलब्ध हैं और इसकी बाजार हिस्सेदारी हार्ड-बॉयल्ड कैंडी (एचबीसी) और भारतीय जातीय कन्फेक्शनरी (आईईसी) सेगमेंट में इसका बाजार हिस्सा सबसे करीबी प्रतिस्पर्धी से कहीं अधिक है। अपनी मजबूत फाउंडेशन को निर्माण करते हुए और फ्लेवर और फ्रेग्रेंस के अपने नॉलेज और कंज्यूमर के टेस्ट बड्स की ताकत का लाभ उठाते हुए, डीएस ग्रुप की कन्फेक्शनरी शाखा का लक्ष्य अगले पांच सालों में 5,000 करोड़ की बिक्री टर्नओवर को हासिल करना है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक ग्रोथ के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा।