नोएडा में 20 घंटे युवती रही डिजिटल अरेस्ट, 11.50 लाख गंवा दिए, पर्सनल लोन लेकर ठगों के खाते में भेजा

नोएडा में 20 घंटे युवती रही डिजिटल अरेस्ट, 11.50 लाख गंवा दिए, पर्सनल लोन लेकर ठगों के खाते में भेजा

Noida: उत्तर प्रदेश के हाईटेक सिटी नोएडा में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर होने वाले साइबर क्राइम की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ताजा मामला नोएडा सेक्टर-44 से सामने आया है। यहां साइबर अपराधियों ने विदेश भेजे जा रहे पार्सल में ड्रग्स समेत अन्य आपत्तिजनक सामान होने का भय दिखाकर युवती को 20 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। उससे साढ़े ग्यारह लाख रुपये ठग लिए। इसके बाद साइबर ठगों ने युवती को इतना डराया कि उसे पांच लाख रुपये का पर्सनल लोन भी लेना पड़ा। युवती को अपने साथ ठगी होने का पता चलने के बाद उसने साइबर क्राइम थाने में शिकायत की।

पुलिस अब उन खातों की जानकारी जुटा रही है, जिनमें ठगी की रकम ट्रांसफर हुई। डिजिटल अरेस्ट के दौरान युवती को ठगों ने स्कॉइप कॉल पर जुड़ने के बाद किसी से संपर्क नहीं करने की बात कही। ठगों की ओर से धमकी दी गई कि उसका मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। ऐसे में अगर कोई बात लीक हुई तो युवती के साथ ही उसके परिवार को भी जेल जाना होगा।

सेक्टर-44 स्थित गॉर्डन ग्लोरी सोसाइटी निवासी रिद्धिमा गोयल ने पुलिस को बताया कि बीते दिनों उसके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल उठाते ही ऑटोमेटेड मैसेज के जरिये उसे बताया गया कि उसका इंटरनेशनल फेडेक्स पार्सल को कैंसिल कर दिया गया है। इसके बाद कॉल कस्टमर केयर के अधिकारियों को ट्रांसफर कर दी गई। युवती को बताया गया कि उसके नाम से जो पार्सल विदेश जा रहा था, उसे मुंबई पोर्ट पर पकड़ लिया गया है। इसमें नशीले पदार्थ समेत अन्य आपत्तिजनक सामान है। जब युवती ने कहा कि उसने कोई पार्सल नहीं भेजा है तो कॉल मुंबई साइबर क्राइम थाने के लिए ट्रांसफर कर दी गई। यहां के एक पुलिसकर्मी ने कॉल नारकोटिक्स मुंबई के अधिकारी को ट्रांसफर कर दी। इसके बाद युवती को ड्रग्स की तस्करी करने के आरोप में जेल जाने की धमकी दी गई। उसे स्काइप कॉल से जुड़ने के लिए मजबूर किया गया।

युवती को डिजिटल अरेस्ट करने के बाद कॉल सीधे डीजीपी को ट्रांसफर कर दी गई। कथित डीजीपी ने महिला की छवि को बर्बाद करने की धमकी दी। बताया गया कि उसकी जिंदगी खतरे में है। इस दौरान युवती को यह भी बताया गया कि उसके आधार कार्ड का लिंक आठ करोड़ रुपये के धनशोधन केस में हुआ है। इसके बाद खातों की जांच के लिए महिला से सेविंग अकाउंट में जमा सारी रकम जालसाजों की ओर से बताए गए खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। जांच के बाद रकम मूल खाते में फिर से लौटाने की बात कथित अधिकारियों की ओर से कही गई। महिला ने ठगों के बताए गए खाते में साढ़े छह लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।

इतना ही नहीं आरोपियों ने युवती को जेल जाने से बचने के लिए पांच लाख रुपये और ट्रांसफर करने के लिए कहा। पीड़िता ने कहा कि उसके पास रुपये नहीं हैं तो ठगों ने पर्सनल लोन लेने के लिए कहा। युवती ने पांच लाख रुपये का पर्सनल लोन लिया और ठगों के बताए गए खाते में रकम ट्रांसफर कर दिया। जब पीड़िता पर और रुपये ट्रांसफर करने का दबाव बनाया गया तो उसे ठगी का शक हुआ। इसके बाद युवती ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने की पुलिस से की।