गेमिंग ऐप और ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब, चीन से चल रहा ठगी का रैकेट, दिल्ली-NCR में मोहरा बने नेपाली और तिब्बती

गेमिंग ऐप और ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब, चीन से चल रहा ठगी का रैकेट, दिल्ली-NCR में मोहरा बने नेपाली और तिब्बती

 Noida: चीन से भारत के लिए होने वाली तमाम साजिशों के बीच अब साइबर क्राइम का रैकेट सामने आया है। यह रैकेट चीन के अपराधी नोएडा-ग्रेटर नोएडा, दिल्ली समेत अन्य शहरों में अपने हैंडलर के जरिए चला रहे हैं। कंबोडिया समेत दूसरे देश में कॉल सेंटर खोलकर इस रैकेट जरिए भारतीय नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। ठगी के इस रैकेट की बुनियादी जरूरत भारतीय मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट हैं। यह जरूरत चीन के अपराधी नेपाल और तिब्बत के नागरिकों को मोहरा बनाकर पूरा कर रहे हैं।

पिछले दिनों एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने दिल्ली के द्वारका में नाम बदल कर रह रहे तिब्बत मूल के नागरिक को पकड़ा था। इससे हुई पूछताछ में 2022 से अब तक पकड़े गए कई चीनी अपराधियों और उनके रैकेट का पूरा कनेक्शन सामने आ गया है। सामने आए इनपुट पर एसटीएफ समेत अन्य जांच एजेंसियां काम कर रही हैं।

 

जांच एजेंसियों के सूत्रों की मानें तो चीन बेस्ड साइबर क्राइम के नेटवर्क में नेपाली और तिब्बती नागरिकों को मोहरा बनाया जा रहा है। अब तक की जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि नेपाली नागरिकों के जरिए भारतीय मोबाइल नंबर के सिम और तिब्बती नागरिकों के जरिए बैंक अकाउंट जुटाए जा रहे हैं। इसके पीछे अहम कारण यह है कि इनका मूवमेंट आसानी से देश के किसी कोने में हो जाता है। यह भारतीय भाषा में संवाद भी स्थापित कर लेते हैं। इस वजह से किसी को संदेह नहीं होता है।

जांच में अब यह बात सामने आई है कि जून-2022 के बाद ग्रेटर नोएडा, दिल्ली व गुड़गांव से पकड़े गए 8-10 चीनी नागरिकों का कनेक्शन आपस में जुड़ा हुआ था। यह साइबर क्राइम के रैकेट में शामिल थे। लेनदेन के लिए बनाई गई कई फर्जी कंपनियां व अन्य साक्ष्य पहले ही जांच एजेंसियों को मिले हुए हैं।

11 जून 2022 को भारत नेपाल बॉर्डर पर बगैर वीजा के भारत आए चीन के नागरिक लु-लैंग और यू-हेलंग पकड़े गए। यह ग्रेनो की एक सोसायटी में ठहरे हुए थे। इनको शरण देने के आरोप में चीनी नागरिक सु-फाइ और उसकी नॉर्थ ईस्ट की गर्लफ्रेंड पेटेख सुआ पकड़ी गई। 11 सितंबर 2024 को एसटीएफ ने द्वारका से तिब्बती नागरिक छीन्जो थारचिंन को पकड़ा। यह चंद्रा ठाकुर बनकर यहां रह रहा था। यह चीन के नेटवर्क को बैंक अकाउंट उपलब्ध करवाता था।

2022 में पकड़े गए सु-फाइ भी वसंत कुंज के उसी फार्म हाउस को ठिकाना बनाए हुए था जहां जाकर छीन्जो थारचिंन ने चीनी नागरिक ली के कहने पर भारतीय बैंक अकाउंट साइबर क्राइम के लिए उपलब्ध कराए। अप्रैल-2024 को ग्रेनो के होटल से पकड़ा गया नेपाली नागरिक सुनील खड़का का कनेक्शन भी चीन के ली नाम के अपराधी से था। खड़का नेपाल में पीएचडी करने के बाद थाईलैंड में बिजनेस करने गया था। वहां से साइबर क्रिमनल के चाइनीज रैकेट के संपर्क में आया था। नेपाल के रास्ते भारतीय सिम कार्ड चीन भेज रहा था। वहां से कंबोडिया में चल रहे ठगी के कॉल सेंटर में यह सिम भेजे जा रहे थे।

मार्च में बिसरख थाना पुलिस ने कंबोडिया में ठगी के कॉल सेंटर के लिए हायरिंग कर युवाओं को भेजने के रैकेट का खुलासा किया था। चीनी नागरिक शू यूमिंग, नेपाल के अनिल थापा व ग्रेनो के विनोद को पुलिस ने पकड़ा था। इन तीनों ने दादरी और सेक्टर-62 निवासी तीन युवकों को मोटे पैकेज का ऑफर देकर कंबोडिया में ठगी के कॉल सेंटर के लिए भेजा था। गनीमत रही कि यह किसी तरह लौट आए। शू यूमिंग का 2022 में पकड़े गए चीनी नागरिक से कनेक्शन सामने आ रहा है।

अब तक की जांच में सामने आया है कि जून-2022 में पकड़े गए चीनी नागरिक सु फाई का जिस रैकेट से कनेक्शन था, वह गेमिंग ऐप के जरिए ठगी कर रहा था। यह रैकेट कंबोडिया व नेपाल से कॉल सेंटर के जरिए चलाया जा रहा था। ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब के नाम पर ठगी का तरीका भी चीनी रैकेट की तरफ से उपयोग में लाया जा रहा है। इसकी शुरुआत विडियो लाइक करने, रिव्यू देने के काम का ऑफर देकर होती है। कॉल सेंटर के जरिए भारतीय भाषा में और भारतीय मोबाइल नंबर के जरिए संपर्क कर भरोसा दिलाया जाता है। लेनदेन भी भारतीय बैंक अकाउंट के जरिए होता है। आगे हवाला के जरिए पैसा चीन तक ले जाया जा रहा है।