नोएडा में डिजिटल फ्रॉड की शिकार बनी महिला डॉक्टर, एक झटके में लाखों की ठगी

नोएडा में डिजिटल फ्रॉड की शिकार बनी महिला डॉक्टर, एक झटके में लाखों की ठगी

Noida: जहां एक ओर सोशल मीडिया काफी मददगार साबित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर ये वायरस की तरह दुनियाभर के लोगों के लिए काफी मुसीबत खड़ी कर रहा है। सोशल मीडिया एक ऐसा वायरस बन चुका है जो रफ्ता-रफ्ता हर किसी को अपने कैद में ले रहा है और इसमें हर दिन कई लोग फंसते ही जा रहे हैं। इस बात पर कोई शक नहीं कि सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव ने हमारी जिंदगी को काफी आसान बना दिया है, लेकिन इसके जरिए अपराधी बेहद सक्रिय हो गए हैं और हर दिन किसी न किसी को अपने जाल में फंसा कर लाखों की ठगी कर रहे हैं।

साइबर फ्रॉड का ताजा मामला नोएडा से आया है जहां एक महिला डॉक्टर को साइबर क्रिमिनल्स ने तीन दिनों पर डिजिटल अरेस्टिंग में रखा। इस दौरान साइबर अपराधियों ने महिला डॉक्टर से 27 लाख रुपये ठग लिए। जानकारी के मुताबिक महिला डॉक्टर को चूना लगा रहे साइबर अपराधियों ने खुद को IPS बताकर इस अपराध को अंजाम दिया। इस दौरान महिला बुरी तरह से डरी-सहमी हुई थी। ऐसे में मौका मिलने पर महिला हिम्मत जुटाकर पुलिस के पास जा पहुंची और इसकी जानकारी दी। जानकारी मिलने पर पुलिस ने महिला को समझाया और डिजिटल अरेस्टिंग से मुक्त करवाया।

इस बारे में जानकारी देते हुए महिला डॉक्टर ने पुलिस को बताया कि, बीते 17 नवंबर से वह सो नहीं पाई हैं। साइबर अपराधी महिला को लगातार वीडियो कॉल करते थे और पल-पल की खबर रखते थे। अपराधियों ने महिला को इतना डरा दिया था कि वो मोबाइल फोन पर किसी से भी बात नहीं करती थी और सबसे दूरियां बना ली थी। इसके अलावा जालसाजों ने 18 नवंबर को महिला ने अपराधियों को अपने बैंक खाते से 12.5 लाख रुपये RTGS के माध्यम से बताए खाते में ट्रांसफर कर दिए। अगले दिन बैंक खाते में धनराशि खत्म होने पर उन्होंने अपने FD तोड़कर 15 रुपये लाख और भेज दिए। जब वह 19 नवंबर को बैंक पहुंची तो बैंक प्रबंधक को महिला पर शक हुआ। ऐसे में महिला ने बहाना बनाकर बैंक प्रबंधक का शक दूर किया, लेकिन जब महिला के पति ने दवाब देते हुए पूछा तो उसने सारी सच्चाई बता दी।

पति के कहने पर महिला डॉक्टर थाने पहुंची और पुलिस की इसकी सूचना दी जिसके बाद साइबर थाने के निरीक्षक विजय गौतम ने उन्हें समझाते हुए कहा कि, वीडियो कॉल पर संपर्क करने वाले असली पुलिसकर्मी नहीं, बल्कि साइबर अपराधी थे। इसके बाद पुलिस ने महिला ने ना घबराने का आश्वासन देते हुए कहा कि, इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के मुताबिक, जालसाजों ने डॉक्टर का विश्वास जीतने के लिए उसे चंद सेकेंड के लिए वर्दी पहनकर वीडियो कॉल किया था।