विदेशियों से ठगी करने वाले फर्ज़ी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का खुलासा, देखिए पूरी खबर
ग्रेटर नोएडा : कॉल सेंटर ठगी मामले के सरगना एमबीए पास अंकुर गुप्ता ने सात वर्षों तक कॉल सेंटरों में विभिन्न पदों पर काम किया। आरोपी ने 19 साल में कॉल सेंटर के कर्मचारी से लेकर मोबाइल इंपोर्ट और फिर अमेरिकी नागरिक नितिन सिंह की मदद से आईफोन की तस्करी की। इसके बाद विदेशियों से ठगी करने का कॉल सेंटर शुरू कर दिया।
एसटीएफ ने बताया कि अंकुर गुप्ता (39) ने एमबीए करने के बाद वर्ष 2004 से लेकर 2011 के बीच विभिन्न कॉल सेंटरों में नौकरी की। वर्ष 2011-12 में करोल बाग दिल्ली में मोबाइल फोन इंपोर्ट कर दिल्ली एनसीआर के बाजार में बेचने का धंधा शुरू किया। इसी दौरान उसकी पहचान अमेरिका में रहने वाले नितिन सिंह से हुई।
नितिन की मदद से अंकुर ने अमेरिका से आईफोन को तस्करी कर हांगकांग के रास्ते चेन्नई लाने और फिर बाजार में बेचने का काम शुरू किया। इसी बीच उसकी मुलाकात गुजरात के अगड़िये मुकेश शाह से हो गई। वर्ष 2019 में मुकेश शाह ने हांगकांग में अंकुर गुप्ता की मुलाकात हिमांशु से कराई।
हिमांशु फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेन्टर चलाकर अमेरिका के नागरिकों से धोखाधड़ी करता था। हिमांशु ने ही उसे विदेशियों से ठगी करने के अवैध धंधे का प्रशिक्षण दिया। करोल बाग में ही काम करने के दौरान अंकुर की मुलाकात वहां मोबाइल रिपेयरिंग का काम करने वाले तरुण कुमार से हुई थी। तरुण के साथ मिलकर ही अंकुर कॉल सेंटर चलाने लगा।
वेतन से लेकर इंसेटिव तक का करते हैं भुगतान
कॉल सेंटर से पकड़े गए अन्य आरोपियों को मुख्यारोपी 25-30 हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन देते हैं। आरोपियों को ठगी के बदले इंसेंटिव भी मिलता था। कुछ आरोपी ठगी की रकम में 20 से 30 फीसदी की हिस्सेदारी पर भी काम करते हैं। हांगकांग के जिस खाते में रकम हस्तांतरित की जाती थी। उस खाता धारक को भी आरोपी कमीशन देते थे। इस खाते से अंकुर गुप्ता व तरुण को क्रिप्टो करेंसी या नकद के जरिये भुगतान मिलता था।
बंद पॉलिसी से लेकर पासवर्ड तक मुहैया कराने का देते थे झांसा
आरोपी अमेरिकी नागरिकों को नई बीमा पॉलिसी देने, बंद पॉलिसी चालू कराने, मोबाइल बैकिंग में आने वाली दिक्कतें यहां तक कि पासवर्ड आदि मुहैया कराने का भी झांसा देकर ठगी का शिकार बनाते थे। टीम ने 24 लोगों को गिरफ्तार किया है।