हरियाणा से सटे 32 गांवो की खतौनी बनाने को लेकर काम शुरू

हरियाणा से सटे 32 गांवो की खतौनी बनाने को लेकर काम शुरू

गौतमबुद्ध नगर और हरियाणा के किसानों के विवादों का होगा समाधान

Greater Noida I गौतमबुद्ध नगर के 32 गांवों की शुद्ध खतौनी तैयार किए जाने का काम शुरू होगा। ये गांव हरियाणा से सटे हैं। इस काम के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की मांग शासन से की गई है।

गौतम बुद्ध नगर के कास्तकारों के लिए एक खुशखबरी है। 41 साल बाद हरियाणा से सटे जनपद गौतमबुद्ध नगर के 32 गांवों की शुद्ध खतौनी तैयार किए जाने का काम शुरू होगा। सहायक अभिलेख अधिकारी गौतमबुद्ध नगर, भैरपाल सिंह ने बताया कि सर्वे विभाग के दो और चकबंदी विभाग के तीन लेखपालों की दो टीम बनाई गई हैं जो गांवों का सर्वे कर नक्शा तैयार करेंगी। छह माह के भीतर सभी 32 गांवों की शुद्ध खतौनी बना कर तैयार कर ली जाएगी। इस काम के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की मांग शासन से की गई है।

भैरपाल सिंह ने बताया कि सर्वे विभाग की दो टीम गांव-गांव जाकर मुआयना कर रही हैं। सबसे पहले टीम सभी गांवों का नक्शा तैयार करेंगी। गौतमबुद्ध नगर के 32 गांव हरियाणा की सीमा से लगे हैं जहां दोनों राज्यों के किसानों के बीच जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा है। साल 1974 में दीक्षित अवार्ड के समय सीमांकन कर दिया गया था, लेकिन तब से अब तक जिले के गांवों की शुद्ध खतौनी तैयार नहीं की जा सकी। इसी वजह से जमीन का विवाद खत्म नहीं हो पाया।

1982 में शुद्ध खतौनी बनाने का आदेश हुआ था, लेकिन तब से अब तक खतौनी नहीं बनाई जा सकी। अधिकारियों ने बताया कि गांवों का सर्वे शुरू कर दिया गया है। जिसके आधार पर नया नक्शा तैयार किया जाएगा। नक्शे में पुराने नंबरों से बने नए नंबरों को दर्ज किया जाएगा 

जमीन के कब्जा धारकों का नाम दर्ज होगा। फिर नंबर व नामों की पर्ची तैयार कर गांवों में वितरित की जाएगी।

अधिकारियों का कहना है कि अगर कोई आपत्ति करता है तो उसका निस्तारण कराया जाएगा। दोनों पक्ष अगर नहीं मानेंगे तो फिर विभाग अंतिम निर्णय करेगा। उसके बाद शुद्ध खतौनी तैयार होगी। उन्होंने बताया कि छह माह के अंदर सभी गांवों की शुद्ध खतौनी तैयार करने का लक्ष्य तय किया है। खतौनी जमीन के वास्तविक मालिक का प्रमाण पत्र होता है जिसमें जमीन के मालिक के नाम और अन्य विवरण दर्ज होते हैं। खतौनी में जमीन का आकार और सीमाएं दर्ज की जाती हैं, जिससे स्वामित्व की सीमा स्पष्ट होती है। खतौनी में खेतों में किस प्रकार की खेती की जा रही है, इसका भी विवरण होता है।