"चिंटल पैराडाइसो सोसाइटी के निवासियों ने प्रधानमंत्री को अपना दर्द सुनाने के लिए 29 अक्टूबर को दिल्ली में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया"

"चिंटल पैराडाइसो सोसाइटी के निवासियों ने प्रधानमंत्री को अपना दर्द सुनाने के लिए 29 अक्टूबर को दिल्ली में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया"

गुरुग्राम:  गुरुग्राम के सेक्टर-109 के चिंटल पैराडाइसो सोसाइटी के सदस्यों ने 29 अक्टूबर को दिल्ली में अपना दर्द व्यक्त करने का निर्णय लिया है। सोसाइटी के पांच टावर (डी, ई, एफ, जी और एच) को असुरक्षित घोषित करने के बाद जिला प्रशासन ने खाली कर दिया। इससे 288 फ्लैट मालिकों को घर नहीं है।

लोगों का कहना है कि बिल्डर प्रशासक के साथ काम करने को तैयार नहीं है। टावर G और H में रहने वाले पचास प्रतिशत परिवारों का कहना है कि वे ईएमआई और किराया दोनों का सामना करने की स्थिति में नहीं हैं। प्रशासन ने उनके रहने के लिए कोई वैकल्पिक स्थान नहीं बनाया। जब तक बिल्डर फ्लैटों का पुनर्निमाण या पूरा भुगतान नहीं करता तब तक बिल्डर रहने के लिए किराया देंगे। उनके फ्लैटों का वर्ग फीट मूल्य 15 से 16 हजार रुपये है। वहीं, जिला प्रशासक की वैल्यूएशन रिपोर्ट में फ्लैट कीमत 6500 रुपये प्रति वर्ग फीट बताई गई है। वैल्यूएशन रिपोर्ट बिल्कुल झूठ बोलती है।

10 फरवरी 2022 को सोसाइटी के डी टावर की छठवीं मंजिला का छत भरभरा कर गिर गई थी। इस हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई। हादसे की पुलिस रिपोर्ट दर्ज हुई। जिला प्रशासन ने एसआईटी गठित कर की जांच की गई। आईआईटी दिल्ली की टीम ने संरचनात्मक जांच की।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टावरो से फ्लैट खाली कराने के बाद लोगों को रहने के लिए मकान का किराया देना चाहिए। लेकिन बिल्डर को किराया नहीं मिलता। दिल्ली के जंतर मंतर पर बिल्डर के खिलाफ अब डेढ़ सौ लोग प्रदर्शन करेंगे।

H Tower में रहने वाले मनोज सिंह ने बताया कि फ्लैट खाली कराने के बाद बिल्डर किराया तक नहीं दे रहा है। बिल्डर पैसा लौटाने के नाम पर लोगों को धोखा दे रहा है। बिल्डर ने कहा कि सौ फ्लैट मालिको को पैसा वापस मिलेगा। लेकिन यह नहीं हो रहा है। उनका दावा था कि वे बेघर हो गए और जिला प्रशासन किराया तक नहीं दे सका।