"ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने वालों को पास करने पर आरटीओ इंस्पेक्टर को दिल्ली परिवहन विभाग ने निलंबित किया"

दिल्ली: दिल्ली परिवहन विभाग ने सूरजमल विहार के एक आरटीओ इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया है, जो ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने के बावजूद चालकों को पास कर ड्राइविंग लाइसेंस देता था। परिवहन विभाग ने वहां के एमएलओ को भी कारण बताओ नोटिस भेजा है। सूत्रों के अनुसार, यह इंस्पेक्टर पिछले कई महीने से इस काम में लगा हुआ था।
सुरजमल विहार आरटीओ में ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक पर ड्राइविंग टेस्ट किया जाता है। यह जांच वहां इंस्पेक्टर राजेश वर्मा की निगरानी में हुई थी। परिवहन विभाग को शिकायत मिली कि वहाँ लोगों को गलत तरीके से पास किया जा रहा है। दो से तीन महीने की निगरानी और डेटा विश्लेषण के बाद पता चला कि फेल चालकों को कॉनफ्ल्किट ऑफ रिजल्ट (परिणामों में विरोधाभास) का फायदा मिलता था। एमएलओ ही इसका उपयोग कर सकते हैं।
जांच में पता चला कि आम तौर पर दिल्ली में ऑटोमेटेड ट्रैक पर टेस्ट देकर पास होने वालों की संख्या 55-60 फीसदी के बीच होती है, मगर वहां पर पास होने वालों की संख्या 80-85 फीसदी तक पहुंच गई थी। परिवहन विभाग ने जांच के बाद आरोपों को सही पाया। इंस्पेक्टर को निलंबित करने के साथ सूरजमल विहार के एमएलओ सुखदेव को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।
दिल्ली में तेरह ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट हैं, जो 10 मिनट चलते हैं। मानव हस्तक्षेप बिल्कुल नहीं होता है। परीक्षण के दौरान चालक गाड़ी को सही तरह से चलाता है, लेकिन कैमरा इसे ठीक से रिकॉर्ड नहीं करता। इसके कई कारण हैं, जैसे पक्षी सामने से गुजर गया, कुछ कैमरे पर आ गया या कैमरा हिल गया। ऐसे मामलों में, परिवहन विभाग ने एमएलओ को कॉनफ्ल्किट ऑफ रिजल्ट का लाभ देकर चालक को पास करने का अधिकार दिया था। सूत्रों ने बताया कि एमएलओ ने इंस्पेक्टर को इस अधिकार का उपयोग करने की अनुमति दी थी। उसने उसका गलत उपयोग किया।