नोएडा में प्लॉट फर्जीवाड़ा, प्लॉट बेचा फिर कब्जा देने से इनकार, दो बार और बिक्री... कोर्ट का आदेश, FIR करो
Noida: उत्तर प्रदेश के हाइटेक सिटी नोएडा से एक फर्जीवाड़े का हैरान कर देना वाला मामला सामने आया है। यहां एक गांव का दबंग ने बेखौफ होकर ताकत के बल पर एक व्यक्ति को चूना लगा दिया। न्याय की उम्मीद लेकर पीड़ित दर-दर की ठोकरें खाता फिर रहा है। दबंग ने किसान कोटे के प्लॉट का विल, जीपीए और एग्रीमेंट करने के बाद अलॉट होने के बाद भी उसे कब्जा नहीं किया। उसने किसी अन्य को यह प्लॉट बेच दिया। इसके बाद एक और बार उस प्लॉट की बिक्री हुई। इस मामले में मूल किसान और खरीदार के खिलाफ जिला न्यायालय ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश पारित किए हैं। गौतमबुद्ध नगर जिला सत्र एवं न्यायालय, सूरजपुर के वकील गजेंद्र सिंह खारी ने बताया कि यह आदेश एक महत्वपूर्ण मामले में जिला न्यायालय ने पारित किया है।
वकील गजेंद्र सिंह खारी ने बताया कि यह मामला वर्ष 2008 का है। मूल किसान छतरपाल ने अपने 5 फीसदी आवासीय प्लॉट का विल, जीपीए और एग्रीमेंट राजीव गोस्वामी को कर दिया था। विकास शुल्क भी राजीव गोस्वामी की ओर से ही जमा कराया गया था। प्लॉट के अलॉट होने के उपरांत छतरपाल ने उस प्लॉट राजीव गोस्वामी को न देकर बलवीर सिंह को बेच दिया। इसी प्रकार बलबीर सिंह ने आशीष कुमार को इसे बेच दिया। राजीव गोस्वामी ने जब रजिस्ट्री के लिए कहा तो छतरपाल ने राजीव गोस्वामी को स्थानीय निवासी होने की धमकी देकर प्लॉट देने से मना कर दिया।
राजीव गोस्वामी ने गौतमबुद्ध नगर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वकील ने बताया कि पीड़ित पक्ष ने जिला न्यायालय से जांच करने और प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने की प्रार्थना की है। इस पर न्यायालय ने मूल किसान छतरपाल एवं अन्य के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश पारित किए हैं। वकील ने आगे बताया कि नोएडा के दोस्तपुर मंगरौली गांव के रहने वाले छतरपाल सिंह ने अपनी किसान कोटे की जमीन राजीव गोस्वामी को वर्ष 2008 में पांच लाख रुपये में बेची थी।
वकील ने कहा कि दबंग प्रवृति के छतरपाल ने अपनी योजना के अनुसार प्लॉट की सारी रकम पीड़ित से ही जमा करवाई थी। प्लॉट अलॉट होने के बाद छतरपाल ने उक्त प्लॉट पीड़ित को न देकर किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिया। इसके बाद बलबीर सिंह ने किसी तीसरे व्यक्ति आशीष कुमार को बेच दिया।
वकील ने कहा कि 28 अप्रैल 2008 को छतरपाल ने एग्रीमेन्ट-टू-सेल राजीव की पत्नी के नाम रजिस्टर्ड करा दिया और जीपीए राजीव के नाम करा दी। इस प्लॉट के संबंध में शपथपत्र और अन्डरटेकिंग भी दे दी। प्लॉट की बाबत वसीयत पीड़ित की पत्नी के नाम लिख दी। पीड़ित को आश्वस्त किया कि प्लॉट का अलॉटमेंट होते ही बाकी धनराशि 20 हजार रुपये मिलते ही रजिस्ट्री पीड़ित की पत्नी के नाम करा दी जाएगी।
वकील ने आगे बताया कि इसी दौरान दिसम्बर, 2011 में छतरपाल ने पीड़ित से कहा कि प्लॉट की बाबत विकास शुल्क जमा होना है। पीड़ित ने अपने बैंक महामेधा बैंक से ड्रॉफ्ट के जरिये 7 दिसम्बर 2011 को 1,70,500 रुपये विकास शुल्क के रूप में प्राधिकरण के बैंक कैनरा बैंक, सेक्टर-6 नोएडा में जमा करा दिए।
आरोप है कि पीड़ित की ओर से जब प्लॉट के बारे में छतरपाल से सम्पर्क करता रहा तो वह हर बार पीड़ित को टालता रहा। पीड़ित के पूछने पर हर बार कहता कि उक्त प्लॉट का आवंटन अभी नहीं हुआ है। इस दौरान पीड़ित अपनी बेटी की किडनी की बिमारी के इलाज में व्यस्त हो गया। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद जब छतरपाल से मिला और उसने कोई जवाब नहीं दिया।
इस पर पीड़ित को शक हुआ। इसके बाद पीड़ित खुद प्राधिकरण कार्यालय जाकर इस प्लॉट के विषय में जानकारी की तो पता चला कि छतरपाल को उसकी अधिग्रहित भूमि के बदले 5 प्रतिशत प्लॉट का आवंटन काफी पहले नोएडा के सेक्टर-145 स्थित शहदरा में हो गया है। आरोप है कि छतरपाल ने प्लॉट की बिक्री किसी अन्य व्यक्ति को कर दिया। उसने किसी तीसरे व्यक्ति और उसने किसी चौथे व्यक्ति को विक्रय कर दिया।
इसी प्रकार एक प्लॉट को चार लोगों को बेच दिया गया। पीड़ित का आरोप है कि सभी खरीदारों को पता होते हुए कि प्लॉट का जीपीए, विल और एग्रीमेन्ट छतरपाल ने पीड़ित और उसकी पत्नी के नाम कर रखा है। इसके बाद भी धोखाधड़ी से और फर्जी कागजात के आधार पर प्लॉट को बेच दिा। पीड़ित को अपने साथ हुई धोखाधड़ी का एहसास होने पर वह छतरपाल से जाकर मिला।
छतरपाल ने पीड़ित को जान से मारने की धमकी दे डाली। उसने कहा कि हम यहां के स्थानीय निवासी हैं। पैसे और प्लॉट दोनों को भूल जाओ। वरना, नोएडा में रह नहीं पाओगे। दबंग व्यक्ति की धमकी से पीड़ित बुरी तरह डर गया। आरोप है कि इस मामले में पीड़ित ने थाना सेक्टर-113 में शिकायत की लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।
आखिरकार, इंसाफ की उम्मीद लगाए पीड़ित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने प्लॉट से सम्बन्धित सभी दस्तावेज देख कर थाना सेक्टर-113 पुलिस को आरोपियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में केस दर्ज करने का आदेश पारित कर दिया है। इसके साथ ही जिला जज ने थाना पुलिस को मामले की जांच कर कोर्ट को एक सप्ताह में रिपोर्ट जमा करने का भी आदेश दिया है।