जेवर एयरपोर्ट की होगी अपनी कैब सर्विस, दिल्ली-NCR से जोड़ेंगी 1200 ई टैक्सी, महिंद्रा लॉजिस्टिक्स संग समझौता

Greater Noida: जेवर एयरपोर्ट को एनसीआर के बाकी हिस्सों से जोड़ने की कवायद में बड़ा कदम उठाया गया है। नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट (एनआईए) ने शुक्रवार को ऐलान किया अगले हवाई अड्डे के संचालन के साथ-साथ ई टैक्सी सेवा की भी शुरुआत की जाएगी। इसके लिए यमुना एक्सप्रेसवे इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (यापल) ने महिंद्रा लॉजिस्टिक्स मोबिलिटी के साथ समझौता किया है। इसके तहत इलेक्ट्रिक टैक्सी फ्लीट उपलब्ध होगी जो हवाई अड्डे से यात्रियों को लाने और ले जाने के लिए काम करेगी।
अधिकारियों के अनुसार, यह टैक्सी सेवा यात्रियों के लिए 24X7 उपलब्ध होगी। फ्लीट के आकार या किराये के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई, जिसके बारे में सूत्रों ने कहा कि आने वाले हफ्तों में तय किया जाएगा। एयरपोर्ट के एक सूत्र ने बताया, 'फ्लीट का आकार हवाई अड्डे पर यात्रियों की संख्या पर निर्भर करेगा।' फिर भी अनुमाान है कि पहले चरण में 1200 से ज्यादा ई टैक्सी चलेंगी
जेवर से नोएडा की दूरी 60 किमी और दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे की दूरी लगभग 80 किमी है। दिल्ली मेट्रो नेटवर्क और नोएडा मेट्रो की एक्वा लाइन यात्रियों को ग्रेटर नोएडा में पारी चौक तक ले जा सकती है, लेकिन यह भी जेवर हवाई अड्डे से 40 किमी दूर है।
हालांकि, यूपी सरकार के पास कनेक्टिविटी के कई विकल्प हैं, जिनमें एक मेट्रो लाइन और रैपिड रेल शामिल हैं। लेकिन ये लंबी अवधि की योजनाएं हैं। नोएडा एयरपोर्ट से अप्रैल 2025 में कमर्शियल उड़ानें चालू हो जाएंगी। इसके लिए टैक्सी और बसों के जरिए ही कनेक्टिविटी योजना बनानी होगी।
हालांकि एक बस सेवा की भी चर्चा है, लेकिन यह टैक्सी सेवा एनआईए या यूपी सरकार द्वारा घोषित की गई पहली ठोस पहल है। इसका उपयोग यात्री हवाई अड्डे के संचालन शुरू होने के तुरंत बाद किया जा सकता है।
हवाई अड्डे पर मौजूद इन इलेक्ट्रिक टैक्सियों को कई माध्यम से बुक किया जा सकता है, इनमें मोबाइल ऐप, वेबसाइट, हवाई अड्डे के कियोस्क और 24/7 कॉल सेंटर शामिल हैं। यापाल के सीईओ क्रिस्टॉफ श्नेलमैन ने कहा, 'यह हवाई अड्डा टैक्सी सेवा यात्री सुविधा और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के लिए मानक स्थापित करेगा। यह अपनी तरह का पहला उदाहरण होगा।'
नोएडा हवाई अड्डे का विकास कई चरणों में योजनाबद्ध है। इसमें प्रारंभिक चरण में एक रनवे और एक टर्मिनल शामिल है जो सालाना 12 मिलियन यात्रियों को संभालने में सक्षम है। चौथे चरण के अंत में, हवाई अड्डे को उम्मीद है कि उसकी क्षमता सालाना 70 मिलियन यात्रियों की हो जाएगी। 9 दिसंबर को, हवाई अड्डे ने सफलतापूर्वक अपनी पहली यात्री उड़ान को मंजूरी दे दी।