किसानों ने निकाला मार्च चिल्ला बॉर्डर पर सुबह लगा ट्रैफिक जाम
Noida: किसानों और श्रमिक संगठनों के शुक्रवार को भारत बंद के ऐलान को लेकर पुलिस सतर्क रही। सुबह के समय दिल्ली पुलिस ने चिल्ला बॉर्डर पर दिल्ली में जाने वाले वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी। यहां पर बैरिकेड्स लगाकर सड़क का कुछ हिस्सा भी घेरा गया था। पुलिस की तैयारी थी कि अगर एकदम से भीड़ आए तो उसे रोक लिया जाए। इस वजह से ट्रैफिक पूरी क्षमता के साथ नहीं निकल पाया। सुबह के समय पीक आवर में चिल्ला बॉर्डर पर ट्रैफिक फंस गया।
डीएनडी पर भी दिल्ली पुलिस मौजूद रही। लेकिन यहां पर ट्रैफिक नहीं फंसा। चिल्ला बॉर्डर पर भी 11 बजे के बाद ट्रैफिक सामान्य हो गया। नोएडा पुलिस के अधिकारी भी सतर्क रहे। अडिशनल पुलिस कमिश्नर शिव हरि मीणा, डीसीपी विद्या सागर मिश्रा, एडीसीपी मनीष मिश्रा समेत अन्य पुलिस अधिकारियों ने चिल्ला व डीएनडी बॉर्डर का निरीक्षण किया।
बंद के समर्थन में एनटीपीसी मुख्यालय पर धरना दे रहे किसानों ने भारतीय किसान परिषद के नेतृत्व में मार्च निकाला। किसानों ने कहा कि हम सब किसान हैं, हमारी कोई जाति या धर्म नहीं होता। हमारे मुद्दे भिन्न हो सकते हैं, किंतु मनसा एक है कि किसानों के काम होने चाहिए। इस दौरान किसानों ने एनटीपीसी सेक्टर 24 पर इकट्ठा होकर नारेबाजी की।
किसानों ने कहा कि हमारी समस्याओं के हल के लिए अथॉरिटी अधिकारियों ने 18 फरवरी तक का हाईलेवल कमिटी गठित करने का समय दिया है। जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होता, हम आंदोलन करते रहेंगे। इस दौरान जयप्रकाश भाटी, शारदा राम कसाना, विनीत अवाना, सुंदर भाटी, वीरेंद्र चौहान, प्रेमपाल चौहान, प्रवीण चौहान, संदीप चौहान, जयवीर प्रधान, नरेंद्र यादव, मुकेश यादव, सुधीर चौहान, सोनू यादव, मुकेश बीडीसी आदि मौजूद रहे।
मजदूर संगठन व संयुक्त किसान मोर्चे के संयुक्त आह्वान पर शुक्रवार को घोषित देशव्यापी हड़ताल को पुलिस प्रशासन ने विफल कर दिया। कुछ औद्योगिक एरिया में श्रमिकों ने जुलूस निकाला। हड़ताल के समर्थन में उतरे किसानों ने भी मार्च किया। वहीं पुलिस ने सीटू के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को उनके सेक्टर 8 कार्यालय पर रोक लिया। जिससे वे बाहर सड़कों पर नहीं उतर पाए।
बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, श्रम कानूनों के उल्लंघन, मजदूर विरोधी लेबर कोडों को रद्द करवाने, न्यूनतम वेतन रुपये 26000 घोषित करवाने समेत कई मांगों को लेकर मजदूर व किसान संगठनों ने हड़ताल की तैयारी की थी। जिसपर पुलिस ने सेक्टर 8 स्थित सीटू कार्यालय पर जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त सहित अन्य कार्यकर्ताओं को पुलिस ने वहीं रोक दिया। वहीं, सीटू नेता रामस्वारथ, सुनील पंडित, हुकम सिंह, ऐक्टू नेता अमर सिंह के नेतृत्व में भंगेल से जुलूस निकाला, जो थाना फेस-2 नोएडा पर विरोध प्रदर्शन सभा के बाद समाप्त हुआ।
अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में सैकड़ों किसान अवध ग्रीन गोल चक्कर के पास एकत्र हुए। इसके बाद विभिन्न मार्गों से होते हुए वे परी चौक पर पहुंचे। जहां काफी देर उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों का कहना था कि जब तक समस्याओं को समाधान नहीं होगा, वे प्रदर्शन करते रहेंगे। किसान सभा के जिलाध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों से किए वादे पूरे नहीं किए हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का वादा किया गया था। जिसको लेकर किसान आज भी आंदोलन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन ग्रेनो प्राधिकरण पर किसान सभा के धरने पर खत्म हुआ। इस दौरान निरंकार प्रधान, शिशांत भाटी, अजय पाल, प्रशांत भाटी, मोहित नागर, विनोद सरपंच, पप्पू ठेकेदार, सुरेंद्र भाटी, मनवीर भाटी, अभय भाटी आदि मौजूद रहे।
ग्रेटर नोएडा पहुंचकर धरने में शामिल होने जा रहे बीकेयू अजगह के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को कस्बे में पुलिस ने रोक लिया। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच कहासुनी भी हुई, लेकिन पुलिस ने किसी को आगे नहीं जाने दिया।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरवीर नागर ने बताया कि बंद के समर्थन में कार्यकर्ताओं ने दनकौर कार्यालय में बैठक की थी। जिसके बाद वे ग्रेनो रवाना हो रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें रोक लिया। काफी देर तक पुलिस से उनकी कहासुनी हुई। किसानों का कहना है कि पुलिस प्रशासन उनके मनोबल को कम नहीं कर पाएगा। वे आगे भी प्रदर्शन करते रहेंगे।
वहीं ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के पास स्थित सिरसा टोल प्लाजा पर किसानों की समस्याओं पर धरना प्रदर्शन करने जा रहे बीकेयू चढ़ूनी के पदाधिकारियों को पुलिस ने कस्बे के पास ही रोक दिया। जिसके बाद किसानों ने एसएचओ संजय सिंह को ज्ञापन सौंप दिया। पुलिस ने किसानों को रोककर उन्हें वापस भेज दिया।