पूर्व IAS मोहिंदर सिंह के साथ रमा रमण की भी भूमिका जांचेगा ईडी, ये भी थे नोएडा अथॉरिटी के CEO
Noida: नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह के बाद अब अथॉरिटी में तीन साल से अधिक समय तक सीईओ रहे रमा रमण के कार्यकाल में हुए कई कथित घोटालों की जांच भी अब ईडी करेगी। समाजवादी पार्टी सरकार में रमा रमण को अगस्त 2016 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद हटाया गया था। इनके कार्यकाल में कई बिल्डरों को दी गई जमीन आवंटन की जांच अब ईडी करेगी।
हैसिंडा प्रॉजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके प्रमोटरों, निदेशकों व संबंधित संस्थाओं द्वारा 'लोटस 300' प्रॉजेक्ट्स के जरिए निवेशकों से 426 करोड़ की धोखाधडी के मामले में अब ईडी की कार्रवाई का दायरा और बढ़ गया है। ईडी रिटायर्ड आईएएस मोहिंदर सिंह के बाद अथॉरिटी में 2010 से 2016 तक तैनात रहे अफसरों की भूमिका जांचेगा। मोहिंदर ने ईडी को दिए बयान में बताया है कि 2010 में वह सीईओ के पद से हट गए थे। प्रॉजेक्ट से जुड़ी बाकी औपचारिकताएं उनके बाद तैनात रहे अफसरों के कार्यकाल में पूरी हुईं।
सरदार मोहिंदर सिंह के बाद रमा रमण विवादास्पद सीईओ रहे हैं। वह नोएडा के साथ ग्रेटर नोएडा व यमुना अथॉरिटी के भी अध्यक्ष थे। रमा रमण के खिलाफ नोएडा के जितेंद्र कुमार गोयल की याचिका पर कार्रवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक जुलाई 2016 को उनकी शक्तियां जब्त कर ली थीं। तीन वर्षों तक तीन पदों पर काबिज रहे रमा रमण की तैनाती पर हाई कोर्ट में सपा सरकार की भी खूब किरकिरी हुई थी। हाई कोर्ट ने रमारमण को किसी अन्य पद पर स्थानांतरित करने का निर्णय लेने का निर्देश दिया था।