प्रतिबंध के बाद भी इंस्टाग्राम पर बिक रही ई-सिगरेट

प्रतिबंध के बाद भी इंस्टाग्राम पर बिक रही  ई-सिगरेट

 Noida: औद्योगिक नगरी में चीन में बनने वाली ई-सिगरेट नेपाल के रास्ते दिल्ली पहुंचने के बाद अब इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंच रही है। गिरोह से जुड़े लोग इंस्टाग्राम पर आईडी बनाकर ई-सिगरेट की आपूर्ति कर रहे हैं। गिरोह के सदस्यों ने बकायदा इंस्टाग्राम पर आपूर्ति वाले उन शहरों का नाम भी लिख रहा है, जहां वह आपूर्ति कर रहे हैं।

जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ (डीटीसीसी) की प्रभारी डॉ. श्वेता खुराना का कहना है कि सेक्टर-39 कोतवाली पुलिस ने पिछले माह दो तस्करों को गिरफ्तार कर कब्जे से तीन किलो 100 ग्राम गांजा व 960 ई-सिगरेट बरामद की थी। जांच में पता चला कि ई-सिगरेट चीन में बनी ई-सिगरेट नेपाल के रास्ते उत्तराखंड आती थी। वहां से पीलीभीत के रास्ते दिल्ली पहुंचती थी। वहां से दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग कॉलेज, बार, रेस्तरां, बड़े पान दुकानदारों को इंटरनेट मीडिया मसलन फेसबुक, इंस्टाग्राम पेज, वाट्सऐप ग्रुप, फर्जी टेलीग्राम ग्रुप बनाकर इन्हें बेचा जाता था।

जांच में पता चला है कि वेपे, जूल नाम से कई इंस्ट्राग्राम पर आइडी बनी हुई हैं, जो ई-सिगरेट की बिक्री करती हैं। आई डाट वेपइंडिया नाम से एक चल रहे ई-सिगरेट की बिक्री जा रही है। इस पेज पर बकायदा हैदराबाद, दिल्ली, गुजरात मुंबई, चेन्नई में डिलीवरी की बात कही गई है। गिरोह ने एक कम्युनिटी वाट्सएप ग्रुप भी बना रखा है, जो 2019 से संचालित है। इंस्टाग्राम पर पेज बनाकर ई-सिगरेट की बिक्री पर रोक लगाने के लिए शासन को सूचना देंगे। जिससे प्रदेश सरकार केंद्र सरकार से ऐसे पेज को प्रतिबंधित करने की जानकारी दे सके।

वेप सेलर, वेप ठेका, आल आबाउट वेप्स, किंग आफ वेप, वेप हैदराबाद, वेप हब इंडिया, एल्फबार, वेप मार्केट इंडिया, वेप आफिशियल, वेप इंडिया, वेप दुकान, गुरु हुक्का आदि।

ई-सिगरेट को पेन, लाइटर, पेन ड्राइवर, चाभी आदि के रूप में आकार देकर बेचा जा रहा है। जिससे बिक्री और सेवन के दौरान पकड़ से दूर रहा जा सके।

ई-सिगरेट एक खास प्रकार का इलेक्ट्रानिक गैजेट है, जिसको बैटरी के जरिये चलाया जाता है। लोग इस डिवाइस के माध्यम से बिना तंबाकू के पदार्थों को इनहेल करते हैं। जिले में ई-सिगरेट का अवैध कारोबार लाखों का है। चीन से दिल्ली के रास्ते ई सिगरेट के उत्पादों को बाजारों तक लाया जा रहा है। ई-सिगरेट तंबाकू और सिगरेट से ज्यादा हानिकारक है। ई-सिगरेट लोगों के सांस, फेफड़े समेत हृदय की गंभीर बीमारियां होती हैं। जो महिलाएं ई-सिगरेट का सेवन करती हैं, उनको गर्भावस्था से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

इलेक्ट्रानिक सिगरेट निषेध अधिनियम-2019 में लागू हुआ था। इसके अंतर्गत ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर बैन है। देश में ई-सिगरेट पर साल 2019 से बैन लगा हुआ है। बावजूद इंटरनेट मीडिया पर धड़ल्ले से इसे बेचा जा रहा है। पहली बार इसका उल्लंघन करने वालों को एक साल तक की सजा होगी और एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा। लगातार उल्लंघन करने वालों को तीन साल तक की सजा या पांच लाख रुपये का जुर्माना है।

औद्योगिक नगरी में हुक्का बिक्री पर भी प्रतिबंध है। बावजूद जिले के रेस्तरां, बार में ग्राहकों को हर्बल हुक्के के नाम पर इसे परोसा जा रहा है। चोरी-छिपे इसका इस्तेमाल युवक, युवती कर रहे हैं। वहीं पान दुकान की आड़ में हुक्के का सामान धड़ल्ले से बेचा जा रहा है।